लाइव शो के दौरान आपस में भीड़े एमएसके प्रसाद और गौतम गंभीर, देखने को मिली जबरदस्त नोंकझोंक
Published - 23 May 2020, 06:00 AM

विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल में मिली हार आज भी तमाम देशवासियों को याद है. वह एक ऐसी हार थी, जिसके चलते टीम इंडिया के विश्व कप जीतने का सपना मात्र एक सपना बनकर ही रह गया. आये दिन कई पूर्व खिलाड़ी इस बात की चर्चा करते नजर आते है कि वर्ल्ड कप में टीम की हार का सबसे बड़ा कारण टीम में अनुभवहीन खिलाड़ियों का चयन था.
हाल में ही युवराज सिंह ने भी अपने बयान में यह बात कही थी कि भारतीय टीम को वर्ल्ड कप में हार खराब चयन की वजह से मिली. अब गौतम गंभीर ने एक बार फिर से इसी मुद्दें पर आग में घी डालने का काम किया.
गंभीर और एमएस के हुई नोंकझोंक
दरअसल गौतम गंभीर में स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' के दौरान चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये. गंभीर ने पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद और के श्रीकांत से कहा कि सिलेक्टर्स को ज्यादा अनुभवी होना चाहिए. बस उनके इस बयान के बाद प्रसाद ने इसका विरोध किया और दोनों में इसको लेकर नोंकझोंक देखने को मिली.
शो के दौरान गंभीर ने कहा, ''अब समय आ गया है कि कप्तान और कोच को सिलेक्शन प्रक्रिया में वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए. समय आ गया है कि अब कप्तान भी सिलेक्टर बने. प्लेइंग-11 में सिलेक्टर्स का कोई दखल नहीं होगा चाहिए.''
साथ ही गौतम गंभीर ने यह भी कहा कि टीम चुनने का पूरा अधिकार कप्तान के पास होना चाहिए. इस पर पूर्व मुख्य चयनकर्ता ने कहा 'टीम सिलेक्शन में हमेशा कप्तान की सलाह ली जाती है. इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन बीसीसीआई के नियमों के तहत उसके पास वोटिंग का अधिकार नहीं होता है.''
रायडू का चयन ना होना आज तक समझ से परे
विश्व कप के चयन के दौरान नंबर 4 की सबसे पहली पसंद अंबाती रायडू के स्थान पर टीम में विजय शंकर को चुना गया था. इसको याद करते हुए गंभीर ने कहा,
‘‘सिलेक्टर्स के कई फैसला चौंकाने वाले रहे. कम से कम अंबाती रायडू को वर्ल्ड कप के लिए न चुनना तो हैरान करने वाला था. इसके बाद देखिए कि रायडू के साथ क्या हुआ. आपने उसे दो साल के लिए टीम में रखा. इस दौरान उसने चार नंबर पर बल्लेबाजी की, लेकिन वर्ल्ड कप से ठीक पहले आपको थ्री-डी प्लेयर की जरूरत पड़ गई.''
इस पर एमएसके प्रसाद ने कहा, टीम में ऊपरी क्रम में रोहित, विराट, शिखर यह सब बल्लेबाज थे. इनमें से कोई भी गेंदबाजी नहीं कर सकता था. ऐसे में इंग्लैंड के मौसम के हिसाब से हमें ऐसा खिलाड़ी चाहिए था, जो ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने के अलावा गेंदबाजी भी कर पाए. इसलिए विजय शंकर को चुना गया