IND vs ENG: हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट मैट भारतीय टीम ने बैजबॉल क्रिकेट में विश्वास रखने वाली इंग्लैंड को पहले ही दिन 246 रनों परों ढेर कर दिया. इस मुकाबले में भारतीय स्पिनर गेंदबाजों का दबदबा देखने को मिला. लेकिन, यह पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी को हजम नहीं हो पा रही है. उन्होंने टीम इंडिया की शानदार गेंदबाजी की तारीफ करने की वजाए SG की गेंद पर सवाल उठाने शुरु कर दिए. उन्होंने एक्स पर अपनी राय रखते हुए बताया कि इंग्लैंड की एसजी की गेंद पर क्यों बैजबॉल क्रिकेट में सफल नहीं हो सकती.
IND vs ENG: भारत की गेंदबाजी के सामने अंग्रेजों ने टेके घुटने
भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला हैदराबाज में खेला जा रहा है. इंग्लिश टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 64.3 ओवरों में 246 रन बनाकर सिमेट गई. इसका पूरा श्रेय इंडिया के स्पिन गेंदबाजों को जाता है. 11 में से 8 विकेट स्पिनरों ने अपने नाम किए. बता दें कि अश्विन और जडेजा ने 3-3 विकेट लिए. जबकि अक्षर पटेल ने 2 विकेट चटकाए और 2 विकेट तेज गेंदबाद जसप्रीत बुमराह के हिस्से में आए.
पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी ने SG की बॉल पर उठाए सवाल!
पाकिस्तान के टीम के पूर्व खिलाड़ी राशिद लतीफ (Rashid Latif) का भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के के बीच खेले गए पहले टेस्ट पर रिक्शन सामने आया है. माना रहा था इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ बैजबॉल क्रिकेट जारी रखेगी. लेकिन, भारतीय गेंदबाजों के सामने इंग्लिश बल्लेबाजों को एक नहीं चली. राशिद लतीफ ने एक्स पर विवरण करते हुए बताया कि इग्लैंड भारत में अटैकिंग क्रिकेट क्यों नहीं खेल सकती?
''बज़बॉल क्रिकेट लगातार सफल क्यों नहीं होगी? इंग्लैंड की बैज़बॉल शैली भारत में काम नहीं कर सकतीय़ क्योंकि एसजी गेंद, मौसम और पिच की स्थिति भारतीय स्पिनरों के पक्ष में है.''
कूकाबूरा, एसजी और ड्यूक की गेंदों की सिलाई में है अंतर
राशिद लतीफ (Rashid Latif) पाकिस्तान के चर्चित खिलाड़ियों में एक रहे हैं. वह क्रिकेट पर बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखते हैं. उनके बयानों के फैंस काफी सीरियस लेते हैं. ऐसे में उनके इस प्रतिक्रिया को हलके में नहीं लिया जा सकता है. बता दें दुनिया में टेस्ट क्रिकेट कूकाबूरा (ऑस्ट्रेलिया), (एसजी भारत) और ड्यूक (इंग्लैंड) की गेंद के साथ खेला जाता है जिनकी सिलाई में काफी बड़ा अंतर होता है. उसी अंतर के बताने के लिए राशिद ने एक्स पर लिया,
''पहला बुनियादी अंतर सिलाई में है. एसजी गेंद को हाथ से सिला भी जाता है और 1994 से भारत में टेस्ट मैचों के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. एसजी गेंद की सीम अधिक उभरी हुई होती है और धागे कूकाबूरा की तुलना में एक-दूसरे के करीब होते हैं. मौसम की स्थिति और पिचोंवर्षों से क्रिकेट गेंद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी पिचों पर कूकाबूरा गेंद ही सबसे उपयुक्त होती है.''
उन्होंने इसके अलावा रविंद्र जडेजा, अक्षर पटेल और आर अश्विन के स्टेट्स भी सांझा किए. जिसमें इन तीनों खिलाड़ियों ने SG की बॉल से भारत में शानदार आंकड़े दर्शाए गए हैं . अश्विन ने 339, जडेजा ने 195 और अक्षर पटेल 43 विकेट चटकाए हैं.
Why the Bazball phenomenon will not be consistently successful?
— Rashid Latif | 🇵🇰 (@iRashidLatif68) January 25, 2024
England's style of bazball may not work in India because the SG ball, weather and the pitch condition, favors Indian quality spinners.
In India with SG Balls W Ave
Ravichandran Ashwin… pic.twitter.com/pmKXL0t5YP