टेस्ट क्रिकेट के वो 5 भारतीय सलामी बल्लेबाज जो शुरू में कमाल कर बाद में हुए फ्लॉप

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हर एक टीम के लिए बल्लेबाजी की शुरुआत काफी अहम रहती है. अगर टीम को अच्छी शुरुआत मिलती है तो मैच का रोमांच बढ़ जाता है. इसके साथ ही टीम के लिए मैच जीतने या बड़ा टारगेट खड़ा करने में आसानी होती है. इंटरनेशनल क्रिकेट में अच्छी शुरुआत के लिए टीम को हमेशा बढ़िया ओपनर्स की तलाश होती है.
हर एक टीम के पास अपने स्पेशलिस्ट ओपनर्स रहते हैं. क्रिकेट के तीनों ही प्रारूपों में ओपनर्स का काफी अहम रोल होता है. क्रिकेट जगत इतिहास में अभी तक कई सारे बढ़िया ओपनिंग बल्लेबाज आए हैं. क्रिकेट इतिहास में ऐसे में कुछ मौके आए हैं, जब ओपनर्स ने अपने दम पर टीम को मैच जिताएं हैं.
वहीं कुछ ऐसे भी मैच रहे हैं, जब टीम के दोनों ओपनर बल्लेबाज के तौर पर शुरू में किसी खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन बाद में उस खिलाड़ी की फॉर्म ने उसका साथ छोड़ दिया. जिसके कारण उस खिलाड़ी का क्रिकेट करियर ज्यादा आगे नहीं बढ़ सका. इसी क्रम में आज हम आपको उन 5 ओपनर खिलाड़ियों के बारे में बताएँगे जिन्होंने अपने करियर के शुरूआती मैचों में धमाल करने के बाद ज्यादा दिनों तक अपना यह कमाल जारी नहीं रख सके. जिससे उन्हें टीम से बाहर ह्योना पड़ा. तो चलिए शुरू करते हैं.
5. अभिनव मुकुंद
भारतीय टीम के प्रतिभाशाली ओपनर बल्लेबाज अभिनव मुकुंद का क्रिकेट करियर बड़ा ही उतार चढ़ाव रहा है. घरेलू क्रिकेट में निरंतर बेहतरीन खेल के बाद अभिनव मुकुंद को 2011 में बतौर ओपनर भारतीय टीम में जगह मिली थी. मुकुंद उस समय वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुने गए थे, जहाँ उन्होंने शानदार खेल भी दिखाया था.
हालाँकि इसके बाद वो इंग्लैंड दौरे में बुरी तरह फ्लॉप हो गए. जिसके बाद वो लगातार टीम से बाहर रहे थे. मुकुंद ने फिर एक बार 2017 में मुरली विजय की जगह टीम वापसी की. इस दौरान उन्होंने दो टेस्ट खेले. पर इसके बाद खराब प्रदर्शन के कारण टीम में उनका चयन नहीं हुआ.
टेस्ट क्रिकेट में बतौर ओपनर लगातार फ्लॉप होने के बाद आपको ज्यादा मौके नहीं मिलते क्योंकि सलामी बल्लेबाज के ख़राब प्रदर्शन के कारण टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाजों को ज्यादा दबाव में खेलना पड़ता है. अभिनव मुकुंद ने भारतीय टीम के लिए अब तक 14 पारियों में सिर्फ 320 रन बनाए हैं. इसमें दो अर्धशतकीय पारियां शामिल है. इस दौरान उनका उच्चतम स्कोर 81 रन रहा था.
4. आकाश चोपड़ा
भारतीय टीम के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ 2003 में डेब्यू करने वाले आकाश चोपड़ा ने बतौर ओपनर शुरूआती मैचों में शानदार प्रदर्शन किया था. हालाँकि वो इस शुरुआत को ज्यादा दिनों तक कायम नहीं रख सके. आकाश चोपड़ा अपने पूरे करियर में एक शतक भी नहीं लगा पाए.
आकाश चोपड़ा ने जितना नाम एक क्रिकेटर के तौर पर नहीं कमाया उससे अधिक उन्होंने कमेंटेटर के तौर पर ख्याती प्राप्त की है. इस समय संभवतया वो भारत के सबसे अच्छे हिंदी कमेंटेटर हैं. कई सारे लोगों को तो आकाश चोपड़ा के क्रिकेट करियर के बारे में तब जानकारी मिली जब उन्होंने कमेंटेटर के तौर पर उन्हें टीवी में देखा.
आकाश चोपड़ा ने भारतीय टीम के लिए कुल 10 मैच खेले और 437 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से दो अर्धशतक निकले. 60 रन उनका उच्च स्कोर रहा. इस प्रदर्शन के बाद उनको टीम में वापस जगह नहीं मिली.
3. सदगोपन रमेश
सदगोपन रमेश की गिनती भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास के बेहतरीन बल्लेबाजों में की जाती है, क्योंकि उन्होंने साल 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ चार पारियों में 200 से भी ज्यादा रन बनाकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं. इस बल्लेबाज ने अगली सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ भी शानदार 143 रन बनाए और राहुल द्रविड़ के साथ मिलकर 232 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी की थी.
हालांकि इसके बाद वह बड़ा स्कोर बनाने में लगातार असफल रहे. रमेश ने 1999 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में 4 पारियों में मात्र 60 रन ही बनाए थे. जिसके बाद वो टीम से भी बाहर हुए. इसके बाद उनकी वापसी श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में हुए.
रमेश ने अपनी अंतिम टेस्ट सीरीज श्रीलंका के खिलाफ ही खेला था. उन्होंने उसमें 37.16 के औसत से 223 रन बनाए थे लेकिन इसके बाद वो कभी वापसी नहीं कर सके. रमेश ने भारत के लिए अपने टेस्ट करियर में 19 मैच खेले और 36 के करीब की औसत से 1367 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 2 शतक भी निकले थे.
2. देवांग गांधी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज देवांग गांधी हमारी इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर आते हैं. देबांग गाँधी भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत तो शानदार की, लेकिन बाद में फ्लॉप हो गए. दरअसल देबांग ने 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था.
पहले दो मैचों में उन्होंने लगभग 200 रन बनाकर सभी को काफी प्रभावित किया था. हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वह लगातार संघर्ष करते हुए नज़र आए. उन्होंने दोनों मैचों में अपना विकेट सस्ते में गवां दिया. जिसके कारण उनका टेस्ट क्रिकेट करियर सिर्फ चार टेस्ट मैचों में ही सिमट कर रहा गया. जिसमें उन्होंने मात्र 204 रन बनाए.
1. शिव सुन्दर दास
शिव सुंदर दास एक क्लासिक ओपनर बल्लेबाज थे. उन्होंने अपने करियर के शुरुआत में शानदार खेल दिखाया था, लेकिन विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग के टीम में आने के बाद टीम में उनकी जगह नहीं बन सकी. दास नई गेंद के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे, लेकिन मात्र 23 टेस्ट मैच तक ही उनका करियर चल सका जो कि उनकी प्रतिभा से बिल्कुल भी न्याय नहीं है.
दास उड़ीसा से भारतीय टीम में खेलने वाले दूसरे खिलाड़ी थे. बांग्लादेश के खिलाफ वो टेस्ट मैच उनका पहला टेस्ट मैच था. भारतीय टीम की तरफ से उन्होंने अपना आखिरी मैच साल 2002 में खेला था. हालांकि जनवरी 2013 तक उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा. हाल ही में उन्होंने चयनकर्ता बनने में भी रुचि दिखाई थी. उन्होंने अपने करियर में 23 टेस्ट मैच खेले जिसमें 35 की औसत से 1326 रन बनाए.
दास एक बार हिट विकेट भी हुए थे. दरअसल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक कोलकाता टेस्ट की दूसरी पारी में शिव सुंदर दास 39 रन बनाकर जेसन गिलेस्पी की गेंद पर हिट विकेट आउट हुए थे.
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