17 अक्टूबर से T20 क्रिकेट का विश्वकप शुरू होने वाला है। जिसके लिए सभी टीमों ने कमर कस ली है। वैसे बता दें कि T20 क्रिकेट में हर टीम को सिर्फ 120 गेंदें ही मिलती हैं। ऐसे में सभी को आक्रामक रूप से बल्लेबाजी करनी पड़ती है। क्योंकि सभी टीमों में धाकड़ बल्लेबाज मौजूद हैं और अगर जल्दी से बड़ा स्कोर नहीं बनाया गया तो फिर जीत भी मुश्किल से ही मिलती है।
वैसे तो कम गेंदों में ज्यादा रन बनाने का हुनर कई बल्लेबाजों के पास है, लेकिन बहुत कम ही ऐसे हैं जो अपने स्कोर को शतक में बदल पाते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ बल्लेबाजों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने T20 WORLD CUP में सबसे कम गेंदों में शतक लगाया है।
इन बल्लेबाजों ने लगाए हैं तेजी से शतक
1. क्रिस गेल (48 गेंद बनाम इंग्लैंड)
वेस्टइंडीज के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल को तो उनकी आक्रामकता के लिए जाना ही जाता है और T20 क्रिकेट में तो यह एक और लेवल ऊपर बढ़ जाता है। दरअसल उनके बल्ले के सामने आचे से अच्छा गेंदबाजी आक्रमण पानी भरने लगता है। उनका यह अंदाज 2016 के T20 WORLD CUP में इंग्लैंड के खिलाफ देखने को मिला।
जब इंग्लैंड ने वेटइंडीज को 20 ओवरों में 183 रनों का लक्ष्य दिया। इसके बाद पारी की शुरुआत करने उतरे क्रिस गेल ने 48 में ताबड़तोड़ 11 छक्कों व सिर्फ 5 चौकों की मदद से 100 रन बना दिए। इसकी मदद से कैरेबियन टीम ने 18.1 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर मैच को 6 विकेट से अपने नाम कर लिया।
2. क्रिस गेल (57 गेंद बनाम दक्षिण अफ्रीका)
बात T20 क्रिकेट के पहले विश्व कप की है, जो 2007 में दक्षिण अफ्रीका में ही खेला गया था। इस टूर्नामेंट के ग्रुप ए के पहले ही मैच की बात है, जिसमें 11 सितंबर को जोहान्सबर्ग की पिच पर साउथ अफ्रीका व वेस्टइंडीज की टीमें आमने-सामने थीं। किसी को भी नहीं पता था कि यह मैच रोमांचक होने के साथ ही रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो जाएगा।
बता दें कि मैच में अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी और फिर पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टइंडीज टीम ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 205 रन बना दिए। इस स्कोर में सबसे मुख्य आकर्षण रही क्रिस गेल की पारी, जिन्होंने 57 गेंदों में ही 10 छक्कों व 7 चौकों की मदद से 117 रन बना दिए थे। हालांकि इसके बाद हर्षल गिब्स की नाबाद 90 रनों की बदौलत अफ्रीकी टीम ने मैच को आठ विकेट से अपने नाम कर लिया।
3. सुरेश रैना (60 गेंद बनाम दक्षिण अफ्रीका)
भारतीय टीम के पूर्व मध्यक्रम के भरोसेमंद बल्लेबाज और बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ी सुरेश रैना ने 2010 के T20 WORLD CUP में पांचवें मैच में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आतिशी शतक लगा दिया था और इसी के साथ वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में भारत के लिए शतक बनाने वाले बल्लेबाज बन गए थे। इस मैच में टॉस हारकर भारत पहले बल्लेबाजी करने के लिए आया था।
पारी की शुरुआत में ही टीम के दोनों सलामी बल्लेबाज 32 रन पर ही पवेलियन लौट गए थे। इसके बाद सुरेश रैना ने 5 छक्कों व 9 चौकों की मदद से 60 गेंदों में ही 101 रन बना दिए थे। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 168.33 का था। इसकी मदद से टीम इंडिया ने 5 विकेट पर 186 रन बना दिए थे। इसके बाद गेंदबाजों के सधे प्रदर्शन की वजह से अफ्रीकी टीम 172 रन ही बना सकी थी।
4. अहमद शहजाद (62 गेंद बनाम बांग्लादेश)
बात 2014 के T20 WORLD CUP के 27वें मैच की है, जब ढाका के मैदान पर पाकिस्तान व बांग्लादेश की टीमें आमने-सामने थीं। इस मैच में भी पाकिस्तान के एक सलामी बल्लेबाज अहमद शहजाद ने आतिशी शतक जड़ दिया था और इसी के साथ वो पाकिस्तान के लिए तीनों प्रारूपों में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे। शहजाद ने इस मैच में नाबाद 111 रन की पारी खेली थी।
बता दें कि T20 WORLD CUP के इस मैच में पाकिस्तान टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की थी और अहमद शहजाद के 62 गेंदों में 10 चौकों व 5 छक्कों से सजी इस शतकीय पारी की मदद से 5 विकेट खोकर 190 रन बनाए। इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम को तेज गेंदबाजी के दम पर 140 रन पर ही रोक कर मैच 50 रन से जीत लिया था।
5. तमीम इकबाल (63 गेंद बनाम ओमान)
बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज और सबसे भरोसेमंद खिलाड़ी तमीम इकबाल इस लिस्ट के अगले खिलाड़ी हैं, जिनके नाम T20 WORLD CUP में आतिशी शतक लगाने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने यह शतक 13 मार्च 2016 को धर्मशाला में ओमान के खिलाफ लगाया था। बता दें कि बांग्लादेश के इस सलामी बल्लेबाज ने सिर्फ 63 गेंदों में ही 5 छक्कों व 10 चौकों की मदद से शतक जड़ दिया था।
बता दें कि मैच में ओमान टीम के कप्तान सुल्तान अहमद ने टॉस जीतकर पहले बांग्लादेश को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। तब तमीम इकबाल के नाबाद 103 रनों की बदौलत टीम ने 20 ओवर में 180 रन बना दिए थे। इसके बाद जब ओमान लक्ष्य का पीछा करने उतरी तब शाकिब अल हसन की घातक गेंदबाजी की बदौलत उसे सिर्फ 65 रन पर ही रोककर मैच को डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर 54 रनों से जीत लिया।