ENG vs IND: एक हाथ का था वह भारतीय गेंदबाज, जिसके नाम है इंग्लैंड में सबसे अधिक विकेट
Published - 03 Aug 2018, 10:42 AM

2007 से कुल 10 साल बाद अब भारतीय टीम पिछले 1 अगस्त से टेस्ट सीरीज जीतने की जंग में जुट गई हैं। पहले टेस्ट के दो दिन पूरे हो चुके हैं और मुकाबला काफी कड़ा चल रहा हैं। पहली पारी में भारत ने इंग्लैंड को 287 रनों पर रोक दिया तो उसके बाद इंग्लैंड ने भारत को 274 पर आल आउट कर दिया।
इंग्लैंड अपनी दूसरी पारी के लिए मैदान पर उतर चुका हैं और 9 रन के स्कोर पर पेहला विकेट खो चुका हैं। इस टेस्ट श्रृंखला भी भारतीय स्पिनर अश्विन का ही जलवा रहा। इंग्लिश मैदानों पर भारतीय स्पिनर्स का इतिहास पहले से काफी अच्छा हैं।
भारत के इस इंग्लैंड दौरे पर भी स्पिनर्स का बोल बाला रहा हैं। पहले टी-20 और वनडे में कुलदीप यादव और उसके बाद अब टेस्ट में अश्विन के स्पिन का जादू सर चढ़कर बोल रहा हैं।
इंग्लैंड में भारत की तरफ से सबसे अधिक विकेट लेने की सूची में टॉप तीन स्पिनर्स हैं
On left is bhagvat chandrasekhar and on right is anil kumble
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, इंग्लैंड में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप 3 भारतीय गेंदबाज स्पिनर ही हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम भगवत चंद्रशेखर का है। चंद्रशेखर ने 23 मैचों में 95 विकेट अपने नाम किए हैं। दूसरे नंबर पर अनिल कुंबले हैं जिन्होंने 19 मैचों में 92 विकेट चटकाए थे।
आपको बता दे कि चंद्रशेखर की फिरकी का जादू सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जम कर चला हैं।
इंग्लैंड में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाले चंद्रशेखर का एक हाथ पोलियो से ग्रस्त था
आपको बता दे कि भारत के लिए इंग्लैंड में सबसे अधिक 95 विकेट लेने वाले भगवत चंद्रशेखर का एक हाथ पोलियो का शिकार था। इंग्लैंड में भारत को पहली टेस्ट जीत दिलाने का श्रेय भी इस करिश्माई गेंदबाज को जाता है। चंद्रशेखर को मैच विनर गेंदबाज कहा जाता था। उन्होंने बहुत कम मैच खेलकर ज्यादा से ज्याद विकेट अपने नाम किए हैं।
6 साल की उम्र में हुए थे पोलियो के शिकार
ईएसपीएन क्रिकइन्फो के मुताबिक इनका जन्म 17 मई 1945 को मैसूर में हुआ। 6 साल की उम्र में यह पोलियो का शिकार हो गए।कई जगह इनका इलाज कराने की कोशिश की गई।
जब यह 10 बरस के थे तो इन्हें क्रिकेट खेलने का शौक चढ़ा।घर वाले तो हैरान थे कि पोलियो ग्रस्त हाथ से यह क्रिकेट कैसे खेलेंगे लेकिन कहा जाता हैं अपनी कमजोरी को हथियार बनाने वालों को ही सफलता का एहसाश होता हैं और ऐसा ही कुछ किया चंद्रशेखर ने।