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RCB: इंडियन प्रीमियर लीग का 15वां मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और लखनऊ सुपर जॉयंट्स (RCB vs LSG) के बीच खेला गया. इस मैच में RCB को 28 रनों से हार का सामना करना पड़ा. इस टूर्नामेंट में उनकी 4 मैचों में से तीसरी हार है. केवल एक मैच में ही गिरते-पड़ते जीत नसीब हुई थी. अगर उस मैच में दिनेश कार्तिक का बल्ला नहीं चला होता तो शायद आरसीबी वह करीबी मैच भी हार जाती.
अगर टूर्नामेंट में ऐसा ही चलता रहा तो आरसीबी का ट्रॉफी जीतना तो क्या प्लेऑफ तक भी पहुंचना मुश्किल हो जाएगा. चलिए हम आपको बताते हैं कि किन 3 कारणों की वजह से RCB इस साल भी आईपीएल का पहला खिताब जीतने से चूक सकती है?
3. टीम का मध्य क्रम हो रहा है पूरी तरह फ्लॉप
- RCB के खेमे में गेंदबाजी तो बड़ी समस्या बनी हुई है और यह बात हमने अच्छी तरह से समझ ली. कप्तान को मजूबरन इन गेंजबाजों के साथ टूर्नामेंट में आगे बढ़ना पड़ेगा.
- लेकिन, RCB की टीम में बल्लेबाजों की कोई कमी नहीं है. क्योंकि, टी20 में धमाकेदार बल्लेबाजी करने वाले लगभग सभी नामचीन खिलाड़ी उनके खेमे का हिस्सा हैं.
- पूरी टीम KGF यानी कोहली, ग्लैन मैक्सवेल और फाफ पर निर्भर रहती है. इन खिलाड़ियों के दम पर RCB टूर्नामेंट नहीं जीत सकता है.
- इस बार लोअर मिडिल ऑर्डर ने अच्छा प्रदर्शन किया है. निचले क्रम में दिनेश कार्तिक और महिपाल लोमरोर टीम की इज्जत बचाने के लिए जो बन पड़ रहा है कर रहे हैं. लेकिन, मध्य क्रम में ग्लैन मैक्सवेल, कैमरून ग्रीन और रजत पाटीदार ने पूरा गेम बिगाड़ दिया है.
- ये तीनों ही खिलाड़ी टीम के लिए एक नई टेंशन बन गए हैं. यह खिलाड़ी मिडिल ऑर्डर में टीम की बैक बॉन माने जाते हैं. लेकिन, इस बार फ्लॉप साबित हो रहे हैं.
- अब तक टीम के मध्यक्रम में आरसीबी की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, इसका अंदाजा इनके प्रदर्शन से लगाया जा सकता है.
- यही कारण है कि इसी तरह ये अहम प्लेयर्स फ्लॉप होते रहे तो आरसीबी ट्रॉफी क्या प्लेऑफ तक भी नहीं पहुंच पाएगी.
2. स्पिनर्स के नाम पर टीम में सूखा
- आईपीएल में टूर्नामेंट जीतने वाली टीमों के इतिहास को उठाकर देखेंगे तो उनके स्पिनर्स का नाम सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-10 गेंदबाजों में शामिल होता है.
- जैसा कि हमने पहले ऊपर आपको बताया कि टूर्नामेंट आपको बल्लेबाज जिताते हैं तो वहीं RCB के खेले में कोई प्रमुख स्पिनर्स नजर नहीं आता है.
- करण शर्मा इस टीम के पास है. मगर कप्तान उन्हें लेकर आश्वास्त नजर नहीं आ रहे हैं कि उन्हें एकादश में शामिल किया जाए या नहीं.
- हालांकि, फाफ ने दूसरे विकल्प के तौर पर मयंक डागर को चुना है जो कि उतने प्रभावशाली साबित नहीं हुए है, जितना उनसे उम्मीद की जा रही है. मैक्सवेल का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. पार्ट लेकिन, सपाट पिचो पर कोई खास कमाल नहीं दिखा सके हैं.
- ये दोनों कोई विकेट टेंकिंग गेंदबाज नहीं है. अगर RCB की प्लेइंग-11 में कोई विकेट लेने वाला गेंदबाज नहीं होगा तो इस टीम को इस साल भी टाइटल जीतने का सपना देखना छोड़ देना चाहिए.
1. तेज गेंदबाजी सबसे बड़ी कमजोरी
- रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की टीम में स्टार बल्लेबाज मौजूद है. बैटिंग लाइनअप में एक से बढ़कर एक धुरंधर बल्लेबाज की भरमार है.
- लेकिन, दूसरी ओर गेंदबाजी में मोहम्मद सिराज के अवाला कोई भी दूसरा तेज गेंदबाज नजर नहीं आता.
- क्रिकेट पंड़ितों का मानना है कि टूर्नामेंट आपको बल्लेबाज नहीं बल्कि गेंदबाज जिताकर देते हैं. यही कराण है फ्रेंचाइजी नीलामी में तेज गेंदबाजों को खरीदने के लिए पूरा पर्स लूटा देती हैं. केकेआर ने मिचेल स्टार्क को खरीदने के आईपीएल के इतिहास की सबसे उंची बोली लगा दी थी.
- वहीं अब वापस अपने मुद्दे पर आते हैं. पिछले साल RCB की गेंदबाजी का जो हाल था वही इस साल भी देखने को मिल रहा है. स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है.
- सिराज, अल्जारी जोसेफ जैसे तेज गेंजबाज 180-200 रनों को डिफेंट नहीं कर पा रहे हैं. जबकि तीसरे विकल्प के तौर पर कोई तीसरा तेज गेंदबाज नहीं दिखता जो कि RCB के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में टीम का प्लेऑफ तक भी पहुंचना मुश्किल लग रहा है, जो कि कुछ हद तक कहना गलत भी नहीं होगा.
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