मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा गया खेल रत्न पुरुस्कार का नाम, खिलाड़ियों ने जताई खुशी

Published - 06 Aug 2021, 06:04 PM

khel ratna

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सबसे बड़े व सम्मानित Khel Ratna पुरुस्कार का नाम राजीव गांधी खेल रत्न से बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरुस्कार रखने का ऐलान कर दिया है। ध्यानचंद महानतम हॉकी खिलाड़ी रहे। हॉकी के जादूगर माने जाने वाले दिग्गज ने 1926 से 1949 तक के करियर के दौरान 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक का शीर्ष खिताब हासिल किया था। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है और अब खेल रत्न को भी उनके नाम पर रख दिया गया है।

मेजर ध्यानचंद के नाम से दिया जाएगा खेल रत्न पुरुस्कार

Khel Ratna

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरुस्कार के नाम को बदल दिया है और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरुस्कार रख दिया गया है। हॉकी के इस दिग्गज का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। उनकी जयंती के उपलक्ष्य में 29 अगस्त को देश का राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाता है. क्रिकेट, हॉकी और दूसरे अन्य खेलों के खिलाड़ियों ने इस फैसले को सराहा है।

बताते चलें, टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की महिला व पुरुष दोनों ही हॉकी टीमों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। जहां, पुरुष टीम ने कांस्य पदक अपने नाम किया, वहीं महिला हॉकी टीम पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची। भले ही उन्होंने मेडल ना जीता हो, लेकिन सभी का दिल जरुर जीत लिया।

खेल जगत ने किया फैसले का स्वागत

इरफान पठान ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया, "इस कदम का बिल्कुल स्वागत है। खिलाड़ी को सम्मान और पुरस्कार उनके नाम पर मिल रहा है। उम्मीद है खेलों में ऐसी कई चीजें शुरू होंगी। उम्मीद है कि भविष्य में स्पोर्ट्स स्टेडियम के नाम भी खिलाड़ियों के नाम होंगे।"

वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करते हुए लिखा, ”मेजर ध्यानचंद वास्तव में एक भारत रत्न है और उनके नाम पर हमारा सर्वोच्च खेल पुरस्कार होना निश्चित रूप से उपयुक्त है।”

भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी से सांसद बने गौतम गंभीर ट्वीट किया, ”किसी (खेल) नायक का नाम पुरस्कार को और प्रतिष्ठित बनाता है।”

भारतीय पहलवान बबीता फोगाट ने भी ट्वीट करते हुए बताया कि, "लगभग एक साल पहले खेल रत्न खिलाड़ी के नाम पर रखने को लेकर मुहिम चाई थी क्योंकि देश के ज्यादातर खिलाड़ी इस पक्ष में थे कि सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम किसी राजनीतिक व्यक्ति के नाम पर न रख देश के किसी प्रतिष्ठित खिलाड़ी के नाम पर होना चाहिए।"

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