ध्रुव जुरेल ने कंगारूओ की अकेले की कुटाई, 14 बार गेंद को भेजा बाउंड्री पार, 114 रन की पारी खेल इस विकेटकीपर के लिए बने काल

Published - 19 Sep 2025, 03:32 PM | Updated - 19 Sep 2025, 11:35 PM

Dhruv Jurel

Dhruv Jurel : भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक धमाकेदार पारी खेली और अकेले ही उनके गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने अपनी शानदार पारी के दौरान 14 बार गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचाया।

जुरेल ने जबरदस्त धैर्य और पावर-हिटिंग का परिचय देते हुए शानदार 114 रन बनाए। उनकी इस बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को चकमा दे दिया। इस पारी को एक युवा भारतीय खिलाड़ी के सबसे प्रभावशाली प्रदर्शनों में से एक के रूप में याद किया जाएगा।

जब Dhruv Jurel ने बरपाया गेंदबाजों पर कहर

भारत-ए ने पहली पारी में 530/7 का बड़ा स्कोर बनाया, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान देवदत्त पडिक्कल (150 रन) का रहा। लेकिन ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) ने भी अपनी अलग ही कहानी लिखी, उन्होंने 197 गेंदों में 140 रन की नाबाद पारी खेली जिसमें 13 चौके और 4 छक्के शामिल थे।

जुरेल ने मध्य-क्रम में टीम को एक मजबूत स्थिति दी, खासकर जब विकेट गिर रहे थे और रन निकालने में मुश्किल हो रही थी। उनकी पारी ने विपक्षी गेंदबाजों को झकझोर कर रख दिया। खासकर स्पिनरों के लिए ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) आसान शिकार नहीं बने।

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ऐसा रहा मैच का हाल

इस मुकाबले का स्कोरकार्ड बताता है कि भारत-ए की पारी काफी टिकाऊ थी। शीर्ष-क्रम में अभिमन्यु ईश्वरन (44 रन), एन. जगदीशन (64 रन) और साईं सुदर्शन (73 रन) ने भी सधी और ठोस शुरुआत दी। फिर देवदत्त पडिक्कल ने बड़ी साझेदारी बनाते हुए टीम के स्कोर को 450 के पार पहुंचा दिया।

जब पांचवां विकेट गिरा, तब टीम का स्कोर 450 पर 5 था, और यहीं से जुरेल ने पारी संभाली। अंत में ऑस्ट्रेलिया-ए ने अपनी पहली पारी में 532/6 पर पारी घोषित भारत-ए को दो रन पीछे रखा। इस तरह रोमांचक मुकाबले वाले इस मैच में ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) की पारी ने भारतीय टीम को संतुलन दिया, जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी।

जुरेल बने ईशान किशन की राह का रोड़ा

ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) की इस पारी ने दिखाया है कि उनकी बल्लेबाजी क्षमता सिर्फ सपोर्टिंग रोल तक सीमित नहीं है, बल्कि वो बड़ी पारी खेलने में सक्षम हैं। ये उन मामलों में ज्यादा मायने रखता है, जहां टीम को विकेटकीपर से भी बड़ा योगदान चाहिए हो। ऐसे में जुरेल की मजबूत होती स्थिति ईशान किशन के लिए खतरनाक साबित हो रही है।

ईशान किशन, भारतीय क्रिकेट में विकेटकीपर-बल्लेबाजी की प्रतियोगिता में स्थापित नाम हैं। हालांकि वर्तमान में वो भविष्य की टीम संयोजन के खाके से बाहर चल रहे हैं। ऐसे में जहां वो वापसी की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं जुरैल ऐसी शानदार पारी खेल उनकी राह में रोड़ा बन रहे हैं।

इस स्थिति में अगर भारतीय चयन समिति को यह लगे कि जुरेल जैसा खिलाड़ी टीम में संतुलन बनाए रखने और दबाव की परिस्थितियों में भी खिलाड़ी के रूप में खरा उतरता है, तो ईशान किशन के लिए टीम में जगह पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। खासकर उन मैचों में जहां बल्लेबाजी में गहराई और विकल्पों की जरूरत हो।

कौन है बेहतर खिलाड़ी?

ध्रुव जुरेल (Dhruv Jurel) और ईशान किशन के बीच विकेटकीपर-बल्लेबाज की जंग दिलचस्प दिख रही है। जुरेल ने अब तक केवल 25 फर्स्ट-क्लास मैच खेले हैं, लेकिन लगभग 47 की औसत से रन बनाए हैं और 249 का उच्चतम स्कोर उनके धैर्य और क्लास को दर्शाता है।

दूसरी ओर, किशन ने 58 से ज्यादा फर्स्ट-क्लास मैचों में करीब 3,600 रन बनाए हैं, औसत लगभग 38 का है और उनका टॉप स्कोर 273 है। किशन के पास अनुभव और लिमिटेड-ओवर में ताबड़तोड़ खेल है, लेकिन जुरेल का स्थिर प्रदर्शन चयनकर्ताओं को लुभा रहा है। यही कारण है कि जुरेल की पारियां अब किशन की राहें मुश्किल बना रही हैं।

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