न्यूजीलैंड के बल्लेबाज रॉस टेलर ने नाबाद 181 रनों की तूफानी पारी खेल नया इतिहास रच दिया. दरअसल, टेलर इस पारी के बदौलत लक्ष्य का पीछा करते हुए सर्वाधिक रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए. इससे पहले यह कारनाम टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और आस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने कर दिखाया है. टेलर का यह 19वां वनडे शतक था, उनकी इस नाबाद पारी में 17 चौके और छह छक्के शामिल थे.
पहले पर है शेन वॉटसन
आस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन इस मामले में पहले पायदान पर है. उन्होंने 11 अप्रैल 2011 को बांग्लादेश के खिलाफ मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में 96 गेंदों में नाबाद 185 रन की तूफानी पारी खेल यह रिकॉर्ड बनाया था. इस पारी में वॉटसन ने 15 चौके और इतने ही छक्के जड़े थे। इस दौरान उन्होंने 150 रन सिर्फ चौके और छक्कों की मदद से बनाए थे। मतलब उन्होंने दौड़ लगाकर सिर्फ 35 रन बनाए थे। इनसे पहले इस रिकॉर्ड के मामले में महेंद्र सिंह धोनी पहले पायदान पर थे.
महेंद्र सिंह धोनी.
31 अक्टूबर साल 2005 में जयपुर के सवाईमान सिंह स्टेडियम में खेले गए वनडे में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ यह रिकॉर्ड बनाया था. धोनी ने 145 गेंदों में 183 रन बनाये थे. इस मैच में श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कुमार संगकारा की 138 रनों की शानदार पारी की बदौलत 298 रन का स्कोर खड़ा किया था. उन दिनों 299 का लक्ष्य काफी चुनौती पूर्ण होता था. लेकिन धोनी ने अपनी आतिशी पारी के बदौलत इस लक्ष्य को भी बौना साबित कर दिया.
कोहली की 'विराट' पारी
आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में पकिस्तान ने भारत के सामने 339 रनों का लक्ष्य रखा था. टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान ने 50 ओवरों में चार विकेट खोकर 338 रन बनाए. फ़ाइनल मैच और पहाड़ जैसा लक्ष्य, दोनों का भारत पर भरपूर दबाव था. लेकिन इस मैच में विराट ने 148 गेंदों पर 183 रन बना लक्ष्य को आसान बना दिया. विराट ने इस पारी के दौरान 22 चौका और एक छक्का जड़ा था. इस मैच को इंडिया ने 13 गेंद शेष रहते हुए 6 विकेट से जीता था.
आज वही कारनाम किवी बल्लेबाज रॉस टेलर ने किया. टेलर की पारी ही थी जिसके बदौलत न्यूजीलैंड ने आसनी से पहाड़ जैसा दिख रहे लक्ष्य को पीछे छोड़ दिया और मैच अपने नाम कर लिया.