सात अप्रैल से शरू हो रहे आईपीएल के नए सीजन को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है. नुक्कड़-चौराहों पर आईपीएल को लेकर चर्चा तेज़ हो गयी है. फैन्स अपनी अपनी टीम को लेकर आकड़ें बिठाने लगे हैं. ऐसा हो क्यों न, पिछले हर सीजन में आईपीएल का रोमांच चरम पर रहता है. सीजन दर सीजन इस लीग की दिवानगी क्रिकेटप्रेमियों में बढ़ती ही गयी है. इस सीजन चेन्नई सुपर किंग और राजस्थान रॉयल्स दो सालों के बैन के बाद वापसी कर रही हैं. महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई 2010 और 2011 में चैंपियन रही थी. टूर्नामेंट शुरू होने से पहले इस टीम के कप्तान को पद्मभूषण सम्मान से भी नवाजा गया. इस खास अवसर पर हम आपकों धोनी के टीम के कुछ शानदार पल के बारे में बताते हैं.
साल 2011 में धोनी की किस्मत ने उनका खूब साथ दिया. इसी साल धोनी ने देश को वनडे क्रिकेट में विश्वविजेता बनवाया. इसके बाद आईपीएल के मैदान में भी धोनी बजी मार ले गए. इस सीजन धोनी ने अपनी शानदार कप्तानी के दम पर चेन्नई को खिताब दिलवाया.
फ़ाइनल मैच के प्रेजेंटेशन सेरेमनी में अवार्ड लेने के लिए जैसे ही विनिंग टीम के कप्तान धोनी का नाम लिया गया, धोनी ने अपनी वाइफ साक्षी को गले लगाया लिया. धोनी ऐसा करेंगे, यह साक्षी भी एक्सपेक्ट नहीं कर रही थीं. उनके चेहरे पर खुशी के साथ ही हैरानी के भाव भी नजर आ रहे थे. साक्षी हर सीजन अपने हसबैंड की टीम को सपोर्ट करती नजर आती हैं. 28 मई 2011 को हुए आईपीएल-4 के फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स का सामना रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से था. चेन्नई के चेपॉक मैदान पर हुए मुकाबले में पहले बैंटिंग करने उतरी धोनी की टीम ने 205 रन का स्कोर खड़ा किया था. ओपनर मुरली विजय ने 95 रन और उनके पार्टनर माइक हसी ने 63 रन का योगदान दिया था. मुरली ने अपनी पारी में 4 चौके और 6 छक्के लगाए थे. कप्तान धोनी ने भी 22 रन की उपयोगी पारी खेली थी.मुरली विजय को मैन ऑफ द मैच चुना गया था.
डेनियल वेटोरी की कप्तानी में उतरी बेंगलुरु टीम की बल्लेबाजी बेहद खराब रही थी. 206 रन के टारगेट का पीछा करते हुए RCB कुल 147/8 ही बना सकी थी. इस मैच में बैंगलोर के धाकड़ बल्लेबाज क्रिस गेल से बहुत उम्मीदें थी लेकिन वे बिना खता खोले अश्विन का शिकार हो गए. गेल के आउट होने के बाद विराट कोहली 35 और एबी डिविलियर्स 18 रन बनाकर आउट हुए थे. सौरभ तिवारी ने पुछल्ले बल्लेबाज जहीर खान के साथ मोर्चा संभालने की कोशिश की थी, लेकिन जहीर 19वें ओवर में अपना विकेट गंवा बैठे. सौरभ तिवारी 42 रन बनाकर नॉटआउट तो रहे, लेकिन टीम को हार से नहीं बचा सके. चेन्नई की टीम ने 58 रन से मैच जीता था.
जीता था लगातार दूसरा खिताब यह चेन्नई सुपरकिंग्स का IPL में लगातार दूसरा खिताब था. इससे पहले 2010 का सीजन भी टीम येलो ने अपने नाम किया था. IPL खिताब 2 या उससे ज्यादा बार जीतने वाली चेन्नई पहली टीम थी. उसके बाद यह कारनामा केकेआर (दो बार) और मुंबई इंडियंस (तीन बार) ने किया.
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