Debut T-20 Match: आज हम आपको ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपने अपने डेब्यू T20I ही बन गया आखिरी टी20 बना दिया. ये बात आपको थोड़ी सी चुभ सकती है, लेकिन सच है इसको नकारा नहीं जा सकता. T20I फॉर्मेट की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, फैंस की तरह खिलाड़ियों को भी शार्ट क्रिकेट खेलने और देखने का आदि बना दिया.
टी20 जैसे गेम में एक गेंदबाज को 4 ओवर से अधिक डालने की अनुमति नहीं. जिससे गेंदबाज मैच में अधिक ऊर्जा खर्च करने से बच जाते हैं. हर देश में खेल के छोटे प्रारूप को बढ़वा देने के लिए घरेलू क्रिकेट की तर्ज पर IPL ,BBL BPL PSL ऐसी अनेखों टूर्नामेंटों का आयोजन किया जाता है. अलग-अलग T20I लीगों का आयोजन करने लगे हैं. पांच भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका पहला टी-20 मैच आखिरी भी साबित हुआ.
दिनेश मोंगिया
भारत के पूर्व खब्बू बल्लेबाज दिनेश मोंगिया (Dinesh Mongia) ने 2006 में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध T20I में डेब्यू किया था, इस मैच में होने 45 गेदों पर 38 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी लेकिन इस मैच के बाद उन्हें दोबारा कभी भी अंतरराष्ट्रीय टी20 में खेलने का मौका नहीं मिल पाया.
मोंगिया ने अपने करियर में 57 वन-डे और एक T20I मैच खेला. इसमें उन्होंने कुल 1268 रन बनाए. 2003 में सौरव गांगुली की कप्तानी में वर्ल्ड कप का फाइनल खेला. मोंगिया 2007 में आखिरी बार क्रिकेट के मैदान में पंजाब की तरफ से खेलते दिखे थे. लेकिन इंडियन क्रिकेट लीग में खेलने की वजह से बीसीसीआई ने उन पर बैन लगा दिया था. साल 2019 में 42 साल की उम्र में भारतीय ऑलराउंडर ने संन्यास ले लिया था.
सचिन तेंदुलकर
क्रिकेट जगत के भगवान भी इस सूची में शामिल है. आईपीएल में वर्षो तक शानदार प्रदर्शन करने वाले सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar ने T20I फॉर्मेट युवा खिलाड़ियों के लिए छोड़ दिया था.
सचिन ने 2006 में साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग के मैदान पर डेब्यू किया था. मैच में सचिन ने 12 गेंदों पर 10 रन बनाने के साथ-साथ 2.3 ओवर की गेंदबाजी में 12 रन देकर एक विकेट भी झटकी थी लेकिन उन्हें दोबारा खेलने का मौका नहीं मिला. वैसे सचिन के नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं.
सचिन तेंदुलकर ने अपने वनडे और टेस्ट करियर में सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का विश्व रिकॉर्ड कायम किया हुआ है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट यानी T20I क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर सिर्फ एक मैच का अनुभव ही ले पाये.
मुरली कार्तिक
भारतीय टीम के खुश मिजाज खिलाड़ी बाएं हाथ के स्पिनर मुरली कार्तिक Murli Kartik भी इस रिकॉर्ड को भेदने में नाकामयाब रहे. कार्तिक ने 2007 में जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में पाकिस्तान के विरुद्ध T20I में डेब्यू किया था. इस मैच में उन्होंने 4 ओवरों की गेंदबाजी में 27 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया था.
जिसके बाद उनका पहला मैच ही उनके लिए आखिरी T20I साबित हुआ. बाएं हाथ का स्पिनर, नाम मुरली कार्तिक (Murali Kartik). इस खिलाड़ी की सबसे बड़ी गलती कह लीजिए, ये रही कि इन्होंने कुंबले (Kumble) और हरभजन (Harbhajan) के दौर में भारतीय क्रिकेट में दस्तक दी. जिसके बाद उनका भारतीय टीम में वापसी करना एक चुनौती बन गया.
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ
क्लासिकल बल्लेबाज़ एस बद्रीनाथ Subramaniam Badrinath को भारत के लिए दो टेस्ट, सात वनडे और एक टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला. आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में बद्री लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहे. लेकिन टीम में पहले से ही दिग्गज बल्लेबाज़ होने की वजह से उनका मौका नहीं मिला.
आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से खेलते हुए लगातार दमदार प्रदर्शन के बाद उन्हें 2011 में वेस्टइंडीज दौरे पर टी20 खेलने का मौका मिला था. बद्रीनाथ ने इस मैच में सिर्फ 37 गेंदों पर 5 चौकों की मदद से 43 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेलकर मैन ऑफ द मैच जीता था, लेकिन इस मैच के बाद कप्तान धोनी ने उन्हें कभी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं दी.
वहीं अगर बद्री के र्स्ट क्लास क्रिकेट की बात की जाए तो इनके नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में दस हजार से अधिक रन हैं. उन्होंने 145 मैचों में 54.49 की शानदार औसत से 10,245 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से 32 शतक और 45 अर्धशतक निकले हैं.
राहुल द्रविड
भारतीय टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ Rahul Dravid भी अपने समय एक शानदार बल्लेबाज थे. जिनको द-वाल के नाम से जाना जाता था. राहुल द्रविड़ को आउट करने लिए गेंदबाज को एड़ी चोटी तक का जोर लगाना पड़ा था.
जब भी राहुल द्रविड़ अपनी विकेट आसानी से नहीं गवाते थे. लेकिन बदकिस्मती ये रही कि राहुल द्रविड भी एक T20I से अधिक मैच नहीं खेल पाए. राहुल द्रविड ने भी T20I खेला है. द्रविड़ ने 2011 में इंग्लैंड के विरुद्ध डेब्यू किया था, इस मैच में उन्होंने लगातार 3 छक्कों सहित सिर्फ 21 गेंदों पर 31 रनों की आतिशी पारी खेली थी लेकिन उनके लिए ये मैच आखिरी साबित हुआ था.