Cricketers: दुनिया में कई ऐसे क्रिकेटर्स (Cricketers) रहे हैं जिनकी वापसी के किस्से इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हैं। किसी खिलाड़ी ने लंबी बीमारी तो किसी ने चोट के बाद मैदान पर वापसी की और करोड़ों फैंस का दिल जीता। इन खिलाड़ियों से जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जो सालों बाद भी फैंस के लिए प्रेरणा बने हुए हैं। आज हम आपको उन 3 क्रिकेटर्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने 'मौत' को मात देकर वापसी की और क्रिकेट की दुनिया पर छा गए...
मौत के मुंह से निकले ये 5 Cricketers
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1. युवराज सिंह
साल 2011 विश्व कप (World Cup 2011) में टीम इंडिया (Team India) के दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) को लंग्स कैंसर था। इस खबर ने करोड़ों फैंस को सदमें में ला दिया। लेकिन युवराज घबराए नहीं, उन्होंने अमेरिका जाकर कैंसर का इलाज कराया और इस खतरनाक बीमारी से लंबी जंग लड़ी। उन्होंनें न सिर्फ कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जंग जीती, बल्कि टीम इंडिया में वापसी भी की और मैदान पर आते ही ताबड़तोड़ शतक जड़ा।
2. ऋषभ पंत
साल 2022 में उत्तराखंड के रुड़की से दिल्ली आते हुए टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) का कार एक्सिडेंट हो गया था। पंत की वापसी की उम्मदी किसी को नहीं थी। लेकिन इससे उभरकर पंत ने आईपीएल 2024 (IPL 2024) में मैदान पर वापसी की और फिर भारतीय टीम के लिए टी20 वर्ल्ड कप 2024 (T20 World Cup 2024) में कमबैक किया। टीम को वर्ल्ड कप जिताने में पंत की अहम भूमिका थी।
3. निकोलस पूरन
19 साल की उम्र में वेस्ट इंडीज के विस्फोटक बल्लेबाज निकोलस पूरन (Nicholas Pooran) का एक्सिडेंट हुआ था जिसमें उनके दोनों पैर खराब हो गए थे। डॉक्टर्स ने उन्हें क्रिकेट खेलने तक से मना कर दिया था। पूरन को कई महीने व्हीलचेयर पर गुजारने पड़े, लेकिन इसके बाद इस क्रिकेटर (Cricketers) ने शानदार वापसी की। फैंस को कभी लगा ही नहीं कि वह एक वक्त भीषण एक्सीडेंट का शिकार हुए थे।
4. माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया टीम में डेब्यू करने के 3 साल बाद माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर का पता चला था। क्लार्क के चेहरे पर दो ऐसे धब्बे थे जिसमें कैंसर टिश्यू पाए गए। क्लार्क ने लंबे समय तक कैंसर का इलाज कराया और मैदान पर वापसी की। इसके बाद क्लार्क अपने चेहरे को धूप से बचाने के लिए हमेशा राउंड हैट का इस्तेमाल करते थे।
5. मैथ्यू वेड
ऑस्ट्रेलिया टीम के एक और खतरनाक बल्लेबाज मैथ्यू वेड को 16 साल की उम्र में कैंसर हुआ था। कैंसर से पूरी तरह ठीक होने के बाद मैथ्यू वेड ने 2011 में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू किया और आज तक टीम के महत्त्वपूर्ण खिलाड़ी बने हुए हैं।
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