Danish Kaneria: पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच जुलाई में दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है. इस श्रृंखला के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने 18 सदस्यों की टीम की अनाउंटमेंट कर दी है. इस टीम में लंबे समय बाद लेग स्पिनर यासिर शाह की वापसी हुई है और टीम के अनकैप्ड ऑलराउंडर सलमान अली आगा को स्क्वॉड में पहली बार जगह दी गई है. लेकिन, पीसीबी चयनकर्ताओं की ओर से चुनी गई इस टीम से पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) काफी नाराज दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने टीम का ऐलान होने के बाद सेलेक्टर्स को जमकर खरी-खोटी भी सुनाई है.
पीसीबी पर बुरी तरह भड़के दानिश
दरअसल दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने हाल ही में अपने ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया है जिसमें वह पीसीबी चयनकर्ताओं और पाकिस्तान टीम के बारे में बात कर रहे हैं. उन्होंने कड़े रूख में इस पर अपनी बात रखते हुए कहा,
'पाकिस्तानी सेलेक्टर्स ने भंड मारा है. इन्होंने टीम का चुनाव पर्चियों से किया है. ये लोग कभी सुधरेंगे नहीं, इन्होंने कभी प्लेयर्स के बारे में नहीं सोचा. मुझे समझ नहीं आता रमीज भाई ने इस टीम को कैसे मंजूरी दे दी.'
'यासिर शाह को मार मारकर कंगारू भूसा निकाल देते'
लंकाई दौरे के लिए चुनी गई टीम के बारे में आगे बातचीत करते हुए दानिश (Danish Kaneria) ने कहा,
'टीम में बदलाव की जरूरत होती है. लेकिन, ऑस्ट्रेलिया के सामने घर पर आपने ऑफ स्पिनर साजिद खान को सभी टेस्ट मैच खेलने का मौका दिया और उस समय यासिर शाह को छिपा दिया. ऐसा इसलिए क्योंकि यासिर शाह ऑस्ट्रेलिया के सामने बेनकाब हो जाता है. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उसका मार मारकर भूसा निकाल देते. साजिद के साथ गलत व्यवहार किया गया है.'
खिलाड़ियों के साथ रिश्तेदारी के नाम पर हो रहा है भेदभाव
दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) का गुस्सा यहीं नहीं शांत हुआ. उन्होंने आगे बात करते हुए कहा,
'उसमान कादिर को उन्होंने बाहर कर दिया. उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका नहीं दिया गया. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी उन्हें चांस नहीं मिला. जाहिद महमूद जो हैदराबाद से तालुक रखता है, उसे भी बाहर कर दिया. मुझे समझ नहीं आता कौन अपने रिश्तेदारों को टीम में लेकर आता है. इन्होंने सरफराज अहमद को टीम में चुना है, लेकिन खेलना मोहम्मद रिज़वान को ही है. किसी यंग खिलाड़ी को टीम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए था.'
बता दें कि दानिश कनेरिया का कहना है कि जो भी प्लेयर चयनकर्ता को तोहफे देगा उन्हें खुश रखेगा उसे ही टीम में चुना जाएगा. वहीं दूसरी तरफ जो ईमानदार और मेहनती होगा उनके साथ गलत व्यवहार ही किया जाएगा.