भारत (India) में क्रिकेट को धर्म की तरह पूजा जाता है और क्रिकेटर्स (Cricketers) को दिल से इज्जत दी जाती है। उनकी जीत हमारी जीत और उनकी हार हमारी हार बन जाती है। ये क्रिकेटर्स लगातार मैदान पर रिकॉर्ड बनाते रहते हैं। यही नहीं मैदान के बाहर भी इनकी प्रसिद्धि कम नहीं होती है। इसीलिए कई राजनीतिक पार्टियां उन्हें अपने कैंपेन में शामिल करना चाहती हैं। आज इस लेख में हम ऐसे ही कुछ क्रिकेट खिलाड़ियों की बात करेंगे जो ना सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के साथ जुड़े बल्कि राजनीतिक पिच पर चौके-छक्के भी लगाए हैं।
ये भारतीय खिलाड़ी (Indian Cricketer) हैं लिस्ट में
1. मोहम्मद अजहरुद्दीन
अपने करियर के पहले तीन मैचों में लगातार तीन शतक लगाकर सुर्खियों में छाए मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1989 में भारतीय टीम की कमान संभाली थी। 47 टेस्ट मैचों और 174 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कमान संभाल चुके मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने वनडे करियर में 9378 रन बनाए हैं. क्रिकेट में उनकी काबिलियत और प्रसिद्धि के कारण ही 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने उनको अपनी टीम में मिला लिया. उन्होंने 2009 के आम चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से जीतकर वो सांसद बने. वर्तमान समय में वो तेलंगाना कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं.
2. गौतम गंभीर
भारतीय टीम के दिग्गज ओपनरों में से एक गौतम गंभीर भी हमेशा से राजनीतिक पार्टियों की नजर में बने हुए थे. अपने 147 मैचों में 11 शतक और 5238 रन अपने नाम कर चुके गंभीर ने 22 मार्च 2019 में अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली.
राजनीति में आने से पहले इस क्रिकेटर (Cricketer) ने आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकाता नाईट राइडर्स की कप्तानी भी की है. आपको बता दें कि 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल में 97 रन और 2007 टी20 वर्ल्ड कप फ़ाइनल में 75 रन बनाकर गंभीर ने भारत के विजेता बनने में अहम भूमिका निभाई थी.
3. विनोद कांबली
अपने टेस्ट करियर में रिकॉर्ड सिर्फ 14 पारियों में ही 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज विनोद कांबली ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी. यही नहीं इन्होंने अपने रणजी करियर की पहली गेंद पर ही छक्का जड़ दिया था.
1991 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे में और 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू करने वाले विनोद कांबली ने जल्द ही किकेट को अलविदा कह दिया. इसके बाद उन्होंने अभिनय और राजनीतिक दुनिया में एक नई शुरुआत की है. उन्होंने भक्ति शक्ति पार्टी उपाध्यक्ष के तौर पर ज्वाइन कर ली और 2009 में लोक भारती पार्टी की तरफ से मुंबई के विखरोली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा.
4. चेतन चौहान
179 प्रथम श्रेणी मैचों में 11 हजार से ज्यादा रन और 21 शतक लगा चुके चेतन चौहान ने 1981 में अपना आखिरी मैच खेला था. इसके बाद वो भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बन गये और 1991 से 1998 तक अमरोहा से लोकसभा सदस्य भी रहे. 1998 में अमरोहा से ही उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के हसन अली को 35 हजार से ज्यादा वोटों से हराकर लोकसभा में अपनी जगह बनाई थी. 2018 से 2020 तक वो उत्तर प्रदेश के युवा और खेल मंत्री भी रहे थे. 16 अगस्त 2020 में कोरोना की वजह से उनकी मृत्यु हो गई.
5. मोहम्मद कैफ
भारत के बेहतरीन क्षेत्ररक्षकों में से एक मोहम्मद कैफ ने 2006 में अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. हाल के दिनों में वो रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में इंडिया लीजेंड्स की टीम का हिस्सा हैं. 2002 में इंग्लैंड में हुई नेटवेस्ट ट्राफी के फाइनल मैच में 87 रन बनाकर भारत को जीत दिला दी थी.
पूरी दुनिया में अपनी फ़ील्डिंग से नाम कमा चुके कैफ 2017 से कोच के रूप में कार्यरत हैं. आपको बता दें कि मोहम्मद कैफ ने 2014 में कांग्रेस पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था. लेकिन, भारतीय जनता पार्टी के केशव प्रसाद मौर्या ने उन्हें हरा दिया था.
6. तेजस्वी यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के पुत्र तेजस्वी यादव को वैसे तो लोग राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के मुख्य हिस्से के रूप में जानते हैं, लेकिन हम आप को बता दें कि तेजस्वी एक उम्दा क्रिकेटर भी रह चुके हैं. यहां तक कि वो 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा भी थे. हालांकि पूरा सीजन उन्होंने बेंच पर ही बिता दिया. यही नहीं उन्होंने 2009 में झारखण्ड के लिए स्टेट लेवल पर भी खेला है. 2020 में बिहार के चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल की अगुआई की थी.
7. कीर्ति आजाद
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भगवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति आजाद की रंगों में तो बचपन से ही राजनीति का कीड़ा दौड़ रहा था. लेकिन, उनका पहले रूझान क्रिकेट की तरफ रहा. दाएं हाथ के धाकड़ बल्लेबाज और ऑफ स्पिनर कीर्ति ने 1980 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे में और 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों में पदार्पण किया था.
उन्होंने अपने करियर में सिर्फ 7 टेस्ट मैच 25 वनडे मैच ही खेले हैं. 1983 का वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का वो हिस्सा भी रहे. क्रिकेट के बड़ा उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली और 2014 में दरभंगा से लोकसभा चुनाव भी जीता. लेकिन, 2015 में वो भाजपा से निकाल दी गए. इसके बाद 18 फ़रवरी 2019 में कीर्ति ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन कर लिया.
8. मनोज प्रभाकर
96 टेस्ट और 157 वनडे और 385 प्रथम श्रेणी विकेट अपने नाम कर चुके मनोज प्रभाकर ने 1996 में अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. दाएं हाथ के बल्लेबाज और दाएं हाथ के तेज गेंदबाज प्रभाकर का नाम भारतीय क्रिकेट जगत में सम्मान के साथ लिया जाता है. एक खिलाड़ी के तौर पर क्रिकेट से अलग होने के बाद मनोज ने 2015 में अफगानिस्तान के खिलाड़ियों को गेंदबाजी की कोचिंग भी दी है. आपको बता दें कि यह खिलाड़ी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा भी रह चुका है और 1996 में दिल्ली से चुनाव भी लड़ चुका है.
9. मनोज तिवारी
आईपीएल में कोलकाता नाईट राइडर्स, राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स और किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा रह चुके बंगाल के मनोज तिवारी ने 2008 में वनडे और 2011 में टी20 मैचों में अंतर्राष्ट्रीय स्टार पर पदार्पण किया था. हालांकि 2015 से इस क्रिकेटर ने कोई भी अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं खेला है.
35 वर्षीय मनोज तिवारी 2012 टी20 विश्वकप में भारतीय टीम का हिस्सा भी थे. क्रिकेट से दूरी बनाने के बाद मनोज ने 24 फ़रवरी 2021 में ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस से जुड़कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की है. वो आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शिबपुर विधानसभा से लड़ेंगे.
10. अशोक डिंडा
420 फर्स्ट क्लास विकेट अपने नाम कर चुके अशोक डिंडा ने 2013 में अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था. अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में कुल 22 मैच खेल चुके डिंडा ने दिल्ली डेयरडेविल्स, कोलकाता नाईटराइडर्स, पुणे वारियर्स इंडिया और राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स के लिए आईपीएल में भी गेंदबाजी की है और अपनी तेज गेंदबाजी से बड़े से बड़े बल्लेबाज के छक्के छुड़ा दिए थे. क्रिकेट से हटने के बाद यह खिलाड़ी भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बन गया और 2021 में पश्चिम बंगाल के मोयना से विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे.
11. नवजोत सिंह सिद्धू
क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचाने के बाद राजनीतिक दुनिया में अपनी जगह बनाने की बात हो और नवजोत सिंह सिद्धू का नाम लिया जाये तो यह बेमानी ही होगी. 51 टेस्ट और 136 वनडे मैचों का हिस्सा रह चुका यह खिलाड़ी 1987 क्रिकेट वर्ल्ड कप में 4 अर्धशतक लगाकर सुर्खियां बने नवजोत को उनके छक्के लगाने की योग्यता के कारण " सिक्सर सिद्धू " का नाम भी दिया गया था.
1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेलने वाले सिद्धू ने कई धारावाहिकों में काम किया है. इतना ही नहीं 2004 में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अमृतसर से टिकट पाने वाले नवजोत 2016 तक भाजपा का हिस्सा रहे. इसके बाद 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बन गये. यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला और 14 जुलाई 2019 इन्होंने पंजाब कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.