क्रिकेट के खेल को 'जेन्टल मैन गेम' कहा जाता है, मौजूदा समय में क्रिकेट का पूरी दुनिया में अनुसरण किया जाता है। लेकिन गेंद और बल्ले के बीच होने वाली जंग के लंबे इतिहास में के कई क्रिकेटर (Cricketer) ऐसे भी आए जिन्होंने अपने खेल के अलावा विवादों से भी खूब सुर्खियां बटोरी। खेल के सबसे बड़े स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना हर खिलाड़ी का सपना होता है। लेकिन इसके लिए उन्हें कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
क्रिकेट में नैशनल लेवल पर खेल का संचालन करने के लिए तमाम देशों के अपने बोर्ड है। कई बार खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच तल्खी की खबर आती है। इसका हालिया उदाहरण टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली है। बोर्ड से मतभेद रखना खिलाड़ियों के हक में अक्सर नहीं रहा है, हम आपको इस लेख के जरिए 5 ऐसे क्रिकेटर Cricketer के बारे में बताने वाले हैं जिनका करियर अपने देश के क्रिकेट बोर्ड से उलझने के बाद बर्बाद हो गया।
1. अंबाती रायडू
अंबाती रायडू उन खिलाड़ियों की लिस्ट में अपना नाम बनाते है जो भारतीय क्रिकेट बोर्ड से सीधे तौर पर भिड़ गए थे। ये घटना साल 2019 के विश्वकप की शुरुआत से पहले की है जब भारतीय चयनकर्ताओं ने रायडू को नजरअंदाज करते हुए ऑल राउंडर को टीम में जगह दे दी है। तत्कालीन चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने विजय को टीम में शामिल करने पर तर्क पेश किया था कि वे एक 3D खिलाड़ी है।
विश्वकप के दल में चुने नहीं जाने पर हताश हुए बल्लेबाज अंबाती रायडू ने एमएसके प्रसाद को निशाना बनाते हुए व्यंगात्मक तौर से ट्वीट करते हुए लिखा था "विश्व कप देखने के लिए अभी-अभी 3D चश्मे का एक नया सेट ऑर्डर किया है"। ये सीधे तौर पर बोर्ड के फैसले पर रायडू की नाराजगी थी। जिसके बाद से उन्हें फिर कभी भारत के लिए खेलते हुए नहीं देखा गया।
2. मोहम्मद आमिर
पाकिस्तानी तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) का क्रिकेट करियर हमेशा सुर्खियों में रहा है। साल 2010 में स्पॉट फिक्सिंग मामले के चलते उन्हें बैन कर दिया गया था। जिसके बाद उन्हें सनसनीखेज तारीके से वापसी की थी। उन्होंने बतौर क्रिकेटर (Cricketer) उपलब्धियां हासिल की, साल 2017 में मोहम्मद आमिर ने पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में खास भूमिका निभाई थी।
लेकिन साल 2020 में अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद मोहम्मद आमिर ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। अपने करियर की ऊंचाई पर संन्यास लेने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी ही टीम के हेडकोच मिस्बाह उल हक और गेंदबाजी कोच वकार यूनिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
3. केविन पीटरसन
केविन पीटरसन इंग्लैंड के लिए भरोसेमंद क्रिकेटर (Cricketer) से ज्यादा सुपरस्टार साबित हुए। उन्होंने अपने करियर में ढेर सारे रन बटोरे और उनके आंकड़े उनकी क्षमता के बारे में काफी कुछ बयां करते हैं। लेकिन इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड, टीम के साथियों और कोच के साथ अच्छे संबंध नहीं होने के लिए उन्हें अपने करियर को आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद नहीं मिली।
साल 2008 में केविन पीटरसन को इंग्लिश टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था। तब उन्होंने खुले तौर पर घोषणा की कि वह पीटर मूर्स के अधीन खेलने के लिए सहज नहीं हैं। बाद में ईसीबी ने दोनों को उनके पदों से बर्खास्त कर दिया। अगला विवाद 2012 में आया जब पीटरसन ने वनडे से संन्यास की घोषणा की क्योंकि ईसीबी उन्हें आईपीएल का पूरा सीजन खेलने की अनुमति नहीं दे रहा था। जिसके बाद उन्हें ECB ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
4. रिद्धिमान साहा
पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के टॉप विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा भी बोर्ड के खिलाफ बगावत का खामियाजा भुगत चुके हैं। उन्होंने हाल ही में मौजूदा भारतीय कोच राहुल द्रविड़ को लेकर बड़ा बयान दिया। रिद्धिमान साहा का प्रदर्शन काफी खराब रहा और उन्हें कई मौके मिले।
ऐसे में उनकी जगह विकेटकीपर की जिम्मेदारी ऋषभ पंथ को सौंपी गई। फिर जब रिद्धिमान साहा को राष्ट्रीय टीम से बाहर किया गया तो उन्होंने मुख्य चयनकर्ता और कोच पर सवाल उठाया। क्रिकेटर (Cricketer) ने कहा कि राहुल द्रविड़ ने उनसे कहा कि अब उन्हें रिटायरमेंट के बारे में विचार करना चाहिए।
इसके बाद साहा ने बोर्ड प्रेसीडेंट सौरव गांगुली से हुई पर्सनल बतचीत भी सबके सामने रख दी, जिसमें गांगुली ने उन्हें कथित तौर पर टीम में बनाए रखने की बात कही थी। इन सबका ऋद्धिमान के करियर पर असर पड़ा और उन्हें नैशनल टीम से दरकिनार कर दिया गया।
5. गौतम गंभीर
गौतम गंभीर अब तक के सर्वश्रेष्ठ भारतीय क्रिकेटरों में से एक हैं। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान भी बेहद ही महत्वपूर्ण रहा है। कोई भी भारतीय प्रशंसक टी 20 विश्व कप 2007 और एकदिवसीय विश्व कप 2011 के फाइनल मैच में उनकी पारी को नहीं भूल सकता है। लेकिन, तत्कालीन भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ उनका विवाद सामने आया। जिसके बाद से टीम इंडिया में उनकी जगह संकरी होती चली गई।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने भी कप्तान के पक्ष में रहते हुए गौतम गंभीर को ज्यादा मौके देने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बजाय उन्होंने रोहित शर्मा और शिखर धवन को मौका दिया। दोनों ने लगातार रन बनाए और टीम में अपनी जगह पक्की कर ली। गंभीर ने 3 दिसंबर 2018 को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की, गंभीर ने अपनी अंतिम इंटरनेशनल पारी में 112 रन बनाए।