Virat Kohli speaks up on his form

इंडियन क्रिकेट टीम के मौजूदा समय के सबसे बड़े स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) ने विश्व क्रिकेट में दिग्गज की उपाधि हासिल कर ली है। 4 मार्च को विराट कोहली अपने इंटरनेशनल करियर का 100वां टेस्ट मैच खेलने के साथ ही एक और उपलब्धि अपने नाम के साथ जोड़ लेंगे। लेकिन बीते 2 साल कोहली के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुए हैं। खासकर साल 2021 में विराट कोहली के नाम के आगे से कप्तान शब्द हर फॉर्मेट में हट गया।

वहीं बल्ले से भी विराट कोहली (Virat Kohli) बड़ी पारी खेलने में नाकाम हो रहें है। कभी हर दूसरे मैच में शतक जड़ने वाली कोहली के बल्ले से 2 साल में एक भी शतक नहीं निकला है। इसको लेकर चर्चा गर्म है। ऐसे में विराट कोहली ने एक पॉडकास्ट के जरिए अपने दिल की बात शेयर की है, जिसमें उन्होंने बताया कि जब चीजें उनके हक में नहीं जा रही होती तो वे किस तरह खुद को संभालते हैं।

Virat Kohli ने बताया करियर का सबसे मुश्किल पॉइंट

Virat Kohli

बड़े मुकाम पर पहुंच चुके हर खिलाड़ी के जीवन में एक दौर ऐसा आता है जब उसे अपने द्वारा सेट किए गए लेवल पर प्रदर्शन करने में नाकामी हाथ लगती है। मौजूदा समय में विराट कोहली (Virat Kohli) ऐसे ही दौर से गुजर रहे हैं। आईपीएल फ्रैंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के पॉडकास्ट में इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए विराट ने कहा कि

“मैं आपको अपने ट्रेनिंग वीडियो दिखा सकता हूं, महीने के महीने मैं क्या कर रहा हूं ये दिखा सकता हूं ताकि आप प्रेरित हो सकें, मगर किसी के लिए ये जानना मुश्किल है कि अंडर प्रेशर खेलकर टीम के लिए 200 प्रतिशत देना और जीत में योगदान देना कैसा होता है। और जब चीजें ठीक नहीं चल रही होती तो आप अपनी अपेक्षाओं को कैसे मैनेज करना है ये करियर का सबसे चैलेंजिंग प्वॉइंट होता है।”

कप्तानी छोड़ने के फैसले पर बोले Virat Kohli

Virat Kohli

विराट कोहली (Virat Kohli) ने सितंबर 2021 में टीविश्वकप से पहले 20 ओवर फॉर्मेट में भारत की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया था। इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कोहली ने कहा था कि वे आगे टेस्ट और वनडे में कप्तानी जारी रखना चाहेंगे। हालांकि बाद में उन्हें वनडे की कप्तानी से विवादास्पद रूप से हटा दिया गया। वहीं 15 जनवरी 2022 को उन्होंने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी। उनके इस फैसले से हर कोई चौंक गया था। इस पर विराट कोहली ने अपनी बात रखते हुए कहा कि

“जब मुझे कोई फैसला लेना होता है तो वह मैं ले लेता हूं, मगर तब लोग रिएक्ट करने लगते हैं। मैं पिछले 7-8 साल से खेल रहा हूं तो लोग कहते हैं इसे हर एक मैच खेलना चाहिए। दिन के अंत में मैं लोगों को नहीं बता सकता कि मैं एक व्यक्ति के रूप में किन परिस्थितियों से जूझ रहा हूं।”