ये है भारतीय टीम के वो 5 दिग्गज खिलाड़ी को वनडे क्रिकेट में लगा सके सिर्फ एक ही शतक

Published - 25 Sep 2019, 10:29 AM

खिलाड़ी

भारतीय क्रिकेट टीम में हमेशा से ही स्टार खिलाड़ियों की भरमार रही है। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में टीम ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। जी हां, खिलाड़ी जी जान लगाकर अपनी टीम के लिए खेलते हैं परिणामस्वरूप हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी टीम इंडिया के खिलाड़ियों को काफी पसंद किया जाता है।

ये तो आप सभी जानते हैं कि क्रिकेट 3 फॉर्मेट में खेला जाता है। टेस्ट, वनडे और टी 20। अब जाहिर है कि जो टेस्ट का धुरंधर होगा जरूरी नहीं की उसने वनडे में भी अच्छा प्रदर्शन किया हो। और अगर कोई सीमित ओवर में अच्छा है तो जरूरी नहीं की वह टेस्ट का भी बादशाह हो।

अगर हम आपको कुछ ऐसे दिग्गज खिलाड़ियों का नाम बताएं जिन्होंने टेस्ट में तो अपने नाम का लोहा मनवाया लेकिन वनडे क्रिकेट में उतने सफल नहीं हो सके। जी हां, अब आप सोच रहे होंगे ऐसे तो कई खिलाड़ी होंगे।

लेकिन आज हम आपको बताएंगे उन दिग्गजों के बारे में जिन्होंने वनडे क्रिकेट में मात्र 1 ही शतकीय पारी खेली यानि वनडे में उनके नाम मात्र 1 ही शतक दर्ज है...

इन 5 दिग्गजों के नाम वनडे में दर्ज है मात्र 1 शतक

1- सुनील गावस्कर

हां, हम जानते हैं कि इस लिस्ट में आप सुनील गावस्कर का नाम देखकर चौक गए होंगे। सही मायने में आपका चौकना जायज है। भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर, दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर जिन्होंने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज किया है।

टेस्ट में खेली गई 214 पारियों में 51.12 के औसत से 10122 रन बनाए। जिसमें इनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर नाबाद 236 रहा। अब बात करें टेस्ट के शतकों की तो धुरंधर ने 34 शतक और 45 अर्धशतक बनाए।

ये तो बात हो गई टेस्ट क्रिकेट की। अब बात करते हैं गावस्कर के वनडे के आंकड़ों की। सुनील गावस्कर ने खेली गई 102 पारियों में 35.13 के औसत से 3092 रन बनाए। जिसमें 27 अर्धशतक और मात्र 1 ही शतक लगाए।

ये कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया में लिटिल स्टार के नाम से पहचाने जाने वाले गावस्कर ने टेस्ट में भले अपने नाम का लोहा मनवाया हो लेकिन वनडे क्रिकेट में उनके हाथ तंग रहे।

2- कपिल देव

भारतीय क्रिकेट टीम को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर 1983 में पहला विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव का जो इंडियन क्रिकेट में योगदान रहा है उसे कोई भी भुला नहीं सकता।

भारतीय क्रिकेट टीम ऑलराउंडर खिलाड़ी कपिल देव अपने अटैकिंग बॉलिंग और बैटिंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी तेज गेंदबाजी के सामने धाकड़ से धाकड़ बल्लेबाज रन बटोरने से कतराते थे।

हालांकि सुनील गावस्कर ही नहीं बल्कि कपिल देव भी उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार है जिन्होंने वनडे करियर में मात्र एक ही शतक जड़ा। जबकि टेस्ट क्रिकेट में तो इस खिलाड़ी का जलवा रहा।

टेस्ट की बात करे तो पाजी ने 184 पारियों में 31.05 के औसत से 5248 रन बनाए। जिसमें 8 शतक और 27 अर्धशतक भी शामिल रहे। साथ ही साथ उन्होंने 2.78 की इकोनॉमी से 434 विकेट्स अपने नाम किए।

कपिल देव का वनडे करियर भी काफी शानदार रहा। जिसमें सबसे बड़ी उपलब्धि तो आप सभी जानते हैं कि विश्व कप रही। आंकड़ों की बात करें तो नाबाद 175 के सर्वश्रेष्ठ स्कोर के साथ 23.79 के औसत से 3783 रन बनाए।

जिसमें 14 अर्धशतक और मात्र 1 ही शतक शामिल रहा। ऑलराउंडर खिलाड़ी ने 3.71 की इकोनॉमी से 257 विकेट्स चटकाए। जी हां, कपिल देव ने वनडे करियर में मात्र एक ही शतक जड़ा।

3-दिलीप वेंगसरकर

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गजों की लिस्ट में शुमार दिलीप वेंगसरकर भी उन खिलाड़ियों में आते हैं जिन्होंने अपने वनडे करियर में मात्र 1 ही शतक लगाया। जी हां टेस्ट में अपनी बल्लेबाजी का परचम लहराने वाले खिलाड़ी दिलीप ने वनडे में भी अच्छा प्रदर्शन किया।

टेस्ट क्रिकेट में दिलीप वेंगसरकर ने 185 पारियों में 42.13 के औसत से 6868 रन अपने नाम किए। जिसमें 17 शतक और 35 अर्धशतक भी शामिल रहे। इसमें इनका सर्वश्रेष्ठ 166 रहा। लेकिन अगर वनडे क्रिकेट करियर की बात करें तो सुनील ने 120 पारियों में 34.73 के औसत से 3508 रन बनाए। जिसमें 23 अर्धशतक और मात्र 1 शतक जड़ा।

इस खिलाड़ी ने कई मैच टीम इंडिया को अपने कंधों पर जिताए। लेकिन सुनील आज उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में एक ही शतक जड़ा।

4- रॉबिन सिंह

हाल ही में मुख्य कोच के पद के आवेदन के बाद रॉबिन सिंह का नाम खूब चर्चा में आया। हालांकि इसमें रवि शास्त्री को फिर एक बार टीम इंडिया की कमान सौंप दी।

1990 के दौरान वनडे में रॉबिन सिंह टीम इंडिया के एक अहम ऑलराउंडर खिलाड़ी थे। उनकी पावर-हिटिंग, मध्यम तेज गेंदबाजी और जबरदस्त फील्डिंग ने उन्हें टीम इंडिया में जगह बनाने में काफी मदद की।

रॉबिन सिंह ज्यादातर निचले क्रम के बल्लेबाजी करते थे। हालांकि, कई बार वह तेज रन बनाने के चक्कर में नंबर 3 पर आ जाया करते थे। 1997 के अपने दौरे में श्रीलंका के खिलाफ भारत का तीसरा वनडे मैच था, जो रॉबिन सिंह की शानदार बल्लेबाजी का उदाहरण रहा।

पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने पारी की शुरुआत में सौरव गांगुली का विकेट खो दिया था। रॉबिन तीसरे नंबर पर मैदान पर आए। मास्टर ब्लास्टर के आउट होने के साथ स्कोर 2 विकेट पर मात्र 44 रन ही था। बाद में, रॉबिन सिंह ने और राहुल द्रविड़ की जोड़ी ने 162 रनों की साझेदारी के साथ टीम इंडिया को खेल में वापस लाया।

द्रविड़ के आउट होने के बाद भी रॉबिन ने अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी जारी रखी और अपना पहला व एकमात्र शतक जड़ा। कुमार धर्मसेना के हाथों अपना विकेट गंवाने से पहले उन्होंने 102 गेंदों में 100 रन बनाए।

5- संजय मांजरेकर

मौजूदा वक्त में अपनी शानदार कमेंट्री करने वाले संजय मांजरेकर अपने तेजतर्रार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। अपने वनडे करियर में मांजरेकर ने ओपनिंग से लोअर ऑर्डर तक हर बल्लेबाजी क्रम पर बल्लेबाजी की।

लेकिन उन्हें सफलता की नंबर-3 स्लॉट पर मिली क्योंकि उन्होंने 70 वनडे पारियों में 33 बार बल्लेबाजी की। मांजरेकर के बल्ले से निकला एकमात्र शतक भी नंबर -3 पर बल्लेबाजी करते हुए आया था।

1991 के भारत के पूर्व दौरे में यह दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच तीसरा और अंतिम एकदिवसीय था। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत अच्छी शुरुआत कर रहा था क्योंकि भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने 50+ रन की साझेदारी की। जब संजय मांजरेकर और रवि शास्त्री ने बेहतरीन साझेदारी की।

एक छोर पर शास्त्री ने अपना चौथा वनडे शतक जड़ा। तो वहीं, दूसरे छोर पर मांजरेकर अपने पहले वनडे शतक जड़ने के लिए बेहतरीन बल्लेबाजी करते दिखे।

उन्होंने सिर्फ 82 गेंदों में 128.04 के स्ट्राइक रेट से 105 रन बनाए। हालांकि मांजरेकर ने अपने वनडे करियर में 15 बार अर्धशतकीय पारी खेली लेकिन वह उन्हें शतक में तब्दील नहीं कर पाए।

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