Suryakumar Yadav: भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 3 मैचों की रोमांचक T20I सीरीज़ का दूसरा मुकाबला 29 जनवरी रविवार को लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला गया. जिसमें हार्दिक पंड्या की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने 06 विकेट से मुकाबला जीत लिया. वहीं इस जीत के साथ भारत ने श्रृंखला में 1-1 से बराबरी कर ली है.
ऐसे में अब सीरीज़ का आखिरी मुकाबला निर्णायक होने वाला है. भारत की इस जीत में उप कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने अहम भूमिका निभाई है. जिसके लिए उन्हें “प्लेयर ऑफ़ द मैच” के खिताब से भी नवाज़ा गया है. वहीं अब उन्होंने मैच के बाद बड़ी प्रतिक्रिया भी दी है.
Suryakumar Yadav ने खेली खूंटागाड़ पारी
भारतीय क्रिकेट टीम के आक्रामक मध्य क्रम के बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दूसरे T20I में हमें एक अलग सूर्य देखने को मिले. सूर्य ने मुश्किल पिच पर आकर बहुत ही समझदारी के साथ बल्लेबाज़ी की.
सूर्यकुमार से भारत को एक खूंटागाड़ पारी की ज़रूरत थी और सूर्य ने परिस्थितयों के अनुसार वैसे ही बल्लेबाज़ी की. वह अंत तक पिच पर टिके रहे और अपनी टीम को मैच जिता कर ही वापसी पवेलियन लौटे. उन्होंने 100 से भी कम स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करते हुए टीम इंडिया को मैच जिता दिया. SKY (Suryakumar Yadav) ने 31 गेंदों का सामना कर 83.87 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाज़ी करते हुए नाबाद 26 रन बनाए.
जिसमें सिर्फ 1 चौका शामिल था. सूर्यकुमार के बल्ले से ऐसी पारी देख कर हर कोई दंग रह गया. क्योंकि वह अपने ताबड़तोड़ अंदाज़ के लिए जाने जाते हैं. हालांकि उन्हें अब अपनी इस धीमी पारी के लिए ही प्लेयर ऑफ़ द मैच के अवॉर्ड से नवाज़ा गया.
“सुंदर के रन आउट होने में मेरी गलती थी”
सूर्यकुमार यादव ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ दूसरे T20I में प्लेयर ऑफ़ द मैच बनने के बाद बड़ा बयान दिया है. दरअसल, वॉशिंगटन सुंदर और सूर्य के बीच में एक अच्छी साझेदारी पनप रही थी. लेकिन सूर्य की गलती की वजह से सुंदर रन आउट हो गए. जिसको SKY ने मैच के बाद स्वीकार भी किया. इसके अलावा यादव ने अपनी इस खूटागाड़ पारी के बारे में भी मैच के बाद बात की. सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने कहा कि,
“SKY का आज का एक अलग अलग रूप देखने को मिला. जब मैं बल्लेबाजी के लिए गया तो परिस्थिति के अनुसार खेलना और अनुकुलित होना काफ़ी ज़रूरी था. पिच बल्लेबाज़ी के लिए आसान नहीं थी. वॉशिंगटन के आउट होने के बाद एक बल्लेबाज़ को पिच पर टिके रहना काफ़ी ज़रूरी था.”
“हालांकि वॉशी जिस तरीक़े से रन आउट हुए,उसमें मेरी ही ग़लती थी. अंतिम ओवर में हमें पता था कि जीत के लिए हमें बस एक अच्छा शॉट चाहिए. मेरे बीट होने के बाद हार्दिक मेरे पास आए और कहा कि तू अगला गेंद विनिंग रन बनाने वाला है और इससे मुझे काफ़ी आत्मविश्वास मिला.”
Comments are closed.