IPL 2022 Auction

आईपीएल 2022 का मेगा ऑक्शन अब खत्म हो चुका है। इस नीलामी ने जहां, तमाम खिलाड़ियों को करोड़पति बना दिया, तो वहीं कई खिलाड़ी अनसोल्ड ही रह गए। मगर इस बीच भारत की 2 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रह चुके तेज गेंदबाज S. Sreesanth का नाम ऑक्शन हॉल में लिया ही नहीं गया। असल में उन्होंने अपना नाम ड्राफ्ट किया था और उन्हें शॉर्ट-लिस्ट भी किया गया था, लेकिन एक्सलेरेट ऑक्शन के चलते उनका नाम ऑक्शन हॉल में नहीं पहुंच सका।

नीलामी से उदास होंगे S. Sreesanth

S. Sreesanth

स्पॉट फिक्सिंग के चलते 7 सालों का बैन झेल चुके तेज गेंदबाज S. Sreesanth ने आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में अपना नाम ड्राफ्ट किया था। इसके बाद उन्हें ऑक्शन के लिए शॉर्ट-लिस्ट भी कर लिया गया। लेकिन इसके बाद किसी भी फ्रैंचाइजी ने उनमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। बल्कि उनका नाम ऑक्शन हॉल में लिया तक भी नहीं गया।

हालांकि ऐसा पहली दफा नहीं हो रहा है, इससे पहले भी S. Sreesanth ने आईपीएल 2021 में अपना नाम ड्राफ्ट किया था। लेकिन तब उन्हें शॉर्ट-लिस्ट भी नहीं किया गया था। मगर इस बार खरीददार ना मिलने से यकीनन पेसर काफी निराश होगा।

फिक्सिंग के कारण बर्बाद हो रहा था एक शानदार करियर

S. Sreesanth
आईपीएल 2013 (IPL 2013) के दौरान राजस्थान रॉयल्स (RR) के साथ खेलते हुए एस. श्रीसंत (S. Sreesanth) और टीम के बाकी 2 खिलाड़ियों के ऊपर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था. उस समय दायें हाथ का यह गेंदबाज अपने करियर के सबसे अच्छे दौर में था. श्रीसंत नेमें उन्होंने क्रमशः 87, 75 और 7 विकेट हासिल किये.

वहीं, आईपीएल में श्रीसंत ने 44 मैच खेलते हुए 40 विकेट लिए हैं. एस श्रीसंत ने 9 मई 2013 को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अपना आखिरी मुकाबला खेला था. श्रीसंत साल 2007 और 2011 में वर्ल्ड चैंपियन बनी टीम इंडिया का हिस्सा भी रह चुके हैं.

साल 2013 में लगा था बैन

S. Sreesanth

साल 2013 में हुए आईपीएल के सांतवें सीजन में तब भूचाल सा आ गया था. जब टीम इंडिया के प्रतिभाशाली तेज गेंदबाज एस श्रीसंत (S. Sreesanth) का नाम फिक्सिंग कांड में सामने आया था. दिल्ली पुलिस ने उनके साथ राजस्थान रॉयल्स (Rajsthan Royals) के उनके साथी खिलाड़ी अजीत चंदीला (Ajeet Chandila) और अंकित चव्हाण (Ankit Chavan) को भी इस मामले में गिरफ्तार किया था.  लेकिन सबूतों के अभाव में उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था. उनपर लगा प्रतिबंध 13 सितंबर, 2020 को समाप्त हो गया था.