अभ्यास मैच में फ्लॉप होने के बाद भी इस खिलाड़ी को नहीं है टीम से बाहर होने का डर
Published - 28 Jul 2018, 12:59 PM

टेस्ट मुकाबलों की बल्लेबाजी में जब देर तक मैदान पर रुकने का ख्याल आता हैं तो सबसे पहला नाम राहुल द्रविड़ का आता हैं। द ग्रेट वाल ऑफ इंडिया कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ भारत के बेहतरीन टेस्ट बल्लेबाजों में से एक थे। उनके जाने के बाद इस टीम में उनकी कमी साफ दिखाई देती थी। एक तरफ से दिमागी संतुलन बनाये रखते हुए देर तक बल्लेबाजी कर जाना काफी मुश्किल का कार्य हैं। उनके जाने के बाद टीम में उनकी कमी पूरी करते नजर आए चेतेश्वर पुजारा।
राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद टीम इंडिया की नई दीवार माने जा रहे चेतेश्वर पुजारा एसेक्स के खिलाफ अभ्यास मैच की दोनों पारी में फेल रहे। विदेशी जमीन पर तो वैसे ही पुजारा का बल्ला खामोश रहता है इसलिए टेस्ट की एक दो पारियों में रन ना बनाना उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।
पुजारा को टीम में जगह की चिंता नहीं
अभ्यास मैच में खराब प्रदर्शन से शायद पुजारा इससे बिल्कुल भी चिंतित नहीं है। पुजारा ने कहा
"मुझे जो साबित करना था, मैं कर चुका हूं। कभी आप रन बनाते हो तो कभी नहीं। रन नहीं बनने की स्थिति में आपको खुद पर ज्यादा दबाव लेने की जरुरत नहीं है। मुझे खुद के अलावा किसी और को कुछ साबित करने की आवश्यकता नहीं है।"
आगे बात करते हुए पुजारा ने कहा
"मैंने काउंटी में और फिर भारत-ए की तरफ से खेलते हुए रन बनाए हैं। मेरे बल्ले से हर बार शतक लगे ये मुमकिन नहीं है। अपने रोल के बारे में पुजारा ने कहा कि मेरी कप्तान और कोच से बात हुई है और उन्होंने साफ तौर पर मेरा रोल मुझे बता दिया है।"
प्लेइंग इलेवन में उनकी जगह को कोई खतरा नहीं इस बात को बताते हुए पुजारा ने कहा "टेस्ट क्रिकेट वनडे से बिल्कुल अलग होता है, यहां आपको ज्यादा रणनीति बनाने की जरुरत होती हैं । मेरा काम है रन बनाना, चाहे वह कैसे भी बने।"
पुजारा का टेस्ट करियर
पुजारा ने भारत की तरफ से अब तक 58 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 50 से ज्यादा की औसत से 4531 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 14 शतक और 17 अर्धशतक भी लगाए हैं। वहीं इंग्लैंड में पुजारा ने अब तक 5 टेस्ट में 23 से भी कम औसत से 222 रन बनाए हैं। इन मैचों में वह केवल 1 अर्धशतक ही लगा पाए हैं।
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