कभी जूते खरीदने के नहीं थे पैसे, मजबूरी में की थी गार्ड की नौकरी, बेहद दर्दभरी हैं इस क्रिकेटर की कहानी
Published - 02 Jan 2021, 08:44 AM

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क्रिकेट जगत में किसी भी खिलाड़ी के लिए अपनी जगह बनाना आसान नहीं होता है. इस फील्ड से जुड़े कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें अपने ड्रीम को पूरा करने के लिए, कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने संघर्षों के तले अपने सपने को दबने नहीं दिया. इन्हीं में से एक खिलाड़ी मंजूर डार भी हैं. जिन्हें पहली बार किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने नीलामी के दौरान खरीदा साल 2018 में खरीदा.
मंजूर डार का जन्म
1 नवंबर 1993 में जन्में, मंजूर डार एक ऐसे इलाके से आते हैं. जहां आतंकवादियों की गोलियों का चलना आम बात है. लेकिन जम्मू-कश्मीर से पहली बार मंजूर डार ने अपनी प्रतिभा के बल पर किंग्स इलेवन पंजाब की टीम में जगह बनाई. आईपीएल के 13वें सीजन में प्रीती जिंटा की टीम ने उन्हें 20 लाख रूपये में खरीदा था. 27 साल के मंजूर डार दाएं हाथ के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज हैं.
संघर्षों का सामना करते हुए क्रिकेट के सपने को रखा जिंदा
मंजूर डार की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो, उन्होंने कई दिक्कतों का सामना किया. लेकिन क्रिकेट से कभी समझौता नहीं किया. हालांकि इस सपने को सच करने के लिए उन्हें कई संघर्षों से गुजरना पड़ा. लेकिन इसका उन्होंने डटकर मुकाबला किया. शुरुआती संघर्ष के बारे मंजूर डार ने खुद खुलासा करते हुए बताया था कि, साल 2008 से 2012 तक उन्होंने गार्ड के तौर नाइट में ड्यूटी किया करते थे.
गार्ड की नौकरी करते थे मंजूर डार
हालांकि गार्ड की नौकरी करते हुए मंजूर डार ने क्रिकेट खेलना बंद नहीं किया और अपनी प्रतिभा को निखारते रहे. क्लब क्रिकेट में उन्हें उनके शानदार प्रदर्शन के दम पर अच्छी पहचान मिली. इसके बाद उन्हें लक्ष्य से भी ज्यादा मैच खेलने होते थे. क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा पैसे मिलते थे. उन्होंने जब अपना पहला क्लब मुकाबला खेला था, तब उनके पास क्रिकेट शू और दूसरे जरूरी सामान के लिए भी पैसे नहीं थे.
गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं मंजूर डार
मंजूद डार उत्तरी जम्मू-कश्मीर के बांडीपोरा जिला के सोनावारी के स्थानीय निवासी हैं. यहां पर लोग उन्हें 'रवीन्द्र जडेजा' के नाम से जानते हैं. खास बात तो यह है कि, मंजूर डार लंबे छक्के लगाने में काफी ज्यादा माहिर हैं. मंजूर डार के पिता मजदूरी का काम करते हैं. दरअसल मंजूर डार चार भाई-बहन हैं. जिनमें सबसे बड़े मंजूर हैं.
आर्थिक तंगी के चलते छोड़नी पड़ी थी पढ़ाई
गरीब परिवार में जन्मे मंजूर डार को घर की स्थिति देखते हुए अपनी स्कूली पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी थी. इसके बाद उन्होंने परिवार की आर्थिक तंगी को ही सुधारने के लिए गार्ड की नौकरी शुरू की थी. लेकिन क्रिकेट में उनकी दिलचस्पी इस कदर बढ़ चुकी थी कि, नाइट ड्यूटी करने के बाद वो मैदान में पसीना बहाने लगे थे.
आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने खरीदा
अपने खेल प्रदर्शन के दम पर उन्होंने रणजी क्रिकेट और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जगह बनाई और राज्य का प्रतिनिधित्व किया. उनके खेल की प्रतिभा को देखते हुए ही साल 2018 की इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब की टीम ने 20 लाख रूपये में उन्हें अपनी टीम से जोड़ लिया था. इसके बाद मंजूर डार को चारों तरफ से जमकर बधाईयां भी दी गई थी.
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