आज ही के दिन टीम इंडिया ने विश्व क्रिकेट पर लहराया था अपना परचम, रचा था इतिहास
Published - 25 Jun 2018, 08:16 AM

इम इंडिया ने क्रिकेट जगत में आज ही के दिन अपने नाम का दुनिया भर में परचम लहराया था. 25 जून जिसे भारतीय क्रिकेट इतिहास में कभी नहीं भुलाया जा सकता. टीम इंडिया ने आज ही के दिन देशवासियों को ऐसा तोहफा दिया था जिसे याद कर आज भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. दरअसल, कपिल देव की कप्तानी में टीम इंडिया ने आज ही के दिन विश्वकप खिताब पर पहली बार कब्ज़ा जमाया था . यह बात साल 1983 है जब दो बार की विश्व चैंपियन वेस्टइंडीज को धूल चटाते हुए विश्व कप का खिताब जीता था.
कपिल देव की कप्तानी वाली युवा भारतीय टीम ने 60 ओवर के विश्व कप को जीत हर तरफ सनसनी फैला दी थी. लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर टीम इंडिया ने गॉर्डन ग्रीनिज, क्लाइव लॉयड और विवियन रिचर्डसन जैसे दिग्गजों से भरी टीम को महज 140 रन पर समेट फाइनल अपनी झोली में डाला था.
#OnThisDay in 1983, #TeamIndia 🇮🇳 created history by winning the ICC Cricket World Cup. #ThisDayThatYear pic.twitter.com/iB057tHJ8E
— BCCI (@BCCI) June 25, 2018
1983 विश्व कप में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के साथ तीन मुकाबले खेले जिसमें दो बार बाद में गेंदबाजी करते हुए जीत हासिल की. कमाल की बात यह रही की फाइनल में टॉस जीतने के बाद भी क्लाइव लॉयड ने भारत की मजबूत गेंदबाजी को नजर अंदाज करते हुए पहले गेंदबाजी चुनी. विश्व कप के इस निर्णायक मुकाबले में वेस्टइंडीज टीम के कप्तान क्लाइव लॉयड ने टॉस जीता था लेकिन उन्होंने गेंदबाजी करने का फैसला लिया. जिसके बाद भारतीय टीम ने भी कुछ ख़ास बल्लेबाजी नहीं की और 54.4 ओवर में महज 183 रन बना कर ही आउट हो गयी. भारत की तरफ से कोई भी बल्लेबाज अर्द्धशतक नहीं बना पाया था और सबसे ज्यादा कृष्णमच्चारी श्रीकांत ने 38 रन बनाये थे. इस छोटे से लक्ष्य से ऐसा ही लग रहा था कि भारत यह मैच हार जायेगी.
184 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज टीम की शुरुआत बहुत खराब रही और पहला विकेट महज 5 के स्कोर पर ही गिर गया जब गोर्डन ग्रीनीज आउट हुए थे। इसके बाद हालाँकि दूसरे विकेट के लिए डेसमंड हेयनेस और विवियन रिचर्डस के बीच 45 रनों की भागीदारी हुई और आशा की किरण थी जीत की हैट्रिक बनायेंगे लेकिन इस दौरान विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया और 16 रनों के अंतराल में 5 विकेट गिर गये
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