जब आप एक गोल गप्पे का पानी भरा पुचके को फोड़ मुँह में फैलाते हो आप अपनी दोनों आंखें बंद कर उसकी घटास का आनंद मजे से लेते हो। उन गोल-गोल गोल गप्पे से खेल कर,आज यह गोल गप्पे वाला भारतीय क्रिकेट टीम के लिए इतिहास रच गया हैं।
श्रीलंका अंडर 19 की एकदिवसीय श्रृंखला में 3-2 से हार
मुम्बई की डेरी शॉप से शुरू हुआ इनका काफिला, मुम्बई के आजाद मैदान में गोल गप्पे की दुकान से गुजरता हुआ क्रिकेट के मैदान तक पहुंचा। आपको बता दे उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से क्रिकेटर बने यशस्वी जायसवाल ने भारतीय अंडर-19 को युवा क्रिकेट के एकदिवसीय श्रृंखला के निर्णायक मुकाबले में शतक मार जीत दिला दी। श्रीलंका को 3-2 से हार का स्वाद चखाया।

यशस्वी जायसवाल (नाबाद 114) के शानदार शतक के दम पर भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने पांचवें और निर्णायक वनडे मैच में श्रीलंका को आठ विकेट से हराकर पांच मैचों की वनडे सीरीज 3-2 से अपने नाम कर ली। यशस्वी ने अपनी पारी में 128 गेंदों का सामना किया और आठ चौके तथा तीन छक्के लगाए।
मैदान पर बल्ले से लिखी कहानी का संघर्ष

उनके अपने चाचा का परिवार मुम्बई में रहता था लेकिन किराए का घर इतना बड़ा नहीं था कि वह यशस्वी को अपने साथ रख सकें। यशस्वी जायसवाल मुंबई के मुस्लिम यूनाइटेड क्लब के गार्ड के साथ तीन साल तक टेंट में रहे। दो भाइयों में यह यह छोटे भाई हैं। हर पैसों से तंगी के शिकार परिवार की तरह यह भी अपने खलने की बात घर पर छुपा कर रखते थे। किसी को भनक भी लग जाती तो इनका वापस भदोई जाना तय था।

सबसे रोचक बात यह है कि यशस्वी सचिन के बेटे अर्जुन के साथ खेलते हैं और सचिन ने उन्हें अपना बल्ला भी गिफ्ट किया हैं।