देश के लिये दो दो विश्व कप जीतने वाले हरभजन सिंह वर्ल्ड कप के साथ फोटो नहीं, बल्कि इस तस्वीर को मानते हैं अपनी फेवरेट तस्वीर
Published - 22 Mar 2018, 09:38 AM

टीम इंडिया के टर्बनेटर कहे जाने वाले हरभजन सिंह ने गुरुवार को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो साझा की. जिसे उन्होंने कैप्शन दिया कि यह मेरे जीवन की सबसे शानदार तस्वीर है. मैं इस पल को कभी नहीं भुला सकता. दरअसल, भज्जी की यह तस्वीर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में खेले गए एतिहासिक टेस्ट मैच की है. जिसमें भज्जी अपनी खुशी का इजहार करते दिख रहे हैं.
वास्तव में भारतीय क्रिकेट इतिहास में कोलकाता टेस्ट मैच को कभी नहीं भुलाया जा सकता. उस मैच ने साबित किया था कि क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है. इस मैच में आखिरी दिन से पहले वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की बेहतरीन पारी की बदौलत भारत ने हार को टाला था लेकिन टीम इंडिया जीत की कहानी लिखेगी, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी.लेकिन क्रिकेट का रोमांच ऐसा ही है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं होती, वहीं इस खेल में होता है.
दरअसल, इस टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने कंगारुओं का गुरूर तोड़ा था. साल 2001 में 15 मार्च को भारत ने स्टीव वॉ की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम का टेस्ट क्रिकेट में लगातार 10वीं सीरीज जीतने के वर्ल्ड रिकॉर्ड का सपना चकनाचूर कर दिया था. उस समय भारतीय टीम की कमान सौरव गांगुली के हाथों में थी.
एतिहासिक मैच की कहानी
हरभजन ने इस मैच में कुल 13 विकेट झटके थे. सात विकेट उन्होंने पहली पारी में लिए लेकिन उनकी खास गेंदबाजी दूसरी पारी में नजर आई जिसकी बदौलत भारत जीत तक पहुंचने में कामयाब रहा. इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और पहली पारी में 445 रन बोर्ड पर लगा दिए. इसके बाद कंगारुओं ने टीम इंडिया को पहली पारी में 171 रनों पर ढेर कर दिया. भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया ने फॉलोऑन दिया. लेकिन वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की ऐतिहासिक पारी ने सभी समीकरण बदल दिए और भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी. पांचवें दिन कुल 376 रनों की भागीदारी के बाद लक्ष्मण 281 रनों की पारी खेलकर लौटे, जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर रन आउट हुए.
ऑस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में जीत के लिए 384 रनों की जरूरत थी. टी-ब्रेक तक सब कुछ सामान्य था. ऑस्ट्रेलिया ने तीन विकेट खोकर 161 रन बना लिए थे. उम्मीद थी कि मैच ड्रा हो जायेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भज्जी ने 46वें ओवर में दो विकेट झटक मैच का रुख बदल दिया. इसके बाद अगले ही ओवर में सचिन तेंदुलकर ने एडम गिलक्रिस्ट को भी बिना खाता खोले पविलियन भेजा. इस विकेट के गिरते ही तमाम भारतीय खिलाड़ियों सहित फैंस चौंक गए. 48वें ओवर में सचिन एक बार फिर बॉलिंग करने आए और तीसरी गेंद पर जमे-जमाए मैथ्यू हेडन (67) का विकेट ले उड़े. इसके बाद तेंदुलकर ने शेन वॉर्न को भी पविलियन की राह दिखा दी. आठ विकेट गिरते ही भारतीय टीम को जीत की खुशबू मिलने लगी थी.
इतिहास रचा जाने वाला था और इसका अहसास हर भारतीय फैन को होने लगा था. आखिरी दो विकेट बचाने के लिए ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने खूब सघर्ष जरूर किया लेकिन हरभजन ने पहले जेसन गिलेस्पी और फिर ग्लेन मैक्ग्राथ को पविलियन भेज भारत को जीत दिला दी.
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