5 दिग्गज क्रिकेटर जिन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के समय नहीं मिला फेयरवेल मैच

Table of Contents
जिस तरह से आग में तपने के बाद ही स्वर्ण के आभूषण बनते हैं. ठीक उसी तरह कई सालों तक घरेलू क्रिकेट में अभ्यास और बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद एक क्रिकेटर को राष्ट्रीय टीम में Cricket खेलने का मौका मिलता है. यहां भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है प्लेइंग इलेवन में जगह बनाने के लिए. इसके बाद जब कोई खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बन कर लंबे समय तक देश के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन करते हैं, समय के साथ वही बन जाते हैं दिग्गज क्रिकेटर.
क्योंकि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाए रखने के लिए हर खिलाड़ी को हमेशा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते रहना पड़ता है. अन्यथा कब किस खिलाड़ी को टीम से बाहर कर दिया जाए. इसका कोई पता नहीं होता. कुछ खिलाड़ियों ने विश्व क्रिकेट पर अपनी छाप छोड़कर शानदार अंत किया. आज हम बात करेंगे उन खिलाड़ियों की जो बने तो दिग्गज, लेकिन उन्हें अपने अंतिम मैच के लिए फेयरवेल भी नहीं मिला.
ये हैं Cricket के पांच दिग्गज जिन्हें नहीं मिला फेयरवेल
5. युवराज सिंह (Yuvraj Singh)
2007 का टी20 Cricket विश्वकप तो आपको याद होगा ही. जिसमें दिग्गज भारतीय आलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के जड़ दिए थे. यही नहीं उस के बाद 2011 के क्रिकेट विश्व कप में भी भारत को विजेता बनाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले बाएं हाथ के विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह को दोनों ही टूर्नामेंट का सबसे अच्छा खिलाड़ी चुना गया था.
अपने करियर में लगभग 11 अंतरराष्ट्रीय रन बना चुके सिंह ने कुल 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मैच खेले हैं. युवराज सिंह ने अपने अंतिम अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ 10 गेंद में 27 रन बनाने के बाद भी उन्हें फिर से कभी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. 10 जून 2019 में इस दिग्गज खिलाड़ी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया. इस खिलाड़ी को प्रबंधन ने अपना फेयरवेल मैच खेलने तक का मौका नहीं दिया.
4. केविन पीटरसन (Kevin Peterson)
पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर केविन पीटरसन का नाम दिग्गज क्रिकेटरों में शामिल है. अपने Cricket करियर में 104 टेस्ट, 136 वनडे और 37 टी20 मैचों में 13 हजार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन बना चुके पीटरसन ने इंग्लैंड के लिए टेस्ट मैचों में पांचवें नंबर पर सबसे ज्यादा रन बनाए हैं. यही नहीं 2010-11 में ऑस्ट्रेलिया और 2012-13 में भारत के खिलाफ जीत के दौरान उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
2013-14 की एशेज सीरीज में जब इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया से हार गया था तब पीटरसन पर ही इसका सारा दोष मढ़ दिया गया. इसके बाद से इस खिलाड़ी को फिर कभी अपनी प्रतिभा को दिखने का मौका नहीं मिला सका. अंत में दुखी होकर इस खिलाड़ी ने मार्च 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया. यहाँ तक कि उन्हें फेयरवेल मैच भी नहीं मिला.
3. मैथ्यू हेडेन (Matthew Hayden)
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी और आक्रामक बल्लेबाज मैथ्यू हेडेन ने टेस्ट क्रिकेट में दो बार 300 का आंकड़ा पार किया था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 का Cricket विश्वकप जितवाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. ऑस्ट्रेलियन टीम के लिए 103 टेस्ट मैच में 8625 रन और 161 वनडे मैचों में 6133 रन बनाने वाले हेडेन को 2009 के बाद से कभी भी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. जिसके बाद से 2012 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूपों से संन्यास ले लिया. 2017 में हालाँकि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाल ऑफ फेम का हिस्सा बनाया गया. लेकिन, फेयरवेल मैच का मौका नहीं दिया गया.
2. एबी डिविलियर्स (AB de Villiers)
Cricket में मिस्टर 360 के नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक विकेटकीपर बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संयास लेने से पहले कई कीर्तिमान अपने नाम किए थे. डिविलियर्स ने सीमित ओवरों में 16 गेंद में सबसे तेज अर्धशतक और 31 गेंद में सबसे तेज शतक लगाने का रिकॉर्ड बनाया है.
उन्होंने संन्यास भी धाकड़ अंदाज में लिया. डिविलियर्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में कहा था कि, " अब मेरी बारी है. ईमानदारी से कहूं तो अब मै थक गया हूं." दक्षिण अफ्रीका के लिए 420 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 20 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले एबी को शानदार विदाई नहीं दी गई.
1. महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)
Cricket में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी और कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त 2020 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को पूरी तरह से अलविदा कह दिया. दुनिया का इकलौता कप्तान जिसने आईसीसी की सभी ट्रॉफियों को अपने नाम किया. बावजूद इसके उसे अपने लिए एक फेयरवेल मैच भी नसीब नहीं हो सका.
2019 के क्रिकेट विश्व कप मैच में साहसिक पारी खेलने के बाद भी टीम को वो जीत नहीं दिला सके थे. जिसके बाद सभी उनकी निंदा करने लगे. लेकिन, किसी ने यह नहीं सोचा कि टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं और सभी मिलकर जीत दिलाते हैं. भारत के सबसे सफल कप्तान को कम से कम एक विदाई मैच खेलने का मौका मिलना चाहिए था.
Tagged:
युवराज सिंह केविन पीटरसन महेंद्र सिंह धोनी