Dinesh Karthik on Yuzvendra Chahal

Dinesh Karthik: आईसीसी T20 वर्ल्डकप 2022 में भारतीय क्रिकेट टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड से पूरे 10 विकेट से हारी थी. जिसके चलते एक बार फिर टीम इंडिया समेत उनके फैंस का आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का सपना, सपना ही रह गया.

वहीं टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद फैंस के मन में कई से सवाल उठ रहे हैं. जिसमें से सबसे बड़ा सवाल है कि अनुभवी लेग स्पिनर और हर्षल पटेल को पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं खिलाया. वहीं अब इस सवाल का जवाब देते हुए टीम का हिस्सा रहे अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने बड़ा बयान दिया है.

Dinesh Karthik ने किया बड़ा खुलासा

Dinesh Karthik

टीम इंडिया के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक आईसीसी T20 वर्ल्डकप 2022 में भारतीय टीम का हिस्सा थे. हालांकि पूरे टूर्नामेंट में डीके का बल्ला खामोश रहा. उनको विश्वकप में 4 मैच खेलने का मौका मिला. लेकिन वह एक भी मैच में परफॉर्म नहीं कर पाए. वहीं अब उन्होंने वर्ल्डकप के बाद युजवेंद्र चहल और हर्षल पटेल को विश्वकप में एक भी मुकाबला ना खिलाने की वजह का खुलासा करते हुए बड़ा बयान दिया है. क्रिकबज से बातचीत करते हुए दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने कहा कि,

“वो एक बार भी रूठे या एक बार भी परेशान नहीं हुए क्योंकि वो (चहल और हर्षल) बहुत आश्वस्त थे। टूर्नामेंट की शुरुआत में उन्हें कहा गया था कि इन परिस्थितियों में हम आपको खिलाएंगे अन्यथा आपका खेलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए वो इस बात को लेकर बहुत जागरूक थे और इस तरह से तैयारी कर रहे थे कि मौका मिलने पर वो अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे लेकिन एक मौका ये भी हो सकता है कि वो एक भी मैच ना खेल पाएं.”

“ये खिलाड़ी के लिए काम को आसान बना देता है”

Yuzvendra Chahal

दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) ने आगे अपने बयान में इस बात का भी ज़िक्र किया कि जब कोच और कप्तान खिलाड़ियों को चीज़ें स्पष्ट कर देते हैं तो उससे खिलाड़ियों को सहायता होती है और वह खिलाड़ियों के काम को आसान बना देता है. डीके ने कहा कि,

“इसलिए जब कोच और कप्तान की ओर से ये क्लैरिटी होती है तो ये खिलाड़ी के लिए काम को आसान बना देता है क्योंकि आप बस अपने भीतर देखना शुरू करते हैं और सोचते हैं कि बेहतर तैयारी शुरू करने के लिए मैं क्या करूं. वे यही कर रहे थे और अगर उन्हें मौका दिया जाता तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ देते. ये काफी हाई इंटेंसिटी वाला टूर्नामेंट है. जैसा पार्थिव पटेल ने भारत के लिए बहुत सारे मैच खेले हैं और वो बाहर होने की भावना को जानते हैं.”

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