भारतीय महिला टीम को भारतीय पुरुष टीम के जितनी लोकप्रियता हासिल नहीं है, इसी वजह से उनके साथ वेतन को लेकर भेदभाव भी होता रहा है। लेकिन अब बीसीसीआई (BCCI) ने इसको लेकर एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव जय शाह (Jai Shah) ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर यह जानकारी दी कि अब महिला खिलाड़ी और पुरुष खिलाड़ी के बीच किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने बताया है कि बोर्ड ने इक्विटी पॉलिसी लागू करने का फैसला किया है।
BCCI ने महिला क्रिकेटर्स को लेकर लिया ऐतिहासिक फैसला
दरअसल, जय शाह ने हाल ही में अपनी ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर जानकारी दी कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इक्विटी पॉलिसी लागू कर मैच फीस के तौर पर महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव का अंत कर दिया है। बीसीसीआई ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला और पुरुष खिलाड़ी को अब बराबर मैच फीस दी जाएगी। शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर कहा कि,
“मुझे खुशी हो रही है कि बीसीसीआई ने महिला और पुरुष क्रिकेटर के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए पहला कदम उठाया है। हम अपनी महिला क्रिकेटर्स के साथ इक्विटी पॉलिसी लागू कर रहे हैं। महिला और पुरुष खिलाड़ियों को अब बराबर का वेतन मिलेगा। वेतन को लेकर अब कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा।”
https://twitter.com/JayShah/status/1585527306352676865?s=20
BCCI इस तरह से देगा महिला टीम को वेतन
वहीं अगर महिला क्रिकेटर्स को मिलने वाली सैलरी के बारे में बात करे तो जय सचिव ने इसको लेकर बताया कि बीसीसीआई टेस्ट के लिए 15 लाख रुपए देगा, जबकि वनडे के लिए 6 लाख और टी20I के लिए 3 लाख का वेतन का भुगतान करेगा। भारतीय बोर्ड पुरुष खिलाड़ियों को इतनी ही सैलरी दे रहा है। ऐसे में अब अनुबंधित महिला टीम को भी यह वेतन प्राप्त होगा। इससे उनकी सालाना आय पर काफी असर पड़ने वाला है।