मनोज तिवारी ने पहले चयनकर्ताओ पर लगाया पक्षपात का आरोप, अब कहा कुछ ऐसा मची खलबली

एक बार फिर बीसीसीआई खिलाड़ी चयन को लेकर विवादों में गया है. भारत के पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भारत ‘ए’ और भारत ‘बी’ टीम में स्थान नहीं दिए जाने पर बीसीसीआई के सिलेक्टर्स पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है तो उसे उसका इनाम दिया जाना चाहिए। वो बीसीसीआई के इस चयन प्रक्रिया को लेकर काफी खफा है.Related image

अच्छे प्रदर्शन के बावजूद नहीं मिला मौकाRelated image

बंगाल के 32 वर्षीय बल्लेबाज तिवारी ने पिछले सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी में 109.33 की औसत से 328 रन बनाए। उन्होने देवधर ट्रॉफी में 179 की औसत से 179 रन बनाए। इस तरह उन्होंने घरेलू वनडे सत्र में कुल 507 रन बनाए।

इसके बावजूद सिलेक्टर्स ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया ‘ए’ और दक्षिण अफ्रीका ‘ए’ के खिलाफ होने वाले चतुष्कोणीय टूर्नामेंट के लिए भारत ‘ए’ या भारत ‘बी’ टीम में नहीं चुना। तिवारी 12 वनडे और 3 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

मनोज से पहले कोई बल्लेबाज़ ने नहीं बनाया इतने रनImage result for मिथुन मन्हास

इस पर तिवारी ने प्रमुख सांख्यिकीविद मोहनदास मेनन से ट्विटर पर पूछा कि घरेलू वनडे टूर्नामेंट (विजय हजारे ट्रॉफी और देवधर ट्रॉफी) में कब एक वर्ष में किसी खिलाड़ी ने 100 से ज्यादा की औसत से रन बनाए हैं।

इसमें चौंकाने वाली बात सामने आई कि मनोज तिवारी से पहले पिछले 9 वर्षों में कोई बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाया था। अंतिम बार दिल्ली के मिथुन मन्हास ने 2005-06 में ऐसा किया था जब उन्होंने 114.40 की औसत से 572 रन बनाए थे।

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर मिलना चाहिए इनामImage result for cricketer मनोज तिवारी

तिवारी ने कहा, ‘मुझे भारत ‘ए’ टीम में चुने जाने की उम्मीद थी। जब कोई खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है तो उसे इनाम मिलना चाहिए। मैंने पिछले वनडे सत्र में जबर्दस्त प्रदर्शन करते हुए रिकॉर्ड बनाया था। मुझे नहीं मालूम कि सिलेक्टर्स ने चयन के लिए क्या पैमाना रखा था।‘

यह पूछे जाने पर कि क्या बढ़ती उम्र की वजह से उन्हें नजरअंदाज कर युवा क्रिकेटरों को मौका दिया गया तो उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के लिए उम्र सिर्फ एक नंबर होता है।