Cricket में खिलाड़ियों का एक्शन तो इस खेल को खास बनाता ही है, लेकिन मानों या ना मानों इस खेल के नियम इसकी जान हैं। कई ऐसे नियम होते हैं, जो जरुरत पड़ने पर ही इस्तेमाल होते हैं, तभी पता चलते हैं। तो वहीं कुछ ऐसे नियम होते हैं, जो हर वक्त मैदान पर इस्तेमाल होते रहते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि 1996 में मलेशिया में सुपर-8 टूर्नामेंट हो रहे थे। जिसमें ऐसे गजब-गजब के नियम थे, जैसे छक्के की जगह 8 रन दिए गए थे, तो वहीं टीम में 11 सदस्यों की बजाए 8 सदस्यों की प्लेइंग इलेवन थी।
Cricket के सुपर-8 टूर्नामेंट में अजब-गजब थे नियम
दुनियाभर में Cricket को काफी पसंद किया जाता है, जब भी खेल में कोई नया नियम जुड़ता है, तो उसके इस्तेमाल होने का फैंस व खुद खिलाड़ी भी इंतजार करते हैं। आईसीसी खेल की जरूरतों के हिसाब से नियमों को जोड़ती और हटाती रहती है, जिससे खेल और भी सुचारू रूप से चलता रहे। ऐसा ही एक टूर्नामेंट था सुपर-8, जो 1996 में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में खेला गया था।
इस टूर्नामेंट के नियम बड़े अजब-गजब थे। वैसे तो एक टीम में आमतौर पर 11 खिलाड़ी होते हैं, लेकिन इस टूर्नामेंट में सभी टीमों में सिर्फ 8-8 Cricketer ही रखे गए थे। इतना ही नहीं, ओवरों की संख्या में घटाई गई। टूर्नामेंट के मैच 20 ओवरों के नहीं थे, बल्कि इन्हें 14-14 ओवरों का कर दिया गया था। सबसे रोमांचक नियम तो यह था कि छक्का लगाने पर खिलाड़ियों को 8 रन मिलते थे और यदि कोई खिलाड़ी 50 रन बनाता, तो उसे रिटायर कर दिया जाता।
भारत के पाले में नहीं आई जीत
1996 में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में खेले गये टूर्नामेंट सुपर-8 को खास व यादगार उसके नियमों ने ही बनाया है। उस टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया की Cricket टीम ने विजय हासिल की थी। टीम का नेतृत्व कर रहे थे डैरेन लेहमैन। एक ओर ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की थी, तो वहीं भारत की टीम को बुरी तरह से हार मिली थी। भारत इस टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं हासिल कर पाया था।
जानकर आपको हैरानी होगी, लेकिन भारतीय टीम मलेशिया से भी हार गई थी। मगर मलेशिया की टीम में सनथ जयसूर्या व अरविंद डिसिल्वा जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी तो मौजूद थे। हालांकि 1996 में ही यह पहला व आखिरी Cricket सुपर-8 टूर्नामेंट खेला गया। दोबारा इसका आयोजन नहीं हुआ। मगर आज भी फैंस उस खेल के मजेदार नियमों को याद जरुर करते हैं।