Cricket Facts: किसी भी पेशेवर खिलाड़ी के लिए अपने खेल से संन्यास लेना आसान नहीं होता है। खासकर के ऐसें मौके पर जब वो खिलाड़ी अपने करियर की चोटी पर हो। क्रिकेट (Cricket) जैसे विश्व प्रसिद्ध खेल ने लाखों खिलाड़ियों को जिंदगी बदलने का मौका दिया गया है। जब एक प्रतिष्ठित क्रिकेटर इस जादुई खेल से संन्यास लेता है तो उनके प्रशंसकों के दिल टूट जाते हैं।
जब आपका पसंदीदा क्रिकेटर खेल को अलविदा कह देता है तो यह उनके प्रशंसकों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए भी दर्दनाक था। हालाँकि, क्रिकेट जगत ने पहले भी इस प्रकार के क्षणों को देखा है, इसलिए हम उन पाँच महान क्रिकेटरों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्होंने अपने करियर के चरम के दौरान क्रिकेट (Cricket) को अलविदा कह दिया था।
1. मोहम्मद आमिर
पाकिस्तानी क्रिकेट (Cricket) टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर (Mohammad Amir) का क्रिकेट करियर हमेशा सुर्खियों में रहा है। साल 2010 में स्पॉट फिक्सिंग मामले के चलते उन्हें बैन कर दिया गया था। जिसके बाद उन्हें सनसनीखेज तारीके से वापसी की थी। जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट में कई उपलब्धियां हासिल की, साल 2017 में मोहम्मद आमिर ने पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में खास भूमिका निभाई थी।
लेकिन साल 2020 में अचानक इंटरनेशनल क्रिकेट (Cricket) को अलविदा कहने के बाद मोहम्मद आमिर ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया था। अपने करियर की ऊंचाई पर संन्यास लेने वाले इस खिलाड़ी ने अपनी ही टीम के हेडकोच मिस्बाह उल हक और गेंदबाजी कोच वकार यूनिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
2. एबी डी विलियर्स
एबी डी विलियर्स (AB De villiers) उन महान क्रिकेटरों में से एक हैं जिन्होंने अपने प्रमुख या शिखर के दौरान संन्यास ले लिया। दक्षिण अफ्रीका के इस शानदार खिलाड़ी ने अपनी अनूठी बल्लेबाजी शैली से दुनिया भर में बहुत सारे प्रशंसक प्राप्त किए हैं। एक शब्द में कहें तो क्रिकेट में डी विलियर्स जैसा खिलाड़ी पहले कभी नहीं रहा। एबी डी विलियर्स अपने करियर के शुरुआती दौर में इतने प्रभावशाली नहीं थे, शुरुआत में कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा।
हालाँकि, उन्होंने हर चीज को प्रेरणा के रूप में लिया, अपनी सभी असफलताओं का बड़े साहस के साथ सामना किया और अपनी बल्लेबाजी में लगातार सुधार किया। एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज 50, 100 और 150 रन बनाए। साथ ही, वनडे क्रिकेट (Cricket) में बनाए गए अपने हर शतक में उन्होंने 100 से भी कम गेंदों का सामना किया। एबी डी विलियर्स एकदिवसीय क्रिकेट में एकमात्र खिलाड़ी हैं जिनका औसत 50 से अधिक और स्ट्राइक रेट 100 से अधिक है।
3. एमएस धोनी
इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) क्रिकेट के इतिहास के इकलौते ऐसे कप्तान है, जिन्होंने तीनों आईसीसी ट्रॉफी अपने कब्जे में की है। एक लाजवाब कप्तान होने के साथ ही धोनी बेहतरीन बल्लेबाज भी रहे हैं। वनडे इंटरनेशनल मैचों में धोनी ने 350 से ज्यादा मैच खेलने के बाद भी 50 से अधिक औसत कायम रखते हुए 10,773 रन बनाए हैं।
महेंद्र सिंह धोनी ने 2019 विश्वकप सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपनी आखिरी इंटरनेशनल पारी खेली थी। हालांकी इस मैच में भारत को हार का सामना करना पड़ा था, इस मैच में भी भारत की करोड़ों उम्मीदें एमएस धोनी से थीं। उनके करियर में कभी भी बल्लेबाजी के लिहाज से बुरा समय नहीं आया, धोनी ने साल 2020 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा था।
4. माइकल क्लार्क
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Cricket) टीम के महान बल्लेबाज माइकल क्लार्क ने 19 जनवरी, 2003 को इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया। क्लार्क ने अपने पदार्पण के बाद से अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और टीम में अपनी जगह पक्की की थी।
क्लार्क ने 2015 में एकदिवसीय विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया, न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में शानदार अर्धशतक के साथ अपनी टीम को 5वां विश्व कप उठाने में मदद की। लेकिन उन्होंने सिर्फ 34 साल की उम्र में क्रिकेट (Cricket) को अलविदा कह दिया था। इस फैसले ने कई क्रिकेट प्रशंसकों के साथ-साथ पूर्व क्रिकेटरों को भी चौंका दिया। क्लार्क ने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा तब की जब वो अपने करियर के पीक पर थे।
5. कुमार संगाकारा
महान श्रीलंकाई बल्लेबाज कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) सचिन तेंदुलकर के बाद क्रिकेट (Cricket) इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, क्रिकेट के खेल में सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपरों में से एक संगकारा ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत 5 जुलाई 2000 को पाकिस्तान के खिलाफ एकदिवसीय मैच से की थी।
उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी खुद को स्थापित किया और श्रीलंका टीम को दो विश्वकप फाइनल में पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुमार संगकारा ने 2014 में श्रीलंका की टी20 विश्व कप जीत में भी अहम भूमिका निभाई थी, भारत के खिलाफ फाइनल में अर्धशतक जड़ा था। उन्होंने 37 साल की उम्र में ही अपने करियर के पीक पर ही क्रिकेट (Cricket) को अलविदा कह दिया था।