क्रिकेट इतिहास के वो 10 महान खिलाड़ी जो बतौर कप्तान रहे असफल

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Amit Choudhary
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क्रिकेट इतिहास के वो 10 महान खिलाड़ी जो बतौर कप्तान रहे असफल

किसी भी खेल में टीम की कप्तानी करना सबसे मुश्किल काम होता है। बतौर कप्तान एक खिलाड़ी को ना केवल विपक्षी टीम के लिए रणनीति एवं योजना बनाने की जरूरत होती है बल्कि उन्हें उनके साथ-साथ खुद के प्रदर्शन पर भी ध्यान देना पड़ता है। साथ ही उनको टीम में एक अच्छा माहौल बनाने की भी जिम्मेदारी होती है।

एक कप्तान को टीम में मौजूद सारे खिलड़ियों से उनका बेस्ट प्रदर्शन करवाने की भी जिम्मेदारी कप्तान के कंधों पर ही होती है। कई बार आपने दिग्गजों से यह बोलते हुए सुना होगा कि ' अच्छे खिलाड़ी हमेशा अच्छा कप्तान नहीं होते हैं ' यह कथन बिल्कुल सच है। आज हम ऐसे ही कुछ खिलड़ियों के बारे में जानेंगे जो थे तो टॉप क्लास के, लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी से कुछ खास कमाल नहीं कर पाए।

10 Cricketer जो एक कप्तान के रूप में अच्छे साबित नहीं हुए

1. शाकिब अल हसन

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शाकिब अल हसन आज के समय के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक हैं उन्होंने बांग्लादेश टीम को कई मैचों में अकेले दम पर जीत दिलाई है। मगर बतौर कप्तान उनका भी रिकॉर्ड पहले के लोगों जैसे सही नहीं रहा। बांग्लादेश क्रिकेट के अभी तक के दिग्गज खिलाड़ियों में से एक शाकिब अल हसन ने बांग्लादेश को 14 टेस्ट मैचों में लीड किया जिसमें से उन्हें केवल 3 मैचों में ही जीत हासिल हुई।

हसन की कप्तानी में टीम को 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है। बतौर वनडे कप्तान उनका रिकॉर्ड टेस्ट के मुकाबले बेहतर है, उन्होंने 50 मैचों में बांग्लादेश की कमान संभाली जिसमें से 23 मैचों में जीत हासिल हुई तो वहीं 26 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने 21 अंतरराष्ट्रीय T20 मुकाबलों में भी बांग्लादेश की कप्तानी की जिसमें उन्हें महज 7 में जीत हासिल हुई।

2. केविन पीटरसन

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इंग्लैंड के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक केविन पीटरसन भी इस सूची में शामिल हैं। केविन पीटरसन को साल 2008 में माइकल वॉन के बाद इंग्लैंड का कप्तान नियुक्त किया गया था, लेकिन बतौर कप्तान उनका रिकॉर्ड ना ही अच्छा रहा ना ही उन्हें ज्यादा मैचों में कप्तानी करने का मौका ही मिला।

केविन पीटरसन जब टीम के कप्तान थे तब टीम के कोच पीटर मूरेस के साथ उनका विवाद हुआ था जिसके कारण उन्हें कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया था। उन्होंने 2009 में इंग्लैंड की कप्तानी छोड़ दी थी। केविन पीटरसन ने इंग्लैंड की कप्तानी ज्यादातर 2008 के भारत दौरे के मुकाबलों में की है जिसमें इंग्लैंड को 0-1 और 0-5 से हार का सामना करना पड़ा था।

3. एंड्रयू फ्लिंटॉफ

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क्रिकेट के सबसे प्रभावशाली ऑलराउंडरों में से एक एंड्रयू फ्लिंटॉफ का नाम भी इस सूची में शामिल हैं। इंग्लैंड के इस खिलाड़ी ने अपनी टीम को कई मैचों में अकेले दम पर जीत दिलाई पर कप्तानी में यह चीज वो कर नहीं पाए। आपको बता दें कि एंड्रयू फ्लिंटॉफ इंग्लैंड के सबसे अहम खिलाड़ी हुए करते थे। उस समय, उन्होंने साल 2005 में हुए प्रसिद्ध एशेज सीरीज में इंग्लैंड को जीत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी।

एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने 11 मैचों में इंग्लैंड की कप्तानी की जिसमें से केवल 2 मैचों में उन्हें जीत हासिल हुई और 7 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। एकदिवसीय फॉर्मेट में भी उनकी कप्तानी टेस्ट क्रिकेट जैसी ही निराशाजनक रही। उन्होंने वनडे में इंग्लैंड को 7 मैचों में लीड किया जिसमें केवल 1 मुकाबले में ही टीम को जीत मिली।

4. हीथ स्ट्रीक

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हीथ स्ट्रीक अभी तक के जिम्बाब्वे Cricket के सबसे सफल तेज गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने 2000 के दशक में जिम्बाम्बे की गेंदबाजी आक्रमण की अगुआई की थी। लेकिन, बतौर कप्तान उनका रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं रहा। साल 2000 में उन्हें एंडी फ्लावर के बाद जिम्बाब्वे का कप्तान नियुक्त किया गया। जिम्बाब्वे के लिए हीथ स्ट्रीक ने 68 एकदिवसीय मुकाबलों में लीड किया , जिसमें उन्हें केवल 18 मुकाबलों में जीत हासिल हुई।

इन सभी के अलावा स्ट्रीक की अगुआई में टीम को 47 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। साथ ही जिम्बाब्वे के लिए उन्होंने 21 टेस्ट मैचों में कप्तानी की जिसमें उन्हें केवल 4 मैचों में ही जीत हासिल हुई वहीं 11 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। हीथ स्ट्रीक जब कप्तान थे तब जिम्बाब्वे के राष्टृपति ने एक नियम लाया कि टीम में निश्चित संख्या में अश्वेत खिलाड़ियों को अनिवार्य किया गया।

5. क्रिस गेल

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क्रिस गेल आज के समय में Cricket के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में जाने जाते हैं। आपको बता दें कि 'यूनिवर्स बॉस' नाम से मशहूर क्रिस गेल ने ब्रायन लारा के बाद वेस्टइंडीज टीम की कमान संभाली थी, लेकिन उनका भी कप्तानी में हाल पूर्व दिग्गज ब्रायन लारा जैसा ही रहा।  2007 में क्रिस गेल को बतौर वेस्टइंडीज कप्तान नियुक्त किया गया।

वह अपनी कप्तानी से कुछ खास नहीं कर पाए और उनका कार्यकाल ब्रायन लारा से भी खराब बीता। क्रिस गेल ने वेस्टइंडीज को 20 टेस्ट मैचों में लीड किया जिसमें से केवल उन्हें सिर्फ 3 में ही मैचों में जीत हासिल हुई और 9 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। वहीं वेस्टइंडीज के लिए उन्होंने 53 एकदिवसीय मुकाबलों में कप्तानी की जिसमें से केवल उन्हें 17 में ही जीत हासिल हुई और 30 में हार का सामना करना पड़ा।

6. शिवनारायण चंद्रपॉल

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शिवनारायण चंद्रपॉल वेस्टइंडीज Cricket में टेस्ट फॉर्मेट के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक हैं। शिवनारायण चंद्रपॉल की तकनीक टेस्ट में काफी दमदार थी जिसके कारण उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी में सफलता हासिल की। लेकिन, उनका कप्तानी रिकॉर्ड उतना अच्छा नहीं हैं। आपको बता दें कि उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए साल 2005-2006 के दौरान कप्तानी की थी।

शिवनारायण ने वेस्टइंडीज टीम को 14 टेस्ट मैचों में लीड किया जिसमें से केवल 1 ही मैच में उन्हें जीत हासिल हुई और 10 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। वहीं अगर एकदिवसीय क्रिकेट में चंद्रपॉल की कप्तानी की बात करें तो उन्होंने वेस्टइंडीज टीम को 16 एकदिवसीय मैचों में लीड किया जिसमें केवल उन्हें 2 ही मैचों में जीत हासिल हुई और 14 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।

7. एंडी फ्लावर

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रन बनाने में निरंतरता के हिसाब से जिम्बाब्वे बल्लेबाज एंडी फ्लावर मशहूर क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन से कम नहीं थे। एंडी फ्लावर अपने समय में Cricket के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक थे उन्होंने अपने बल्लेबाजी से जिम्बाब्वे के क्रिकेट इतिहास में कुछ सबसे प्रसिद्ध जीत दर्ज कराने में सफलता हासिल की। लेकिन उन्होंने अपनी कप्तानी में उतना कुछ खास नहीं कर पाए।

एंडी ने साल 1995-2000 के दौरान जिम्बाब्वे का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने 20 टेस्ट मैच और 52 एकदिवसीय मैचों में टीम की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में टीम को सिर्फ एक टेस्ट मैच में ही जीत नसीब हुई तथा 52 एकदिवसीय मैचों में से केवल 12 मौके पर ही उनकी टीम जीत हासिल कर पाई वहीं 35 मैचों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्हें टीम की कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया।

8. ब्रायन लारा

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इस सूची में पूर्व वेस्टइंडीज Cricketer ब्रायन लारा का भी नाम शामिल है। ब्रायन लारा अपने समय के सर्वश्रेष्ठ खिलड़ियों में से एक थे। उनके नाम टेस्ट एवं वनडे दोनों ही फॉर्मेट में दस हजार से ज्यादा रन दर्ज हैं। दुनिया के सबसे सफलतम बल्लेबाजों में से एक ब्रायन लारा कप्तानी में अपना कमाल नहीं दिखा पाए थे। बतौर वनडे कप्तान उनका रिकॉर्ड थोड़ा बहुत ठीक ही रहा।

लारा ने साल 2004 में टीम को चैंपियन्स ट्रॉफी का खिताब दिलाने में सफलता हासिल की, लेकिन उनकी टेस्ट कप्तानी की जबरदस्त आलोचना होती थी। ब्रायन लारा ने 125 वनडे में भारतीय टीम की कप्तानी की जिसमें से उन्होंने 50% प्रतिशत मैचों में जीत हासिल की वहीं टेस्ट में उनका रिकॉर्ड बहुत ही खराब रहा उनके द्वारा 47 मैचों में वेस्टइंडीज की कप्तानी की गई जिसमें से टीम केवल 10 ही मैच जीत पाई।

9. रॉस टेलर

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रॉस टेलर बिना किसी शंका के न्यूजीलैंड के अब तक के सर्वश्रेष्ठ Cricketers में से एक हैं। उन्होंने अपनी टीम के लिए कई मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया। अभी हाल ही में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में भी उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की, पर उनकी भी कप्तानी इस लिस्ट में बाकी सब के जैसी फीकी ही रही। रॉस टेलर को न्यूजीलैंड की कमान साल 2011 में पूर्व खिलाड़ी डेनियल वेटोरी के बाद मिली।

टेलर ने न्यूजीलैंड टीम को 14 टेस्ट मैच और 20 वनडे मुकाबलों में लीड किया। रॉस टेलर के 14 टेस्ट मैचों में कप्तानी के दौरान न्यूजीलैंड को केवल 4 में ही जीत मिली और 8 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं उनकी एकदिवसीय कप्तानी में टीम ने 20 मैच खेले जिसमें से केवल 6 मैचों ही वो जीत पाई। खराब प्रदर्शन के चलते बाद में उन्हें कप्तानी से बर्खास्त कर दिया गया।

10. सचिन तेंदुलकर

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इस सूची में अंतिम नाम Cricket के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का है। ऐसा कहा जाता है कि एक अच्छा खिलाड़ी होने का यह मतलब नहीं की वो एक अच्छा कप्तान भी हो और यह वाक्य सचिन तेंदुलकर पर बिल्कुल सटीक बैठती है। सचिन तेंदुलकर ने बतौर बल्लेबाज क्रिकेट में कई उपलब्धियां हासिल कीं परंतु एक कप्तान के रूप में उनका प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा।

सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट टीम को 2 मौकों पर लीड किया। पहली बार उन्होंने जब कप्तानी की तब उनको शुरू में घरेलू सीरीज में दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सफलता हाथ लगी, लेकिन उसके बाद उनका डाउनफॉल शुरू होने लगा जिसके बाद उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी छोड़नी पड़ी।उन्होंने बतौर कप्तान भारतीय टीम को 25 टेस्ट और 73 वनडे मैचों में लीड किया। 25 टेस्ट में केवल उन्हें 4 में ही जीत का स्वाद मिला वहीं वनडे में उन्होंने 73 मैचों में सिर्फ 23 मैचों में जीत हासिल हुई।

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