भारतीय टेस्ट टीम के स्तम्भ चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara)ने बांग्लादेश के खिलाफ अपने विस्फोटक बल्लेबाजी का नमूना पेश किया है। उन्होंने लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट में शानदार बल्लेबाजी कर सबको काफी प्रभावित किया। अपनी बल्लेबाजी में सुधार और निखार लाने के लिए इस अनुभवी खिलाड़ी ने काउंटी क्रिकेट का रुख किया। विदेशी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के कारण उन्होंने टीम इंडिया में वापसी की। वहीं, बांग्लादेश के खिलाफ दमदार प्रदर्शन दिखाने के बाद उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के खिताब से नवाजा गया।
Cheteshwar Pujara ने अपने कमबैक को लेकर दिया बयान
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने पोस्ट मैच प्रेज़न्टैशन के दौरान बातचीत करते हुए कहा कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने के बाद ही उनके प्रदर्शन में निखार आया है। उनका मानना है कि खिलाड़ियों को प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलते रहना चाहिए। प्लेयर ऑफ द सीरीज बने पुजारा ने कहा,
"यह एक बेहतरीन प्रतिस्पर्धी सीरीज रही है। मैं अपने खेल पर कड़ी मेहनत कर रहा हूं। बहुत सारे प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेले और फिर अपने खेल पर काफी काम किया, जिससे मुझे ये रन बनाने में मदद मिली। कई बार टेस्ट मैचों के बीच काफी गैप होता है, इससे आपको तैयारी करने में मदद मिलती है। मुझे लगता है कि सुधार के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलना वास्तव में महत्वपूर्ण है। आपको मानसिक रूप से तैयार रहने की जरूरत है और मेरा मानना है कि अगर आप मानसिक रूप से मजबूत हैं और अच्छी तैयारी करते हैं तो आप अच्छे होंगे।"
इतना ही नहीं आगे बात करते हुए पुजारा ने यह भी कहा, "जब ऋषभ पंत का विकेट गिरा तो लगा मैच हाथ से निकल गया।" हालांकि पंत टीम इंडिया को बीच मजधार में छोड़कर चले गए थे। लेकिन, यहां से अश्विन और अय्यर ने सूझबूझ से काम लिया और टीम को जीत दिलाकर लौटे। दरअसल 7 विकेट गिरने के बाद सिर्फ फैंस ही नहीं बल्कि भारतीय खिलाड़ियों को भी आहट होने लगी थी कि टीम के हाथ से मैच निकल गया। लेकिन, श्रेयस-रविचंद्रन अश्विन ने सभी संभावनाओं पर पानी फेरते हुए एक रोमांचक जीत दिलाई्।
ऐसा रहा Cheteshwar Pujara का प्रदर्शन
बांग्लादेश के खिलाफ खेली गई दो टेस्ट मैचों की सीरीज में चेतेश्वर पुजारा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। वह उन खिलाड़ियों में से एक रहे जिन्होंने इस टेस्ट मैच में शतक जमाया। दूसरे मैच में पुजारा भले कुछ खास नहीं कर सके। लेकिन उन्होंने पहला टेस्ट मैच जीतकर टीम को सीरीज पर कब्जा करने में मदद की। वह इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज रहे। पुजारा ने पहले मैच में 192 रन बनाए, जबकि दूसरे मैच में उनके बल्ले से 30 रन ही निकले हैं। वहीं, उन्होंने लगभग तीन साल बाद अपने टेस्ट करियर का 19वां शतक भी ठोका।