भारतीय टीम के स्टार बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का बल्ला रणजी ट्रॉफी में रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में नहीं चुने जाने वाले इस बल्लेबाज ने लाल गेंद के खेल से मुंह मोड़ने का मन अभी नहीं बनाया है। भले ही भारतीय चयनकर्ता उनसे आगे बढ़ने की सोच रख रहे हो। लेकिन पुजारा ने खुद को रेस में बनाए रखने की कसम खा रखी है। रणजी ट्रॉफी 2024 का सत्र अपने आखिरी दौर में है जहां चेतेश्वर की ओर से मणिपुर के खिलाफ टी20 अंदाज में शतक जड़ दिया है।
चेतेश्वर में क्रिकेट अभी बाकी है!
अजीत अगरकर की अगुवाई वाली चयन समिति ने साफ कर दिया है कि उन्हें चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) से आगे युवा खिलाड़ियों को मौका देना है। जिसके चलते शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, रजत पाटीदार जैसे बल्लेबाजों को टेस्ट फॉर्मेट में खुद को साबित करने का मौका दिया जा रहा है। लेकिन चेतेश्वर पुजारा के बल्ले की गर्जन भी कह रही है कि "अभी क्रिकेट बाकी है"। उन्होंने मणिपुर के खिलाफ मात्र 102 गेंदों में शतक जड़कर साबित कर दिखाया है कि उनके भीतर अभी भी भूख बाकी है।
पुजारा ने T20 अंदाज में जड़ा शतक
रणजी ट्रॉफी 2024 में 16 फरवरी से आखिरी चरण की शुरुआत हो चुकी है। इस बार सौराष्ट्र के सामने मणिपुर आई हार्विक देसाई(48), प्रेरक मांक्ड(173) और वसावडा (148) के शतक के चलते सौराष्ट्र ने मणिपुर के द्वारा पहली पारी में 142 रन को पार करते हुए 529 रन बनाए। जिसमें चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने 105 गेंदों में 108 रन बनाकर सबको हैरान कर दिया। उनकी इस पारी में 12 चौके और 1 छक्का शामिल था। 35 वर्षीय बल्लेबाज के नाम पर फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 63 शतक हो चुके हैं। इसके अलावा हाल ही में उन्होंने 20 हजार रन पूरे करने का कीर्तिमान भी अपने नाम किया है।
Cheteshwar Pujara को टीम इंडिया में एंट्री क्यों नहीं?
अब सवाल खड़ा होता है कि क्या चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) को इस धाकड़ फॉर्म के बावजूद टीम इंडिया में मौका क्यों नहीं मिलता है। उन्होंने रणजी ट्रॉफी 2024 के पहले ही मैच में 243 रन की पारी खेली थी। इसके बाद 49, 43, 46, 110 और 108 रन की पारी खेली है। इन शानदार आंकड़ों के बावजूद पुजारा को बाहर बैठना पड़ रहा है, उनकी जगह पर इंटरनेशनल क्रिकेट में 13 पारियों में 1 शतक लगाने वाले शुभमन गिल खेल रहे हैं।
कप्तान रोहित शर्मा ने भी इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से पहले साफ कर दिया था कि उनके पास अनुभवी खिलाड़ी यानि पुजारा और रहाणे के पास जाने का मौका था लेकिन उन्होंने युवाओं के साथ जाने का मन बना लिया है।
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