भारतीय टीम ने कुछ महीने पहले ही इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज में मात देने के बाद विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर चुकी है. जहां उसका सामना न्यूजीलैंड की टीम से होगा. इसके बाद टीम को इंग्लैंड के साथ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज भी खेलनी है. टीम का चयन भी हो चुका है.
टीम में मध्यक्रम के बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का नाम भी शामिल है. वही पुजारा जिन्होंने कुछ महीने हले एक बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज को भारतीय टीम में शामिल किए जाने की पैरवी की थी. साथ ही कहा था कि इस गेंदबाज के होने से टीम को काफी ज्यादा फायदा होगा.
Cheteshwar Pujara ने जयदेव उनादकट को बताया बेहतरीन गेंदबाज
Cheteshwar Pujara को भारतीय टीम के सबसे अनुभवी और भरोसेमंद खिलाड़ियों में गिना जाता है. पुजारा ने 85 मैचों में भारतीय टीम के लिए 85 टेस्ट मैचों में 6244 रन बनाए हैं. जिसमें उनके नाम 18 शतक और 29 अर्धशतक दर्ज हैं. ऐसे में उनका कोई भी कथन गलत नहीं हो सकता. आखिर उन्होंने इतने सालों तक भारतीय टीम को करीब से समझा है.
वो जानते हैं कि किन बातों और तैयारियों में भारतीय टीम को फायदा हो सकता है. Cheteshwar Pujara सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. उन्होंने कुछ महीनों पहले सौराष्ट्र के लिए ही खेलने वाले अपने साथी जयदेव उनादकट को टीम में शामिल किए जाने की पैरवी भी की थी. उन्होंने कहा था -
" अगर कोई गेंदबाज एक सीजन में 67 विकेट ले लेता है, मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतरीन कोई प्रदर्शन हो सकता है. भारतीय टीम में चुने जाने के लिए रणजी ट्रॉफी का प्रदर्शन मायने रखता है. अगर इसके बाद भी उसे भारतीय टीम में नहीं चुना गया तो मुझे बहुत आश्चर्य होगा. "
जयदेव उनादकट ने लिए थे 67 विकेट
भारतीय टीम के लिए 1 टेस्ट के साथ ही 7 वनडे और 10 टी20 मैचों में शिरकत कर चुके जयदेव उनादकट सौराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं. सौराष्ट्र के लिए खेलते हुए उन्होंने प्रथम श्रेणी के 89 मैचों में 2.94 की इकॉनमी के साथ 327 विकेट हासिल किए हैं. आपको बता दें की वो सौराष्ट्र के लिए कप्तानी भी कर चुके हैं.
यही नहीं जनवरी 2019 में जयदेव सौराष्ट्र के लिए 200 विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बने. आपको बता दें कि 2019-20 के रणजी ट्रॉफी में उनादकट ने सिर्फ 10 मैचों में ही 67 विकेट लिए थे. जो टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट थे. उनके इस प्रदर्शन को देखते हुए ही Cheteshwar Pujara ने उनकी पैरवी की थी.
भारतीय टीम में नहीं है बाएं हाथ का तेज गेंदबाज
वैसे तो भारतीय टीम दुनिया के किसी भी हालात और टीम को मात देने की काबिलियत रखती है. लेकिन फिर भी टीम को विकल्पों के बारे में सोचते रहना चाहिए. कब, कहां कौन सा खिलाड़ी टीम के लिए उपयोगी साबित हो जाए. कुछ खा नहीं जा सकता. जो भारतीय टीम टेस्ट मैचों के लिए चुनी गई है वो पूरी तरह से काबिल है. लेकिन, टीम में एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज बहुत ही ज्यादा असर डाल सकता था.
टीम में जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, इशांत शर्मा, शार्दुल ठाकुर, उमेशा यादव यहां तक कि स्टैंड बाई पर रखे गए प्रसिद्ध कृष्णा, सभी दाएं हाथ के ही गेंदबाज हैं. इसलिए टीम में कम से कम एक बाएं हाथ के तेज गेंदबाज के होने से न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट की तरह ही विपक्षी टीम के बल्लेबाजों पर दबाव बनाया जा सकता है.