WTC Final: इंग्लैंड में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया ने पहले बैटिंग करते हुए 469 रन का पहाड़ सरीखा स्कोर खड़ा किया. इसके जवाब में पहली पारी में भारतीय बैटिंग का टॉप ऑर्डर बिखर गया. टीम इंडिया को इस बेहद महत्वपूर्ण और खिताबी मुकाबले (WTC Final) में एक बल्लेबाज से काफी उम्मीदें थी कि वो बड़ी पारी खेलेगा और टीम को जीत का रास्ता दिखाएगा.
लेकिन ऐसा न हो सका और वो खिलाड़ी सस्ते में आउट हो कर टीम की मुसीबत बढ़ा गया और अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बाद उसकी टेस्ट टीम से छुट्टी हो सकती है. हम बात कर रहे हैं मध्यक्रम की रीढ़ माने जाने वाले बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की.
गेंदबाज को नहीं पढ़ सके चेतेश्वर पुजारा
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में स्कोर बोर्ड पर 469 रन बना दिए तो सबसे बड़ी उम्मीद के रुप में चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) नजर आ रहे थे. भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद की थी चेतेश्वर पुजारा एक छोड़ थाम कर रखेंगे और बड़ी पारी खेलते हुए टीम को मजबूत स्थिति में पहुँचाएंगे.
लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final) मुकाबले में जैसे ये खिलाड़ी आउट हुए उसने उसके तकनीक पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. वो कैमरन ग्रीन जैसे कामचलाऊ गेंदबाज को नहीं पढ़ सके और जिस गेंद को उन्होंने बाहर जाते हुए समझ कर छोड़ दिया वो सीधे उनके विकेट को उड़ा ले गई. मध्यक्रम का ये बल्लेबाज सिर्फ 14 रन बना सके. इस खराब पारी के बाद उनके विरुद्ध आवाजें उठनी शुरु हो गई हैं.
टीम से निकालने की मांग क्यों?
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) लगभग 1 साल से इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेल रहे हैं और इस दौरान उनका प्रदर्शन बेहतरीन रहा है. वे इंग्लैंड की पिच और मौसम को किसी भी दूसरे भारतीय खिलाड़ी की तुलना में बेहतर समझते हैं. इसलिए उनसे WTC फाइनल (WTC Final) में बड़ी पारी की उम्मीद थी लेकिन सिर्फ टेस्ट मैच खेलने वाला ये खिलाड़ी इस महत्वपूर्ण मौके पर असफल हो गया जिसके बाद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर करने की बात होने लगी है.
चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट करियर
चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) अंतराष्ट्रीय करियर की शुरुआत से ही सिर्फ टेस्ट मैच खेलते हैं. उन्होंने लंबे समय से टेस्ट फॉर्मेट में भारत की सफलता में बड़ी भूमिका निभाई है और मौजूदा टीम में विराट कोहली के बाद 100 टेस्ट का अनुभव रखने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. 103 टेस्ट मैचों की 175 पारियों में 19 शतक जिसमें 3 दोहरे शतक भी शामिल हैं, और 35 अर्धशतक की सहायता से 7168 रन बनाए हैं. उनका टॉप स्कोर 206 और औसत 43.71 रहा है.