क्रिकेट की दुनिया में लंबे समय तक 22 गज की पिच पर टिके रहना किसी भी क्रिकेटर (Cricketer) के लिए आसान नहीं होता है, क्योंकि कई बार देखा गया कि चोटें एक खिलाड़ी को खेल के मैदान से दूर रहने के लिए मजबूर कर देती है.
इसीलिए आज हम बात कर कर रहे हैं मैदान पर चोट लगने वाले खिलाड़ियों की. जिन्हें खेल के मैदान पर ऐसे गंभीर जख्म मिले, जिसकी वजह से उनका करियर खत्म हो गया. हम आपको इस लेख में क्रिकेट से जुड़े उन 4 खिलाड़ी के बारे में बताएंगे. जिन्हें क्रिकेट के मैदान पर इतनी गंभीर चोट लगी कि उनके पास क्रिकेट छोड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहा.
हर खिलाड़ी बड़े सम्मान के साथ ग्राउंड से विदा लेना चाहता है. मगर इन खिलाड़ियों कहां पता था कि उनके करियर का अंत मैदान से मिली चोट के साथ होगा. चलिए फिर हम आपको उन 4 इंटरनेशनल क्रिकेटर्स के बारे बताते हैं. जिनका करियर एक चोट के कारण खत्म हो गया.
1. क्रेग कीस्वेटर
जिस उम्र में एक क्रिकेटर (Cricketer) का करियर ग्राफ शिखर पर होना चाहिए . उस उम्र में इस खिलाड़ी ने संन्यास लेकर क्रिकेट की दुनिया को अलविदा कह दिया था. हम बात कर रहे हैं, इंग्लैंड के बांए हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज क्रेग कीस्वेटर (Craig Kieswetter) की. जिन्हें चोट के चलते 27 साल की उम्र में संन्यास लेना पड़ गया.
काउंटी मैच में क्रेग कीस्वेटर नॉर्थहैम्पटनशायर के खिलाफ डेविड विली की शॉर्ट गेंद खेलने के दौरान गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे. गेंदबाज की बॉल क्रेग हेलमेट के अंदर जा घुसी. जिसकी वजह से उनकी आंख गहरी चोट आईय इसके लिए उन्हें सर्जरी करानी पड़ी और काफी लंबे समय मैदान से बाहर रहे.
इस घटना के बाद क्रेग कीस्वेटर (Craig Kieswetter) को दोबारा कभी मैदान पर नहीं देखा गया. कीस्वेटर के करियर की बात करें तो उन्होंने 46 वनडे और 25 टी20 मैच खेले हैं.
2. डेविड लॉरेंस
चोट लगने से जिन खिलाड़ियों का करियर खत्म हो गया उसमें दूसरा नाम इंग्लैंड के खिलाड़ी डेविड लॉरेंस (David Lawrence) का आता है. इस खिलाड़ी के साथ फरवरी साल 1992 में ऐसी घटना घटना घटी की ये क्रिकेटर (Cricketer) दोबारा मैदान पर कभी वापसी नहीं कर पाया.
लॉरेंस साल 1992 में वेलिंग्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान रनअप के दौरान नीकैप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. जिसके बाद लॉरेंस मैदान पर वापस लौटने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन डेविड लॉरेंस को असफलता ही हाथ लगी. जिसके चलते उन्होंने क्रिकेट से दूरी बना ली.
क्योंकि क्रिकेट में उनका करियर कुछ खास नहीं रहा है. उन्होंने 5 टेस्ट और 1 वनडे मैच खेला है. हालांकि लॉरेंस ने बॉडीबिल्डिंग में अपने करियर की दूसरी पारी का आगाज किया. जहां वो काफी सफल रहे.
3. सबा करीम
भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज़ सबा करीम (Saba Karim) का करियर भी चोट के चलते ही समाप्त हुआ था. साल 2000 में हुए एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में विकेटकीपिंग के दौरान गिल्ली करीम की आंख में आकर लगी थी.
जिसकी वजह से उन्हें देखने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. यही कारण था कि उन्होंने इस चोट चलते करीम का करियर खत्म हो गया. सबा करीम ने विकेटकीपर के तौर पर भारत के लिए 1 टेस्ट और 34 वनडे मैच खेले. वो भारत के लिए और ज़्यादा मैच खेल सकते थे.
4. मार्क बाउचर
दक्षिण अफ्रीकी टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ मार्क बाउचर (Mark Boucher) का करियर भी चोट के चलते ही खत्म हुआ. बात 9 जुलाई साल 2012 की है. जब इमरान ताहिर समरसेट टीम के जेमाल हुसैन के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रहे थे तभी गिल्ली उड़कर बाउचर की बाईं आंख पर लग गई. चोट इतनी गहरी थी कि बाउचर को 10 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ गया.
वहीं अगर उनके करियर की बात करें तो दक्षिण अफ्रीका के इस खिलाड़ी को खेल का सबसे शानदार विकेटकीपर माना जाता है। बाउचर ने प्रोटियाज टीम के लिए 147 टेस्ट और 295 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने क्रमश: 5155 रन और 4686 रन बनाए हैं.