Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा उन खिलाड़ियों में हैं जिनकी फॉर्म में अनियमितता रही है. पिछले तीन वर्षों में रोहित के आंकड़े पर गौर करें तो उनके हिस्से में बतौर बल्लेबाज सफलता से ज्यादा असफलता आई है. इसके बावजूद वे टीम में बने हुए हैं और टीम की कप्तानी भी कर रहे हैं लेकिन अपनी कप्तानी में रोहित (Rohit Sharma) ने तीन ऐसे खिलाड़ियों का करियर खराब कर दिया जो टीम में उनके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते थे. आईए देखते हैं कौन हैं वो तीन खिलाड़ी...
शिखर धवन
शिखर धवन और रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का करियर 3 साल के अंतराल में शुरु हुआ था. रोहित ने अपना करियर 2007 में तो शिखर ने 2010 में शुरु किया था लेकिन इन दोनों को सफलता तब मिली जब वे भारतीय टीम के लिए पारी की शुरुआत करने लगे. इन दोनों को सचिन-गांगुली, सहवाग-गंभीर की तरह माना जाने लगा.
बतौर ओपनर दोनों ने काफी रन बनाए लेकिन शिखर के फॉर्म में रोहित से ज्यादा नियमितता रही और वे बड़े इवेंट में भारत के बड़े खिलाड़ी बनकर उभऱे जबकि रोहित शर्मा 2019 विश्व कप को छोड़कर किसी भी बड़े इवेंट में अच्छा नहीं कर सके हैं. ऐसे में शिखर धवन रोहित के लिए खतरा हो सकते थे. इसलिए कप्तानी मिलने के बाद रोहित ने शिखर धवन को टीम में मौके नहीं दिए. शिखर तभी खेले जब रोहित टीम में नहीं थे. एशिया कप 2023 और वनडे विश्व कप 2023 में भी शिखर धवन को जगह नहीं दी गई है और अब शिखर धवन का अंतराष्ट्रीय करियर लगभग समाप्त माना जा रहा है.
संजू सैमसन
संजू सैमसन एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके पास रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की तरह ही बेहतरीन टाइमिंग के साथ शानदार शॉट्स का खजाना है. संजू सैमसन एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और बतौर ओपनर वे टीम के लिए कमाल कर सकते थे लेकिन रोहित शर्मा ने उन्हें कभी भी बतौर ओपनर नहीं खिलाया.
मध्यक्रम में मौका दिया जहां वनडे में सैमसन का प्रदर्शन अच्छा था लेकिन फिर भी उन्हें एशिया कप और विश्व कप में जगह नहीं दी. रोहित खुद मध्यक्रम से बतौर ओपनर प्रमोट किए जाने के बाद चमके थे. ऐसे में उन्हें डर था कि अगर सैमसन को ओपनिंग कराई और वे हिट हो गए तो फिर उनके लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं. इसलिए रोहित ने सैमसन को हमेशा टीम से दूर रखने की कोशिश की.
पृथ्वी शॉ
पृथ्वी शॉ भी एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें बतौर ओपनर सहवाग की तरह ही देखा जाता है. शॉ एक आक्रामक बल्लेबाज हैं और भारत के लिए ओपनिंग करते हुए टेस्ट में शतक जड़ चुके हैं. गिल, ईशान, पंत, राहुल और सूर्यकुमार यादव को असफलता के बावजूद लगातार मौका देने वाले रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने 23 साल के पृथ्वी को अपनी कप्तानी में कभी टीम में मौका नहीं दिया. शायद उन्हें अपनी ओपनिंग पोजिशन छिन जाने का डर था. ठीक उसी तरह जिस तरह शुभमन गिल ने केएल राहुल का छिन लिया है.