जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर (Brendon Taylor) के स्पॉट फिक्सिंग (Fixing Case) मामले में कुबूलनामे के बाद भारत में फिक्सिंग करवाने वाले बुकी पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। एक बार फिर फिक्सिंग की दीमक क्रिकेट के खेल को खोखला करने के लिए उजागर हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि भारत में फिक्सिंग को लेकर कोई ठोस कानून नहीं है।
Fixing Case को लेकर गंभीरता नहीं
हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक पीठ के एक आदेश ने कर्नाटक प्रीमियर लीग में मैच फिक्सिंग (Fixing Case) के आरोपी खिलाड़ियों और टीम के अधिकारियों के इस तर्क को सही ठहराया कि कथित भ्रष्टाचार की राशि धारा 420 के तहत परिभाषित धोखाधड़ी की राशि नहीं है। इससे ही भारत में फिक्सिंग (Fixing Case) को लेकर कानून के लचीलेपन का एहसास किया जा सकता है।
फिक्सिंग के प्रति कमजोर कानून
LawNK फर्म चलाने वाले स्पोर्ट्स वकील नंदन कामथ का कहना है कि कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश आश्चर्यजनक नहीं है। उनका कहना है कि
"न्यायपालिका केवल उन कानूनों की व्याख्या करती है जो मौजूद हैं और मैच हेरफेर अपने आप में एक अपराध नहीं है। अदालत किसी चीज़ को अपराध के रूप में निर्दिष्ट नहीं कर सकती है या धोखाधड़ी जैसे अपराध की व्याख्या का विस्तार सिर्फ इसलिए नहीं कर सकती क्योंकि व्यवहार नैतिक रूप से घृणित या अनैतिक है।"
इसके आगे उन्होंने कहा कि
"यूनाइटेड किंगडम में जब पाकिस्तान के खिलाड़ी सलमान बट और मोहम्मद आमिर पर स्पॉट फिक्सिंग के लिए मुकदमा चलाया गया था, उसमें एक बड़ा अंतर यह है कि सट्टेबाजी यूके में एक कानूनी और लाइसेंस प्राप्त गतिविधि है।"
भारतीय सट्टेबाज सबसे ज्यादा भ्रष्ट - ICC
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के तत्कालीन भ्रष्टाचार विरोधी इकाई के प्रमुख एलेक्स मार्शल का तीन साल पहले का बयान है कि 'ज्यादातर भ्रष्ट भारतीय सट्टेबाज हैं' जो खिलाड़ियों से संपर्क कर रहे हैं। एक मजबूत कानून के अभाव में जो एक निवारक के रूप में कार्य कर सकता है, भारतीय सट्टेबाजों के रूप में व्यवसायी, क्रिकेट और फिक्सिंग (Fixing Case) के बीच संबंध मजबूत बना हुआ है।
Brendon Taylor का कुबूलनामा
https://twitter.com/BrendanTaylor86/status/1485522867768991745
अब पूर्व जिम्बाब्वे क्रिकेटर ब्रेंडन टेलर के Fixing Case में कुबूल नामे के बाद भारत में फिक्सिंग को लेकर गंभीरता पर सवाल उठना लाजमी है। टेलर के मुताबिक उन्हें स्पॉट फिक्सिंग के लिए अप्रोच किया गया था और ऐसा किसी भारतीय बिजनेसमैन ने किया था. इसके अलावा ब्रैंडन टेलर को कोकेन भी दी गई थी। कोकीन का सेवन करते समय उनके साथ मौजूद लोगों ने टेलर की वीडियो बनाई और बाद में ब्लैकमेल किया।