भारत (India) और इंग्लैंड (England) की महिला टीम के बीच खेला गया इकलौता टेस्ट मैच ड्रॉ हो चुका है। इस मैच में भारतीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने मैच की दोनों पारियों में अर्धशतक लगाने वाली पहली भारतीय महिला बना गईं। आपको बता दें कि भारतीय टीम का यह सात साल बाद कोई टेस्ट मैच था। जिसमें स्नेह राना और तानिया भाटिया ने नौवें विकेट के लिए 31 ओवरों तक बल्लेबाजी कर मैच को ड्रॉ करवा लिया।
इस मैच में Indian Team की तरफ से पांच अर्धशतक लगे हैं। इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर ब्रैड हॉग का कहना है कि भारतीय महिलाओं ने इस इकलौते टेस्ट में जिस तरह के खेल का प्रदर्शन किया है उससे साफ़ पता चलता है कि वो टेस्ट क्रिकेट पर राज कर सकती हैं।
शानदार थीं Indian महिलाएं
India और England के बीच खेले गए टेस्ट मैच में एक समय तो ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम हार सकती है। यहां तक कि उन्हें फॉलोऑन भी खेलना पड़ गया। बस यहीं से पासा पलट गया, एक नई और इंग्लैंड के सम्मुख अनुभवहीन इंडियन टीम ने शानदार खेल का परिचय देते हुए जिस तरह से टेस्ट मैच बचाया वो बहुत सही था।
इस पर ब्रैड हॉग का कहना है कि, " वो बिल्कुल सही लीग पर हैं. अब तो बस मुझे इस बात का इंतजार है कि कब उनकी और ऑस्ट्रेलिया की टीमें एक-दूसरे से भिड़ेंगी।" हॉग का यह भी कहना है कि इस टीम में ऑस्ट्रेलिया को भी हराने का माद्दा है और पुरुषों की तरह ही इस टीम को भी टेस्ट क्रिकेट में हावी होने के लिए मैं कम से कम चार साल का समय दूंगा।
पांच दिनों तक चले महिला टेस्ट मैच
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिन गेंदबाज ब्रैड हॉग का कहना है कि, " महिलाओं का टेस्ट मैच कम से कम पांच दिनों का होना चाहिए और इनमें एक से ज्यादा टेस्ट मैच होने चाहिए।" हॉग का कहना है कि महिला क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट मैच खेलने के बाद ही सुधार हो सकता है। उनका मानना है कि एक श्रृंखला में कम से कम तीन मैच खेले जाने चाहिए। यह सारी बातें हॉग ने अपने यूट्यूब चैनल में कहीं।
India ने ये जो ड्रा मैच खेला है उसमें सबसे बेहतरीन योगदान तो सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा का रहा। जिन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाया। वहीं निचले क्रम में स्नेह राणा द्वारा 154 गेंदों में नाबाद 80 रन और तानिया भाटिया के 88 गेंदों में नाबाद 44 रन की जुझारू पारियों की भी तारीफ़ होनी चाहिए। ऐसा बिल्कुल भी नही लगा की यह टीम सात साल बाद टेस्ट मैच खेल रही है।