भारतीय टीम के स्पिनर अक्षर पटेल (Axar Patel) टेस्ट फॉर्मेट में डेब्यू के बाद से ही लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. घरेलू सरजमीं पर उन्होंने अपनी प्रतिभा से लोगों का अपना ध्यान खींचा है और थोड़े ही समय अपनी खास छाप छोड़ी है. उनके टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन को देखते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ब्रैड हॉग (Brad Hogg) ने काफी सराहना की है. अक्षर पटेल (Axar patel) ने सिर्फ 4 ही टेस्ट मैच भारत के लिए खेले हैं और इस बीच उन्होंने कुल 33 विकेट झटके हैं. ऐसे में ब्रैड हॉग ने क्या कुछ कहा है जानते हैं इस रिपोर्ट के जरिए....
रंगना हेराथ से भारतीय स्पिनर की हॉग ने की तुलना
दरअसल इस भारतीय स्पिनर ने 4 टेस्ट मैच में 5 बार 5 विकेट हॉल लेने का कारनामा किया है. जो बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है. हॉग ने इस भारतीय स्पिनर की तुलना श्रीलंका के पूर्व दिग्गज स्पिनर रंगना हेराथ (Rangana Herath) से कर दी है. उन्होंने, लम्बाई में अंतर को छोड़कर, दोनों गेंदबाजों के एक्शन और बाकी चीजों में कई समानताएं बताई हैं. इस बारे में उन्होंने हॉग ने अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने इस बारे में कहा, अक्षर पटेल (Axar patel) ने मुझे रंगना हेराथ की याद दिला दी. हेराथ की तुलना में उसके पास जो फायदा है वह उसकी लम्बाई है. उसकी ताकत लाइन और लेंथ यहां तक कि गति में बदलाव पर नियंत्रण है. जब वह दाएं हाथ के बल्लेबाज को गेंदबाजी कर रहा होता है तो वह विकेट के आसपास आता है और हमेशा विकेटों पर गेंदबाजी करता है.ट
अक्षर के खिलाफ स्वीप शॉट खेलना मुश्किल- Brad Hogg
इस सिलसिले में आगे बात करते हुए हॉग ने ये भी कहा,
"वह बल्लेबाज को किसी तरह का मौका नहीं दे रहे हैं. बहुत कम ही आप उन्हें ऑफ स्टंप के बाहर खराब गेंदबाजी करते हुए देखते हैं. वह बल्लेबाज को रनों के लिए कड़ी मेहनत करवाता है. लंबे कद के भारतीय लेग स्पिनर की बात करें तो वो लगातार एक ही लाइन पर गेंदबाजी करने और उनकी गेंदबाजी में वेरिएशन भी देखने को मिलती है. यही कारण है कि बल्लेबाजों को उनके खिलाफ रन बनाने के लिए काफी संघर्ष का सामना करना पड़ता है."
इतना ही नहीं हॉग का मानना है कि अक्षर पटेल (Axar patel) के खिलाफ स्वीप शॉट खेलना बेहद मुश्किल है. इस बारे में उन्होंने कहा,
"क्योंकि वह हर समय स्टंप्स पर आक्रमण कर रहा होता है. यदि बल्लेबाज स्वीप शॉट खेलना चाहता है तो उसकी अतिरिक्त ऊंचाई से नियंत्रण करना बहुत कठिन होता है. बहुत कम ही बल्लेबाज उसके सामने स्वीप शॉट खेलते हैं क्योंकि इससे बल्ले के ऊपरी किनारे और एलबीडब्ल्यू का खतरा बढ़ जाता है".