Bismah Maroof: पाकिस्तान क्रिकेट टीम हमेशा ही अपने प्रदर्शन और बोर्ड से रिश्तों को लेकर हमेशा ही चर्चा में बनी रहती है. कई पूर्व खिलाड़ी और दिग्गजों ने कई मौकों को टीम की आलोचना करने के साथ साथ कई बार बोर्ड के भी रिश्तों को लेकर आलोचंका की है. टी2o वर्ल्ड कप में पाकिस्तान टीम के संघर्ष बीच आज महिला टीम में अपने बोर्ड पर ही सवालिया निशान लगा दिए है.पाक टीम की कप्तान मारूफ (Bismah Maroof) ने महिला क्रिकेटरों की अपने ही बोर्ड में खराब स्थिति को लेकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी है.
पाकिस्तान बोर्ड की जमकर की फजीहत
दरअसल पिछले कुछ सालों में महिला क्रिकेट को भी काफी नाम और लोकप्रियता मिली है. कई मौकों पर पुरुष क्रिकेट टीम की तरह ही टूर्नामेंट का भी आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में कई क्रिकेट बोर्ड महिला क्रिकेटरों को पुरुष क्रिकेटरों के बराबर वेतन देने पर भी विचार कर रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बिस्माह मारूफ (Bismah Maroof) ने बोर्ड पर आरोप लगाया है पिछले 8 साल से उनका वेतन नहीं बढ़ाया है. उन्होंने प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाते हुए कहा,
"मुझे लगता है कि महिला क्रिकेटर भी काफी ज्यादा मेहनत करती हैं. लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि पाकिस्तान में महिला क्रिकेट को भारत, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की बराबरी करने के लिए काफी तरक्की करने की जरूरत है."
BCCI ने महिला क्रिकेटर्स को लेकर लिया ऐतिहासिक फैसला
दरअसल, जय शाह ने हाल ही में अपनी ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर जानकारी दी कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इक्विटी पॉलिसी लागू कर मैच फीस के तौर पर महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव का अंत कर दिया है. बीसीसीआई ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि महिला और पुरुष खिलाड़ी को अब बराबर मैच फीस दी जाएगी. शाह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर कहा कि,
“मुझे खुशी हो रही है कि बीसीसीआई ने महिला और पुरुष क्रिकेटर के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए पहला कदम उठाया है. हम अपनी महिला क्रिकेटर्स के साथ इक्विटी पॉलिसी लागू कर रहे हैं. महिला और पुरुष खिलाड़ियों को अब बराबर का वेतन मिलेगा. वेतन को लेकर अब कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा.”
टेस्ट क्रिकेट में एक मैच के लिए 15 लाख रुपए मिलते हैं. जबकि वनडे इंटरनेशनल में पुरुषों को एक मैच के 6 लाख रुपए दिए जाते हैं.