Bihar Cricket Association: वैसे तो रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट 17 फरवरी 2022 से होगी। टूर्नामेंट को छ: ग्रुप में विभाजित किया जाएगा, जिसमें पांच एलीट ग्रुप में छह टीमें और प्लेट ग्रुप में आठ टीमें होंगी। इसी दौरान Bihar Cricket Association एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने रणजी ट्रॉफी को लेकर कुछ ऐसे निर्णय ले लिए जिनके जवाब में Bihar Cricket Association के स्पोक्स्मन और रणजी के दूसरे खिलाड़ियों ने बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Bihar Cricket Association ने यह किया
Bihar Cricket Association एक बार फिर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है। दरअसल, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए बिहार से 25 सदस्यीय टीम बंगाल भेज दी है। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के स्पोक्स्मन संजीव मिश्रा और रणजी ट्रॉफी के अन्य खिलाड़ी का कहना है कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशन ने बिना टीम घोषित किए ही जल्दबाजी में खिलाड़ियों को बंगाल भेज दिया। इसको लेकर रणजी ट्रॉफी के अन्य खिलाड़ियों ने भी बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
संजीव मिश्रा ने खिलाड़ियों की सूची जारी करते हुए आरोप लगाया है कि इसमें से सात से आठ खिलाड़ी ऐसे हैं जिनके पिता या रिश्तेदार बिहार क्रिकेट एसोसिएशन में पद धारक हैं। संजीव मिश्रा ने बिहार रणजी क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं पर भी गंभीर आरोप लगाया है। संजीव मिश्रा और बिहार के लिए दोहरा शतक जमाने वाले क्रिकेटर इंद्रजीत कुमार ने चयनकर्ताओं पर भी आरोप लगाया है।
चयनकर्ताओं पर भी लगा आरोप
Bihar Cricket Association स्पोक्स्मन संजीव मिश्रा ने चयनकर्ताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि बिहार रणजी टीम के चयनकर्ताओं में एक चयनकर्ता को झारखंड रणजी क्रिकेट टीम के चयनकर्ता के पद से पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है। इसके साथ ही बिहार रणजी टीम में चयन के लिये ट्रायल देने वाले कई खिलाड़ियों ने भी बीसीए पर बगैर घोषणा के ही अपने चहेतों को रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए बंगाल भेजने का आरोप लगाया है।
बिहार के लिए दोहरा शतक जमाने वाले क्रिकेटर इंद्रजीत कुमार ने भी चयनकर्ताओं पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन खिलाड़ियों का रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए बिहार टीम में चयन किया गया है उनमें से कई खिलाड़ियों से उनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और आंकड़े इस बात के गवाह भी हैं। इस बारें में न्यूज 18 से अपनी परेशानी जाहिर करते हुए बताया कि उनका औसत काफी बेहतर रहा है. लेकिन इसके बावजूद चयनकर्ताओं ने उन्हें नजरअंदाज किया।