Bhuvneshwar Kumar: कल यानि 22 मई को आईपीएल 2022 का आखिरी लीग मैच खेला गया। ये मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स के बीच खेला गया। हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन निजी काम की वजह से अपने घर न्यूजीलैंड लौट गए थे, जिसके बाद इस मैच में टीम की कमान भुवनेश्वर कुमार के हाथों में सौंपी गई थी।
फ्रेंचाइजी ने इस उम्मीद के साथ उन्हे (Bhuvneshwar Kumar ) कप्तानी सौंपी कि शायद वह हैदराबाद को अंतिम लीग मैच जितवा दें, लेकिन उन्होंने फ्रेंचाइजी की इस उम्मीद की धज्जियां उड़ा दी। कुमार (Bhuvneshwar Kumar ) ने टीम के लिए कुछ ऐसे गलत फैसले लिए कि हैदराबाद को अपने अंतिम मुकाबले से हाथ धोना पड़ा।
हैदराबाद ने आईपीएल 2022 के खेले गए 14 मुकाबलों में से 6 मुकाबले जीते और बाकी के आठ में हार का सामना किया। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको भुवनेश्वर कुमार (Bhuvneshwar Kumar ) की वो तीन गलतियाँ बताने जा रहे हैं, जिस वजह से हैदराबाद को अपना अंतिम लीग मैच हारना पड़ा। तो आइए नजर डालते हैं उन तीन गलतियों पर......
Bhuvneshwar Kumar की ये 3 गलतियां पड़ी हैदराबाद पर भारी
Bhuvneshwar Kumar ने टॉस जीतकर लिया गलत फैसला
22 मई को हुए मुकाबले में जब टॉस का सिक्का उछाला तो वह सनराइजर्स हैदराबाद के पलड़े में जाकर गिरा। जिसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद के कप्तान भुवनेश्वर कुमार ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया। कुमार का ये फैसला टीम के लिए सौ प्रतिशत गलत साबित हुआ।
टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए ज्यादा रन नहीं स्कोर कर पाई। जिसके बाद पंजाब किंग्स ने दिए हुए टारगेट को आसानी से चेज कर लिया। अगर कुमार ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया होता तो ये मुकाबला हैदराबाद के हक में हो सकता था, लेकिन कुमार के एक गलत फैसले का हर्जाना पूरी टीम को भुगतना पड़ा।
सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 157 रनों का टारगेट पंजाब किंग्स के सामने रखा, जिसे पंजाब ने 5 विकेटों के साथ हासिल कर लिया। ये टारगेट हासिल करने के बाद भी पंजाब के खाते में 29 गेंद शेष थी। मैच खत्म होने के बाद कुमार ने खुद अपनी इस गलती को माना था कि उन्हे पहले फील्डिंग करने का फैसला करना चाहिए था।
Bhuvneshwar Kumar ने नहीं किया अपने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल
सनराइजर्स हैदराबाद बनाम पंजाब किंग्स मुकाबले में भुवनेश्वर कुमार की दूसरी गलती ये रही कि उन्होंने अपने गेंदबाजों का सही इस्तेमाल नहीं किया। पहले तो उन्होंने अपने कुछ गेंदबाजों से पूरे ओवर नहीं करवाए। उमरान से उन्होंने 2 ओवर दलवाए, जिसमें उन्होंने 24 रन लुटाए और एक भी सफलता हासिल नहीं की।
वहीं जगदीसन सुचन से 4 ओवर करवाए जिन्होंने 38 रन देकर एक सफलता हासिल की।इस मैच में टीम के लिए फजलहक फारूकी ने सबसे ज्यादा विकेट लिए, उन्होंने 32 रन देकर दो विकेट अपने नाम की। इसके अलावा कोई भी गेंदबाज टीम के लिए किफायती गेंदबाजी नहीं कर पाए। गेंदबाजों का सही से इस्तेमाल करना भी हैदराबाद को भारी पड़ा।
कप्तानी हुई Bhuvneshwar Kumar पर हावी
भुवनेश्वर कुमार पर कप्तानी का प्रेशर इतना हो गया कि उसका असर सीधा उनके खेल प्रदर्शन पर नजर आया। जहां टीम के सारे गेंदबाज फ्लॉप रहे, वहीं टीम के कप्तान कुमार भी खुद फिसड्डी परफ़ोर्मेंस करते हुए नजर आए। उन्होंने 2 ओवर के स्पेल फेंके, जिसमें कुमार ने 22 रन लुटाए और एक भी विकेट अपने नाम नहीं कर पाए।
अगर भुवनेश्वर खुद अच्छा प्रदर्शन दिखाते तो शायद हैदराबाद ये मुकाबला जीत जाती। इस मैच में टीम के लिए फजलहक फारूकी ने सबसे ज्यादा विकेट लिए। उन्होंने 32 रन देकर दो विकेट अपने नाम की। अगर भुवनेश्वर ने ये गलतियाँ नहीं की होती तो हैदराबाद शायद जीत के साथ टूर्नामेंट का अंत करती। इसी वजह से कुमार को कैप्टेंसी मटेरियल नहीं माना जा रहा है।