क्रिकेट के बाकी दो प्रारूपों की तरह Test Cricket में खुद को साबित करने के लिए एक खिलाड़ी को पूरे पांच दिनों का इंतजार करना पड़ता है। वो भी एक नहीं दो-दो बार, क्योंकि दोनों ही टीमों को दो पारी खेलनी पड़ती है। वैसे अन्य खिलाड़ी तो एक या दो बार चूकने का जोखिम उठा सकते हैं, लेकिन टीम के कप्तान पर ज्यादा ही जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।
अब चाहे वो मुख्य रूप से गेंदबाज हों या फिर बल्लेबाज, अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करना ही पड़ता है। वैसे तो सभी कप्तान किसी ना किसी रूप में योगदान तो देते ही हैं और कभी-कभी तो ऐसा प्रदर्शन कर देते हैं जो रिकॉर्ड ही बन जाता है। आज हम ऐसे ही कुछ कप्तानों की बात करेंगे जिन्होंने अपनी गेंदबाजी से सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी के आंकड़े दिए हैं।
इन कप्तानों ने किए हैं शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन
5. कोर्टनी वाल्श (7/37)
बात 1995 की है जब वेस्टइंडीज की टीम दो Test मैचों की श्रृंखला खेलने न्यूजीलैंड गई थी। सीरीज का पहला मैच ड्रा हो चुका था और दूसरा मैच वेलिंगटन में खेला जा रहा था। मैच में वेस्ट इंडीज के कप्तान कोर्टनी वाल्श ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। वेस्टइंडीज ने पहली पारी में ब्रायन लारा (147), जिमी एडम्स (151) व जूनियर मुरे (101) के शतक और शेर्विन कैम्पबेल (88), कीथ एथर्टन (70) व शिवनारायण चंद्रपॉल (61) की शानदार पारियों के दम पर 660 का स्कोर बनाया।
जिसके बाद जब न्यूजीलैंड बल्लेबाजी के लिए उतरी तब वाल्श की कातिलाना गेंदबाजी (20.4 ओवर में 37 रन देकर 7 विकेट) के दम पर कीवी टीम सिर्फ 216 रनों पर ही ढेर हो गई। इसके बाद दूसरी पारी में भी वो सिर्फ 122 रन पर ही आलआउट हो गई। इस पारी में भी कैरेबियन कप्तान कोर्टनी वाल्श ने 15.2 ओवर किए और सिर्फ 18 रन देकर ही 6 विकेट झटक लिए थे।
4. कपिल देव (8/106)
1985 में भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर तीन Test मैचों की श्रृंखला खेलने गई थी और पहला टेस्ट मैच एडिलेड में खेला गया था। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और कप्तान एलेन बॉर्डर ने पहले बल्लेबाजी चुनी। कंगारू टीम ने सलामी बल्लेबाज डेविड बून (123) और मध्यक्रम के बल्लेबाज ग्रेग रिची (128) के शानदार शतकों की मदद से 381 रनों का स्कोर खड़ा किया। इस पारी में कप्तान कपिल देव ने 38 ओवर तक गेंदबाजी की और 8 मेडन ओवर के साथ 106 रन दिए व कुल 8 विकेट झटके।
इसके बाद जब भारत बल्लेबाजी के लिए उतरी तब सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर के शानदार 166 रन और के श्रीकांत (51) तथा चेतन शर्मा (54) के अर्धशतकों की मदद से 520 रनों का स्कोर बनाया। इस पारी में ब्रूस रीड ने 4 और क्रेग मेकदेर्मोट ने तीन विकेट झटके थे। इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलिया तब दिन खत्म होने की वजह से पारी नहीं बढ़ाई जा सकी और मैच ड्रा हो गया।
3. रंगाना हेराथ (8/63)
पांच साल पहले 2016 में श्रीलंका की टीम जिम्बाम्वे के दौरे पर गई थी और दोनों टीमों के बीच 2 Test मैच खेले जाने थे। सीरीज का पहला मैच श्रीलंका जीत चुकी थी और दूसरा हरारे में 6-10 नवम्बर तक खेला गया। इस सीरीज में लंका की कमान रंगाना हेराथ और जिम्बाम्वे की कमान ग्रीम क्रीमर के हाथों में थी। तब ग्रीम ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण चुना।
इसके बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 504 रन बनाए, जिसमें धनंजय डिसिल्वा (127) और एसेला गुनारत्ने (116) के साथ ही उपुल थरंगा के 79 रन भी शामिल रहे। इसके बाद रंगाना हेराथ के 5 विकेट, दिलरुवन परेरा के 3 व सुरंगा लकमल के दो विकेट की मदद से लंकन टीम ने जिम्बाम्वे को पहली पारी में 272 रन पर ही आलआउट कर दिया था। इसके बाद श्रीलंका ने फिर दूसरी पारी में 258 रन बनाए और इसके बाद रंगाना हेराथ (23 ओवर, 63 रन, 8 विकेट) की कातिलाना गेंदबाजी की मदद से जिम्बाम्वे को लंका ने 233 रन पर रोक कर मैच को 257 रन से जीत लिया।
2. इमरान खान (8/60)
बात 1982 की है जब भारतीय टीम Test टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। सीरीज का पहला मैच ड्रा हुआ और दूसरा 23 से 27 दिसम्बर तक कराची में खेला गया। इस मैच में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी थी। उस दौर में इमरान खान की अगुआई में पाकिस्तानी गेंदबाजी बहुत ही कातिलाना हो गई थी। इस दूसरे टेस्ट मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी भात की हालत खराब हो गई।
भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सिर्फ 169 रन बनाए, इस पारी में अब्दुल कादिर ने चार विकेट लिए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने पहली पारी में जहीर अब्बास (186) व मुदस्सर नज़र (119) के शतकों की मदद से 452 रन बनाए। इसके बाद इमरान खान के घातक स्पेल (20.1 ओवर में 60 रन देकर 8 विकेट) के कारण भारत सिर्फ 197 रन पर ही आउट हो गई और उसे पारी और 86 रन से हार का सामना करना पड़ा।
1. कपिल देव (9/83)
1983 में वेस्टइंडीज की टीम भारत के दौरे पर आई थी, जहां दोनों को छह Test मैचों की सीरीज खेली जानी थी और एक मैच ड्रा व एक वेस्टइंडीज जीत चुकी थी। इसके बाद तीसरा टेस्ट मैच अहमदाबाद में खेला गया, जिसमें भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। जिसमें मनिंदर सिंह के चार व रोजर बिन्नी के 3 विकेट के बाद वेस्टइंडीज की टीम 281 पर आलआउट हो गई।
इसके बाद भारत पहली पारी में सिर्फ 241 रन ही बना सकी। 40 रनों की बढ़त लेने के बाद कैरेबियाई टीम दूसरी पारी में सिर्फ 201 रन ही बना सकी, जिसका कारण भारतीय कप्तान कपिल देव की कातिलाना गेंदबाजी रही। कपिल ने इस पारी में 30.3 ओवर गेंदबाजी की और 83 रन देते हुए 9 विकेट झटक लिए। हालांकि यह प्रयास काफी नहीं रहा, क्योंकि बल्लेबाजों के निराशाजक प्रदर्शन के बाद भारत को 138 रन से हार का सामना करना पड़ा था।