BCCI: भारतीय प्लेयर को स्टार क्रिकेटर बनाने में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का बहुत बड़ा योगदान रहा हैं. फुटपाट पर सोने वाले और गोलगप्पे बेचने वाले यशस्वी जायसवाल को फर्श से अर्श तक पहुंचाने में बीसीसीआई ने बड़ा किरदार अदा किया है. मौजूदा समय में उनकी तुलना सिक्सर किंग युवराज से की जाती है.
लेकिन, कुछ प्लेयर्स ऐसे भी हैं. जिन्हें बीसीसीआई ने नजरअंदाज कर उनका करियर खत्म सा ही कर दिया. उन प्लेयर्स के पास नेशनल क्रिकेट में वापसी करने का कोई चांस नहीं बचा हैं. ऐसे में हम आपको इस लेख में 3 ऐसे प्लेयर्स के बारे में बता रहे हैं. कभी टीम इंडिया में उनकी तूंती बोलती थी आज वापसी करने के लिए दर-ब-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
1. अजिंक्य रहाणे
टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज अंजिक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं. रहाणे टेस्ट क्रिकेट में बड़ी-बड़ी पारियों खेलने के लिए जाने जाते हैं. उन्हें व्हाइट बॉव क्रिकेट में कम ही खेलते हुए देखा जाता है. लेकिन, रैड बॉल क्रिकेट खेलने अजिंक्य महारथ रखते हैं. माना जा रहा था इग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज उन्हें चुना जा सकता है.
लेकिन, BCCI इस टैलेंटेड प्लेयर एक सिरे पूरी तरह नकार चुकी है. रहाने अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला पिछले साल जुलाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला था. तब उन्होंने कोई इंटरनेशल मैच नहीं खेला है. बता दें अंजिक्य रहाणे ने भारत के लिए 85 टेस्ट खेले हैं. जिसमें 12 शतक और 26 अर्धशतक की मदद से 5077 रन बनाए हैं.
2. चेतेश्वर पुजारा
टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की रीढ माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar pujara) बार-बार नजरअंजाद किए जाने पर घरेलू क्रिकेट खेलने पर मजबूर है. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पुजारा का बल्ला आग उगल रहा है. पुजारा ने झारखंड के खिलाफ 243 रनों की विशाल पारी खेली थी.
माना जारा था कि उनकी इस शानदार फॉर्म को देखते हुए BCCI इंग्लैंड खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के आखिरी 3 मुकाबलों में स्क्वाड में शामिल कर सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पुजारा के साथ अनदेखी की जा रही है. जिसकी वजह से उनका टेस्ट टीम में वापसी कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है. बता दे कि पुजारा भारत के लिए 100 से अधिक टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ियों में एक है. जिन्होंने भारत के लिए 103 टेस्ट में 7195 रन बनाए हैं.
3. पृथ्वी शॉ
इस लिस्ट में आखिरी नाम सबसे युवा खिलाड़ी पृथ्वी शॉ का है. कभी इस 24 वर्षीय सलामी बल्लेबाज की टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी विरेंद्र सहवाग से तुलना की जाती थी. लेकिन, अब वापसी के लिए शॉ इधर-उधर की ठोकरे खा रहे हैं. उन्होंने साल 2018 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. लेकिन, उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिल सकें.
पिछले 6 सालों में पृथ्वी शॉ भारते के लिए 6 टेस्ट ही खेल सके हैं. जिसकी 9 पारियों में 339 रन ही बनाए. जिसमें 1 शतक और 3 अर्धशतक शामिल है. बता दें कि शॉ ने भारत के लिए आखिरी बार टेस्ट मैच 2020 में खेला था. तब से BCCI इस प्लेयर को वापसी का मौका नहीं दिया.
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