भारतीय घरेलू खिलाड़ियों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के कार्यकारी समूह ने शीर्ष परिषद से सिफारिश की है कि घरेलू खिलाड़ियों को COVID-19 महामारी के कारण भुगतान के नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए. जिसके कारण रणजी ट्रॉफी 202-21 (ranji trophy) जैसे बड़े टूर्नामेंट को रद्द कर दिया गया था. क्या है इससे संबंधित पूरा जानकारी, बताते हैं आपको इस रिपोर्ट के जरिए....
घरेलू क्रिकेटर्स को 50 प्रतिशत मुआवजा देने की पेशकश
दरअसल रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले प्लेयर्स के लिए एक अच्छी खबर आई है. बीते साल कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण रणजी ट्रॉफी के मैच आयोजित नहीं हो सके थे. इसके कारण घरेलू क्रिकेटर्स को फाइनेंशियल तौर पर काफी बड़ा झटका लगा था. लेकिन, बोर्ड की समिति ने आपसी चर्चा में ये बात की है कि घरेलू क्रिकेटर्स को उनकी मैच फीस का 50 फीसदी मुआवजा दिया जाना चाहिए.
हालांकि इस मसले पर आखिरी निर्णय अभी तक नहीं लिया जा सका है. लेकिन, यदि बीसीसीआई (BCCI) की शीर्ष परिषद इस सिफारिश को स्वीकार कर लेती है तो खिलाड़ियों के मुआवजे का रास्ता पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगा. यानी एक बात साफ है कि, अब इस मसले पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह को फैसला करना है.
जय शाह करेंगे अंतिम फैसला
जानकारी की माने तो इस सिलसिले में 20 सितंबर को ये दोनों बोर्ड की शीर्ष परिषद के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान वे इस विषय पर चर्चा भी करेंगे.माना जा रहा है कि, समिति ने कई प्रस्तावों पर बात की है. इस समिति में भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन (Mohammad Azharuddin), युधवीर सिंह, संतोष मेनन, जयदेव शाह, अविषेक डालमिया, रोहन जेटली और देवजीत सैकिया का नाम शामिल है.
बोर्ड के एक सूत्र ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि,
‘इस मसले पर अंतिम फैसला सचिव जय शाह भाई को लेना है. लेकिन अधिकांश सदस्यों का मानना है कि कुल मैच फीस का कम से कम 50 फीसदी मुआवजा मिलना चाहिए.’
बता दें कि, इस समय रणजी मैच में अंतिम एकादश में रहने वाले खिलाड़ी को 35000 रुपये हर दिन और हर मैच का एक लाख 40 हजार रुपये फीस मिलती है. इसका मतलब ये है कि, कम से कम 70,000 रुपये मुआवजे के तौर पर खिलाड़ियों दिए जाएंगे.