भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने वेस्टइंडीज (IND vs WI) के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए एक उम्रदराज क्रिकेटर को चुनकर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैच की टेस्ट सीरीज खेलनी है। पहला मुकाबला 12 जुलाई को खेला जाएगा। बोर्ड ने 15 सदस्यों की टीम की घोषणा की है। लेकिन इसमें बोर्ड ने एक ऐसे खिलाड़ी को मौका दिया जिसे शामिल करना गलती साबित हो सकती है।
BCCI ने इस खिलाड़ी को जगह देकर अपने ही पैर पर मारी कुल्हाड़ी
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले जाने वाली वनडे और टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया है। जहां टेस्ट टीम में 15 खिलाड़ियों को जगह मिली, वहीं एकदिवसीय श्रृंखला के लिए 17 खिलाड़ियों की टीम का चयन हुआ है। लेकिन इस बीच भारतीय बोर्ड ने एक उम्रदराज खिलाड़ी को जगह दे अपनी पैर पर कुल्हाड़ी मारने वाला काम किया। जिस खिलाड़ी की यहां बात हो रही है वो और कोई नहीं बल्कि 31 वर्षीय गेंदबाज जयदेव उनादकट है।
क्यों है इस खिलाड़ी का चयन BCCI की गलती?
जयदेव उनादकट को 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गई टेस्ट सीरीज में आखिरी बार खेलते हुए देखा गया था। उनकी 12 साल बाद टीम में वापिस एंट्री हुई थी। लेकिन वह खुद को साबित करने में नाकाम रहे। कप्तान केएल राहुल ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल कर एक मौका दिया था। उन्होंने खराब प्रदर्शन कर कप्तान और फैंस को खासा निराश किया। इसके बाद जयदेव उनादकट को भारतीय चयनकर्ताओं ने टीम में जगह तो दी, लेकिन कप्तान और कोच ने उन्हें नजरअंदाज किया।
खुद को साबित करने में रहे नाकामयाब
गौरतलब है कि जयदेव उनादकट ने उस मुकाबले में महज तीन ही विकेट हासिल की। ये उनके टेस्ट करियर का दूसरा मैच था। इसके अलावा उनके एकदिवसीय करियर की बात करें तो उन्होंने 7 मुकाबलों में आठ विकेट झटकाई है। उन्होंने साल 2013 में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था। लिहाजा, 10 साल बाद उनकी वनडे टीम में वापसी हुई है। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि बीसीसीआई (BCCI) ने जयदेव उनादकट को मौका देकर अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मारी है। हालांकि, उनकी जगह बोर्ड दूसरे धाकड़ खिलाड़ी पर दांव खेल सकता था।
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