भारत के तल्कालीन कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल टी-20 विश्व कप के बाद समाप्त होने जा रहे है. शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया ने विदेशों में कमाल का प्रदर्शन किया है, लेकिन टीम अब तक एक भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत सकी है. ऐसे में अभी सबसे बड़ी चर्चा का विषय यही है कि अगला कोच कौन होगा. इस रोल के सूत्रों के हवाले से कई नामो के खुलासे हुए. लेकिन अब बीसीसीआई ने ये साफ़ कर दिया है कि, नए काेच के तौर पर किसी भारतीय को जिम्मेदारी दी जाएगी, विदेशी को टीम इंडिया का कोच नहीं बनाया जाएगा.
किसी भारतीय को ही मिलेगी ये जिम्मेदारी
बीसीसीआई के एक सूत्र ने हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए कहा, ‘नया कोच भारतीय होगा. आईपीएल के विपरीत टीम इंडिया का कोचिंग जॉब साल भर का होता है. एक भारतीय कोच के साथ मैनेजमेंट अच्छी तरह काम करता है. पूर्व वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान नए काेच बनने की रेस में हैं. आईपीएल की बात की जाए तो 8 में से 7 टीमों के कोच विदेशी हैं. सिर्फ पंजाब किंग्स की जिम्मेदारी पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले के पास है.
आईपीएल के सफल विदेशी कोच ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और श्रीलंका के महेला जयवर्धने टीम इंडिया के कोच बनने के लिए इच्छुक नहीं हैं. पोंटिंग दिल्ली के जबकि जयवर्धने मुंबई के कोच हैं.
द्रविड़ और लक्ष्मण भी है रेस में, कुंबले का कटा पत्ता
बीसीसीआई नए कोच के लिए जल्द आवेदन मंगा सकता है. बोर्ड इससे पहले संभावित लोगों से अनौपचारिक बात भी कर रहा है. वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और जहीर के पास आईपीएल का अनुभव है. इन तीन प्रमुख नामों पर विचार किया जा सकता है. बोर्ड एनसीए के डायरेक्टर राहुल द्रविड़ के संपर्क में भी है, जो खुद कोच नहीं बनना चाहते हैं. हालांकि वे पिछले दिनों जूनियर टीम के साथ बतौर कोच श्रीलंका के दौरे पर गए थे.
कुंबले की वापसी बतौर कोच नहीं होगी. अधिकारी ने कहा, ‘हमने मुख्य खिलाड़ियों से बात की है. उनके सुझाव हमारे लिए बाध्यकारी नहीं हैं. लेकिन ड्रेसिंग रूम में फिर से किसी तरह की गड़बड़ी का कोई औचित्य नहीं है.’ उनका आईपीएल का रिकॉर्ड भी अच्छा नहीं है. अनिल कुंबले 2016-17 में टीम इंडिया के कोच रह चुके हैं. विराट कोहली से विवाद के बाद उन्हें हटाकर रवि शास्त्री को यह जिम्मेदारी दी गई थी.
विदेशी कोच पर नहीं रहा विश्वास
टीम इंडिया के विदेशी कोच की बात की जाए तो अब तक जॉन राइट, ग्रेग चैपल, गैरी कर्स्टन और डंकन फ्लेचर को यह जिम्मेदारी मिल चुकी है. हालांकि ग्रेप चैपल का 2 साल का कार्यकाल काफी विवादों में रहा था. इस कारण टीम 2007 वनडे वर्ल्ड कप से जल्द बाहर हो गई थी. इसके बाद कर्स्टन के कार्यकाल में टीम ने एमएस धोनी के नेतृत्व में 2 बड़े खिताब जीते. प्लेचर का कार्यकाल भी संतोषजनक रहा था.