भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) जल्द ही घरेलू क्रिकेटरों को मालामाल करने की प्लानिंग कर रहा है. यानी कि खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश होने वाली है. लेकिन, इसके पीछे की वजह क्या है. इसके बारे में भी आपको बताएंगे. उससे पहले ये जान लें कि, इस समय बोर्ड आईपीएल लीग 2021 संपन्न होने के बाद टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी करने में लगा है. इसके लिए 15 सदस्यीय टीम की घोषणा चुकी है. जिसमें कुछ नए चेहरों को भी शामिल किया गया है.
घरेलू क्रिकेटरों की फीस बढ़ाने को लेकर बोर्ड जल्द ही कर सकता है मीटिंग
इसी बीच ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि, दिवाली से पहले घरेलू क्रिकटरों का वेतन बढ़ाया जा सकता है. 20 सितंबर को बीसीसीआई (BCCI) एपेक्स काउंसिल की मीटिंग में घरेलू क्रिकेटरों की मैच फीस में करीब 40 फीसदी बढ़ोतरी की जा सकती है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि, बोर्ड राज्य निकायों के साथ मिलकर घरेलू क्रिकेटरों को केंद्रीय अनुबंध भी दे सकता है. स्पोर्टस्टार के हवाले से आर रही एक रिपोर्ट की माने तो फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए खेलने वाले क्रिकेटरों का वेतन बढ़ाकर 50000 रुपये किया जा सकता है.
तो वहीं टी20 फॉर्मेट में खेलने वाले क्रिकेटरों को 25000 रुपये मिल सकते हैं. अब तक खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी के लिए हर दिन 35000 रुपये और और विजय हजारे में 35 हजार रुपये मैच फीस मिलती है. सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को प्रति मैच 17,500 रुपये मिलते हैं. रिजर्व खिलाड़ियों को मैच फीस का 50 फीसदी वेतन मिलता है.
25 से 40 फीसदी बढ़ सकती है महिला खिलाड़ियों की भी फीस
बीसीसीआई अध्यक्ष के पद पर काबिज होने के बाद साल 2019 में सौरव गांगुली ने एक केंद्रीय अनुबंध का ऐलान किया था. ऐसे में उम्मीद है कि अब इसे वास्तविकता का रूप दिया जा सकता है. इस खबर के सामने आने के बाद ये कहा सकता है कि, अब महिला क्रिकेटर्स भी मैच फीस में बढ़ोतरी के कयास लगी रही होंगी. मौजूदा दौर में महिला क्रिकेटर्स को प्रति वनडे 12,500 रुपये और टी20 के लिए 6250 रुपये भुगतान किया जाता है.
संभावना जताई जा रही है कि, महिला खिलाड़ियों की मैच फीस में भी 25 से 40 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है. वहीं घरेलू क्रिकेटर्स जो बीते सीजन में कोरोना की वजह से रणजी ट्रॉफी का हिस्सा नहीं बन पाए थे उन्हें भी मैच फीस का न्यूनतम 50 प्रतिशत मुआवजा मिलने की उम्मीद है. इसकी मंजूरी बीसीसीआई (BCCI) एपेक्स काउंसिल दे सकती है. इस बारे में बीसीसीआई (BCCI) के एक सूत्र ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बड़ी जानकारी दी है.
इतनी राशि खिलाड़ियों को की है जाती अदा
सूत्र ने इस बारे में पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि,
"इस बात पर कुछ बहस हुई थी कि क्या केवल 2019-20 सत्र में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों पर विचार किया जाएगा या कम से कम पिछले दो सत्रों के खिलाड़ी होंगे."
अंतिम फैसला BCCI के अध्यक्ष गांगुली और सचिव जय शाह को करना है. बोर्ड के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि खिलाड़ियों को 50 फीसदी मुआवजा देना चाहिए.
वर्तमान में रणजी ट्रॉफी खेलने वाले खिलाड़ी जो प्लेइंग 11 में शामिल रहते हैं. उन्हें मैच के दौरान हर दिन 35,000 रुपये दिए जाते हैं. यदि मैच चार दिनों तक चलता है तो खिलाड़ी 1.4 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं. इसका मतलब है कि खिलाड़ियों को एक मैच के लिए 70,000 रुपये मुआवजा राशि मिल सकती है.