गौतम गंभीर को लेकर BCCI ने दूर की सारी कंफ्यूजन, साफ किया कब तक रहेंगे टीम इंडिया के हेड कोच

Published - 28 Nov 2025, 12:18 PM | Updated - 28 Nov 2025, 12:26 PM

Gautam Gambhir

Gautam Gambhir: भारतीय क्रिकेट टीम के हालिया टेस्ट परिणामों ने चारों ओर बहस छेड़ दी है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ घर में 2-0 की हार ने टीम मैनेजमेंट और कोचिंग स्टाफ पर दबाव बढ़ा दिया है।

ऐसे माहौल में सोशल मीडिया पर कयास लगाए जा रहे थे कि क्या हेड कोच को लेकर कोई बड़ा फैसला होने वाला है। लेकिन इसी बीच एक रिपोर्ट ने तस्वीर पूरी तरह साफ कर दी।

हाल ही में आई रिपोर्ट्स में ये खुलासा हो गया है कि क्या बीसीसीआई गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को हेड कोच के पद से हटाने वाला है या नहीं?

BCCI का स्पष्ट संदेश और कोचिंग सेटअप में स्थिरता

दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के हाथों लगी शर्मनाक हार के बाद से ही भारतीय हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) आलोचकों के निशाने पर हैं। लगातार उन्हें इस पद से बर्खास्त करने की मांग उठ रही है। हालांकि, अब बीसीसीआई ने अपना प्लान क्लियर कर दिया है। हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बोर्ड ने यह साफ कर दिया है कि कोचिंग स्ट्रक्चर में अभी किसी भी तरह का बदलाव विचाराधीन नहीं है।

BCCI का मानना है कि मौजूदा चरण टीम के लिए बेहद नाज़ुक है, जहां युवा खिलाड़ियों को ज्यादा अवसर दिए जा रहे हैं और टीम परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। इस स्थिति में कोच बदलना टीम की स्थिरता और तैयारियों पर नकारात्मक असर डाल सकता है, खासकर तब जब आने वाले महीनों में टी 20 वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन होना हो।

बोर्ड की सोच यह है कि लंबी अवधि की योजना के तहत बनाए गए सेटअप पर अचानक लिए गए फैसलों गहरा असर पड़ता है। इसलिए मौजूदा मैनेजमेंट को पर्याप्त समय और स्पेस देना जरूरी है ताकि वे खिलाड़ियों के साथ तालमेल बनाकर टीम को दिशा दे सकें।

दबाव और आलोचना के बीच कोच की भूमिका पर बढ़ती चर्चा

टीम की बल्लेबाज़ी में लगातार आ रही गिरावट और अहम मौकों पर लड़खड़ाते प्रदर्शन ने कोचिंग स्टाफ को आलोचकों के निशाने पर ला दिया है।

हालिया टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम कई जीतने वाली स्थितियों से बाहर हो गई, जिससे सवाल उठना स्वाभाविक है। कई पूर्व खिलाड़ियों ने भी टीम की कमज़ोर रणनीतियों और फैसलों पर हैरानी जताई है।

लेकिन इसके बावजूद बोर्ड का रुख यही है कि कोचिंग टीम को समय दिया जाना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक कोच खुद भी टीम की खामियों से वाकिफ हैं और उनका फोकस खिलाड़ियों को अधिक मैच अनुभव और तकनीकी सुधार देने पर है।

बोर्ड के भीतर यह सोच तेज़ी से मजबूत हुई है कि आलोचना के दौर में बड़े फैसले लेने से टीम की दिशा और ज्यादा भटक सकती है।

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चयन समिति पर उठते सवाल और भविष्य की योजनाएं

एक साल में दो बार घरेलू टेस्ट सीरीज में मिली वाइट वॉश की हार के साथ ही चयन समिति की रणनीतियों पर भी उंगलियां उठ रही हैं। सोशल मीडिया पर कई फैंस चयन में असंगतियों, पिच रणनीति और खिलाड़ियों के क्रम को लेकर असंतोष जता रहे हैं।

हालांकि बोर्ड का यह भी स्पष्ट मत है कि चयन समिति पर भी कोई तुरंत कार्रवाई नहीं होने वाली है। उनका मानना है कि जैसे कोचिंग स्टाफ को स्थिरता मिलनी चाहिए, उसी तरह चयन प्रक्रिया में भी निरंतरता अहम है।

आगे आने वाले वर्षों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने अपनी रोडमैप रणनीति पर जोर देते हुए यह संकेत दिया है कि वह जल्दबाज़ी में कोई बड़ा बदलाव करके टीम में अफरा-तफरी नहीं मचाना चाहता।

युवा खिलाड़ियों के समूह से एक मजबूत टेस्ट टीम बनाने के लिए बोर्ड का लक्ष्य 2027 वर्ल्ड कप तक एक लंबी और स्थायी योजना को आगे बढ़ाना है।

Gautam Gambhir के कोचिंग टर्म को लेकर बनी अनिश्चितता खत्म

बीसीसीआई के सूत्रों ने कहा कि कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) अपना काम पहले की तरह करते रहेंगे और तीनों फॉर्मैट में टीम को कोचिंग देते रहेंगे। यह फैसला दिखाता है कि बोर्ड मौजूदा मुश्किल हालात के बावजूद जल्दबाज़ी में कोई बड़ा बदलाव नहीं करना चाहता।

BCCI का मानना है कि एक मजबूत टीम बनाने के लिए जरूरी है कि कोचिंग और चयन जैसे अहम हिस्सों में स्थिरता रखी जाए और योजनाओं को बिना जल्दबाज़ी के आगे बढ़ने दिया जाए।

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यह लेखक Cricketaddictor का एक सदस्य है जो क्रिकेट से जुड़ी खबरों और विश्लेषण पर लिखता है।

नहीं, BCCI ने पुष्टि की है कि गौतम गंभीर ही तीनों फॉर्मैट में कोच बने रहेंगे।

भारत को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 से हार का सामना करना पड़ा ।